Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या वाकई आंख फड़कना है शुभ-अशुभ का संकेत? साइंस के नजरिए से समझें इसके पीछे की वजह

    Updated: Sat, 22 Mar 2025 08:33 PM (IST)

    आंख फड़कने (Eye Twitching) को लेकर हमारे समाज में कई तरह की धारणाएं प्रचलित हैं। कहीं यह शुभ तो कहीं अशुभ संकेत के रूप में देखा जाता है लेकिन क्या वाकई आंख फड़कना किसी आने वाली घटना का संकेत है या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण मौजूद है (Eye Twitching Superstition or Science)? आइए जानते हैं कि आंख फड़कने की असली वजह क्या है और साइंस इसे कैसे देखता है।

    Hero Image
    Eye Twitching: क्या सचमुच आंख फड़कना देता है शुभ-अशुभ का संकेत? (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Eye Twitching: आपके साथ भी ऐसा जरूर हुआ होगा- अचानक आपकी आंख फड़कने लगी और किसी ने कह दिया, "कुछ अच्छा या बुरा होने वाला है!" दरअसल, हमारे समाज में आंख फड़कने को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं। कोई इसे शुभ संकेत मानता है, तो कोई इसे किसी अनहोनी का इशारा समझता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    खास बात यह है कि अलग-अलग जगहों पर इसके अलग-अलग मतलब होते हैं, लेकिन क्या वाकई आंख फड़कना किसी आने वाली घटना की ओर इशारा करता है या फिर इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण छिपा है (Eye Twitching: Superstition or Science)?

    अगर आप भी इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आप ही के लिए है। यहां हम आपको विज्ञान के नजरिए से आंख फड़कने के असली कारणों (What Causes Eye Twitching) को समझाएंगे और यह भी बताएंगे कि इससे कैसे छुटकारा पाया जा सकता है।

    आंख फड़कने के पीछे के वैज्ञानिक कारण

    आंख फड़कना जिसे मेडिकल टर्म में Eye Twitching (मायोकिमिया) कहा जाता है, एक सामान्य स्थिति है। इसमें आंखों के आसपास की मांसपेशियां अनियंत्रित रूप से सिकुड़ने लगती हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। आइए जानें।

    तनाव और थकान

    अगर आप लंबे समय से तनाव में हैं या पूरी नींद नहीं ले पा रहे हैं, तो आपकी आंखों की मांसपेशियां थकान महसूस करने लगती हैं, जिससे उनकी हलचल बढ़ जाती है। लगातार काम करने, चिंता करने या नींद की कमी के कारण यह समस्या आम हो जाती है।

    ज्यादा कैफीन या अल्कोहल

    अगर आप बहुत ज्यादा चाय, कॉफी या अल्कोहल लेते हैं, तो यह आपकी नसों को एक्टिव कर सकता है। इससे मांसपेशियां असंतुलित हो जाती हैं और आंख फड़कने लगती है।

    डिजिटल स्क्रीन का ज्यादा इस्तेमाल

    आजकल मोबाइल, लैपटॉप और टीवी स्क्रीन का ज्यादा यूज आंखों की थकान को बढ़ा रहा है। अगर आप घंटों स्क्रीन के सामने बैठे रहते हैं, तो आपकी आंखें ड्राई हो जाती हैं और उनमें मांसपेशियों की हलचल बढ़ जाती है।

    यह भी पढ़ें- पूरे दिन कुछ नहीं खाने के बावजूद आपको भी नहीं लगती भूख? फिर जरूर हो सकती हैं ये 5 वजह

    पोषण की कमी

    अगर आपके शरीर में मैग्नीशियम, पोटैशियम या विटामिन B12 की कमी है, तो यह नसों को कमजोर कर सकता है, जिससे आंख फड़कने की समस्या हो सकती है।

    ड्राई आई सिंड्रोम

    अगर आपकी आंखें हमेशा सूखी महसूस होती हैं, तो यह ड्राई आई सिंड्रोम का संकेत हो सकता है। यह समस्या खासतौर पर ज्यादा उम्र के लोगों और कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वालों में देखी जाती है।

    एलर्जी या इंफेक्शन

    कुछ लोगों को आंखों में खुजली या एलर्जी की समस्या होती है। ऐसे में आंखें रगड़ने से उनमें जलन और मांसपेशियों में तनाव बढ़ सकता है, जिससे आंख फड़कने लगती है।

    न्यूरोलॉजिकल कारण (बहुत दुर्लभ)

    अगर आपकी आंख लंबे समय तक लगातार फड़कती रहती है, तो यह ब्लेफरोस्पाज्म या पार्किंसंस डिजीज जैसी न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का संकेत हो सकता है। हालांकि, यह बहुत ही दुर्लभ मामलों में होता है।

    कैसे पाएं इस समस्या से छुटकारा?

    अगर आपकी आंख बार-बार फड़क रही है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आप कुछ आसान उपाय अपनाकर इस समस्या से राहत पा सकते हैं।

    • अच्छी नींद लें: कम से कम 7-8 घंटे की नींद जरूर लें।
    • तनाव को कम करें: मेडिटेशन और योग से मानसिक शांति पाएं।
    • कैफीन और अल्कोहल कम करें: ज्यादा चाय-कॉफी और शराब से बचें।
    • स्क्रीन टाइम सीमित करें: हर 20 मिनट पर आंखों को आराम दें।
    • पौष्टिक डाइट लें: हरी सब्जियां, फल और नट्स खाएं, ताकि शरीर को जरूरी पोषण मिले।
    • ठंडी पट्टी लगाएं: आंखों पर ठंडे पानी की पट्टी रखें, इससे मांसपेशियों को आराम मिलेगा।
    • आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें: अगर आंखों में सूखापन हो, तो डॉक्टर से सलाह लेकर आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें।

    आंख फड़कने से जुड़ी मान्यताएं पीढ़ियों से चली आ रही हैं, लेकिन विज्ञान के अनुसार यह सिर्फ एक सामान्य फिजिकल रिएक्शन है। यह हमारे लाइफस्टाइल, खान-पान और सेहत से जुड़ा होता है। अगर यह कभी-कभी होता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन अगर यह समस्या बार-बार हो रही है और लंबे समय तक बनी रहती है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी हो सकता है।

    यह भी पढ़ें- शरीर में द‍िखे 6 बदलाव तो हो सक‍ती है प्रोटीन की कमी, ये High Protein Food शरीर को बनाएंगे ताकतवर

    comedy show banner
    comedy show banner