जूस-स्मूदी या साबुत! ज्यादा से ज्यादा फायदे के लिए क्या है फल-सब्जियों को खाने का सही तरीका?
कुछ एक्सपर्ट मानते हैं कि कोई भी फ्रूट जूस नहीं पीना चाहिए। वहीं कुछ इससे मिलने वाले विटामिन एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए इसे फायदेमंद बताते हैं। वेजिटेबल जूस और स्मूदीज को लेकर भी एक्सपर्ट कुछ ऐसे ही तर्क देते हैं तो फिर इन्हें किस तरह खाना सहेत के लिए ज्यादा (how to eat fruits properly) फायदेमंद होगा आइए जानते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में जहां ज्यादातर एक्सपर्ट फ्रूट जूस (:juice vs smoothie vs whole fruits) पीने की सलाह देते हैं वहीं यूके, स्पेन और नीदरलैंड इसे सीमित मात्रा में लेने की बात करते हैं। विटामिन से भरपूर जूस भी कंसन्ट्रेटेड शुगर देते हैं, जोकि मुख्य रूप से फ्रूक्टोज होता है।
डब्लूएचओ का कहना है कि फ्री शुगर, जिसमें फ्रूट जूस भी शामिल है वो आपके रोजाना के कैलोरी के 10% से भी कम होना चाहिए। यह दांतों की सड़न और मोटापे का कारण भी माना जाता है। साथ ही टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को बढ़ाने का भी। फिर ऐसा क्या किया जाए जिससे फलों और सब्जियों का भरपूर फायदा (balanced diet tips) मिल सके।
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कैसे फल या सब्जी खाना उन्हें पीने से अलग है
फलों और सब्जियों को लिक्विड रूप में लेना उन्हें साबुत खाने से काफी अलग है। उन्हें पीने से आपको आंशिक रूप से फलों और सब्जियों का फायदा मिलता है, क्योंकि आपको फाइबर नहीं मिल पाता। साबुत फल चबाने से धीरे-धीरे एंजाइम रिलीज होते हैं, वहीं फ्रूट जूस सीधे आपकी आंतों तक पहुंचकर एब्जॉर्ब हो जाता है और खून में एकदम से ही शुगर रिलीज कर देता है। जिन लोगों की आंतें सेंसिटिव होती हैं, अचानक ही फ्रूक्टोज की ज्यादा मात्रा जाने से कई तरह की परेशानियां पैदा हो सकती हैं।
क्या सब्जियों का जूस ज्यादा बेहतर ऑप्शन है
सब्जियों (best way to consume vegetables) के जूस में बहुत ही कम मात्रा में शुगर होती है और इनमें काफी सारे पोषक तत्व होते हैं। चुकंदर में जहां नाइट्रेट होता है, वहीं गाजर का जूस विटामिन ए से भरपूर और हरी पत्तेदार सब्जियों के जूस में मैग्नीशियम और कैल्शियम पाया जाता है। लेकिन बाजार से खरीदकर लाए गए ग्रीन जूस की तुलना में साबुत सब्जियां खाना कहीं बेहतर है। 2024 में ऑस्ट्रेलिया में हुई स्टडीज बताती है कि इस बारे में आगे और भी रिसर्च की जरूरत है।
क्या स्मूदी फायदेमंद है?
अगर स्मदूीज को साबुत फल और सब्जियों के साथ ब्लेंड करके बनाया जाए तो उसमें भरपूर फाइबर मिलेगा और पोषक तत्व भी। लेकिन बाजार से खरीदकर लाई गई स्मूदी में ये गुण नहीं होते। फ्रूट जूस की तुलना में स्मूदी ज्यादा बेहतर विकल्प है क्योंकि स्मूदी में जूस, गूदा, बीज और स्किन सबकुछ डाला जाता है। इसमें आप दूध, दही, नट बटर, सीड्स और ओट्स जैसी फाइबर से भरपूर चीजें भी मिला सकते हैं। ब्रिटिश न्यूट्रिशन फाउंडेशन का कहना है कि इस दौरान कैलोरी का जरूर ध्यान रखें।
इस तरह मिल सकता है फायदा
फ्रूट या वेजिटेबल जूस बनाते समय लो शुगर वाले फल जैसे बेरीज, सिट्रस फ्रूट्स, कीवी और एवोकाडो को शामिल करें। जूस या स्मूदी बनाते समय उसे पानी या आइस से पतला करना ना भूलें। बच्चों को अगर दे रहे हैं तो उसमें आधा जूस और आधा पानी होना चाहिए। दांतों को सड़न से बचाने के लिए जूस और स्मूदी को खाने के साथ ही लेना सही रहता है, स्कैक या दो मील के बीच के ऑप्शन के रूप में नहीं।
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