Belly Button Cure: नाभि की गंदगी आपको बीमार बना सकती है, जानिए कैसे करें सफाई
Belly Button Cure नाभि में 76 तरह के बैक्टीरिया रहते हैं। ये बैक्टीरियां पसीना डस्ट साबुन और पानी के नाभि में जमने की वजह से भी पनपते हैं जिसकी वजह से नाभि में बदबू हो जाती है। कई बार बैली में ये बैक्टीरियां संक्रमण भी फैला देते हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। हम नहाते समय बॉडी के सभी हिस्सों की सफाई करते हैं, लेकिन अक्सर नाभि की सफाई करना भूल जाते हैं। नाभि यानी बैली बटन पेट का वो निशान होता है जहां जन्म के समय बच्चे की गर्भनाल जुड़ी होती है। आप जानते हैं कि नाभि में 76 तरह के बैक्टीरिया रहते हैं। ये बैक्टीरियां पसीना, डस्ट, साबुन और पानी के नाभि में जमने की वजह से भी पनपते हैं, जिसकी वजह से नाभि में बेहद अजीब सी बदबू हो जाती है। कई बार बैली में ये बैक्टीरियां संक्रमण भी फैला देते हैं। फंगल संक्रमण के कई लक्षण है जैसे नाभि का लाल होना, उसमें खुजली होना, बैली बटन में दर्द होना, बैली बटन से किसी भी रंग का डिस्चार्ज होना और सूजन आना शामिल है। आप भी नाभि संक्रमण से बचना चाहते हैं तो बैली बटन की सफाई रखें। आइए जानते हैं कि कैसे बैली बटन साफ रखकर संक्रमण से बच सकते हैं।
नाभि की सफाई करके कैसे इन्फेक्शन से बचें:
- बैली इंफेक्शन से बचना चाहते हैं तो नहाते समय रोजाना नाभि को धोएं। नाभि को ध्यान से व नरम उँगलियों के साथ साबुन से अच्छे से धोएं। ऐसे साबुन का इस्तेमाल करें जो बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता हो।
- बैली बटन की सफाई के बाद उसे गीला नहीं छोड़ें बल्कि उसे नर्म तौलिए से साफ करें। गीली नाभि में इंफेक्शन का खतरा ज्यादा है।
- नाभि में खुशबुदार टैल्कम पाउडर का इस्तेमाल करें इससे नाभि में बदबू नहीं रहेगी।
- स्पोर्ट्स वाले कपड़ों को नियमित रूप से बदलते रहें। ऐसा करने से पसीना बार-बार नाभि पर नहीं लगेगा और नाभि ड्राई रहेगी।
- ढीले-ढाले कपड़े पहनें जिससे नाभि को सांस मिल सके।
- एक्सरसाइज के दौरान ऐसे कपड़े पहनें जिनमें आपकी स्किन को सांस मिल सके और पसीना भी सोक लें।
- ध्यान रखने योग्य बातें
- अगर बैली की सफाई रखने के बावजूद आपकी बैली बटन से गंदी बदबू आ रही है और दर्द तथा सूजन भी बनी हुई है तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सूजन, दर्द और डिस्चार्ज होने से साफ जाहिर है कि आपकी नाभि में इंफेक्शन हो गया है। ऐसी स्थिति में इ्ंफेक्शन का इलाज एंडीबायोटिक दवा से ही संभव होगा।
Written By: Shahina Noor