Healthy रहने के लिए क्या सचमुच जरूरी है 8 घंटे की नींद? स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
हममें से ज्यादातर लोग मानते हैं कि स्वस्थ शरीर और दिमाग के लिए रोजाना 8 घंटे की नींद लेना जरूरी होता है लेकिन अब एक नई रिसर्च इस 8 घंटे की नींद वाले नियम को एक मिथक बता रही है। जी हां आइए इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं कि क्या सचमुच हर दिन आठ घंटे की नींद चाहिए होती है या फिर ये सिर्फ एक सलाह मात्र है?

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी द्वारा की गई हालिया स्टडी में दावा किया गया है कि हर व्यक्ति को एक तय मात्रा में नींद की जरूरत नहीं होती। रिसर्च के मुताबिक, नींद की जरूरत इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप किस देश, संस्कृति या वातावरण में रहते हैं।
इस अध्ययन में 20 देशों के लगभग 5,000 लोगों को शामिल किया गया। शोध में पाया गया कि कनाडा में औसतन लोग 7 घंटे 27 मिनट सोते हैं, फ्रांस में 7 घंटे 52 मिनट, जबकि जापान में यह समय केवल 6 घंटे 18 मिनट है। हैरानी की बात यह है कि कम नींद लेने वाले देशों के लोग जरूरी नहीं कि ज्यादा बीमार हों। इसका सीधा मतलब यह है कि 8 घंटे की नींद हर किसी के लिए जरूरी नहीं है।
कितनी नींद लेना सही है?
सच तो यह है कि नींद की जरूरत हर इंसान के लाइफस्टाइल, उम्र, सेहत और वातावरण के अनुसार अलग-अलग हो सकती है। एक ऐसी जनरल गाइडलाइन के रूप में 8 घंटे का आंकड़ा दिया गया है, जो ज्यादातर लोगों पर फिट बैठता है, लेकिन यह हर किसी के लिए 'एक ही फॉर्मूले' की तरह काम नहीं करता।
उदाहरण के लिए, जो लोग मोटापे या नींद से जुड़ी बीमारियों जैसे स्लीप एपनिया से जूझ रहे हैं, उन्हें ज्यादा नींद की जरूरत हो सकती है। वहीं, जो लोग बहुत ज्यादा काम करते हैं या मानसिक तनाव से जूझते हैं, उनकी नींद की जरूरतें भी अलग होती हैं।
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क्यों जरूरी है अच्छी नींद?
एक दिन में कम नींद लेने से आप शायद काम तो कर लें, लेकिन यह आपकी सेहत पर धीरे-धीरे असर डालता है। नींद के दौरान शरीर खुद को रिपेयर करता है, बीमारियों से लड़ता है और दिमाग को रीचार्ज करता है।
अगर आप ठीक से नहीं सोते हैं, तो आपकी इम्युनिटी कमजोर हो सकती है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की एक स्टडी के अनुसार, नींद की कमी से तनाव, चिंता, ब्लड शुगर का असंतुलन और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लंबे समय में इसका असर डायबिटीज, मोटापा और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों के रूप में दिख सकता है।
नींद की कमी के संकेत
अगर आपके शरीर में ये लक्षण दिख रहे हैं, तो समझ जाइए कि आपकी नींद पूरी नहीं हो रही है।
मानसिक असर
- फोकस करने में परेशानी
- चिड़चिड़ापन
- भूलने की आदत
- स्ट्रेस मैनेज करने में मुश्किल
शारीरिक असर
- आंखों के नीचे काले घेरे
- थकावट और सिरदर्द
- जल्दी-जल्दी बीमार पड़ना
- वजन बढ़ना या कम न होना
- दिन में लगातार उबासी आना
अगर आपको इनमें से कई लक्षण नजर आ रहे हैं, तो अपने स्लीपिंग पैटर्न पर ध्यान देना जरूरी है।
नींद पर असर डालने वाले फैक्टर्स
हर इंसान की नींद की जरूरत अलग होती है। यह कुछ अहम वजहों से प्रभावित होती है:
- इंटरनल क्लॉक: हमारे शरीर की एक इंटरनल क्लॉक होती है, जो रोशनी और अंधेरे के आधार पर नींद और जागने का समय तय करती है। बता दें, देर रात मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल इस क्लॉक को गड़बड़ा सकता है।
- खराब लाइफस्टाइल: बेवक्त खाना, देर रात कैफीन लेना या जागना आपकी नींद को प्रभावित करता है।
- उम्र: बच्चों और किशोरों को ज्यादा नींद की जरूरत होती है, जबकि बड़े लोग कम नींद में भी ठीक रह सकते हैं।
- स्ट्रेस: ज्यादा स्ट्रेस लेने से शरीर में 'कॉर्टिसोल' हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है, जो नींद को दूर भगाता है।
नींद को बेहतर बनाने के तरीके
- रोज एक ही समय पर सोने और उठने की कोशिश करें
- रात को मोबाइल और स्क्रीन से दूरी बनाएं
- सोने से पहले भारी भोजन और कैफीन से बचें
- बेडरूम को शांत और आरामदायक बनाएं
- तनाव से बचने के लिए मेडिटेशन या योग करें
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Sources:
- The University of British Columbia: https://news.ubc.ca/2025/05/whats-a-healthy-amount-of-sleep/
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