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    ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग की सुविधा लाइफ को ईज़ी बनाने से कहीं ज्यादा पहुंचा रही है सेहत को नुकसान

    By Priyanka SinghEdited By: Priyanka Singh
    Updated: Wed, 30 Aug 2023 11:46 AM (IST)

    Food Ordering Addiction घर बैठे-बैठे जो मन चाहा ऑर्डर किया और तुरंत भूख शांत कर ली। नो डाउट ये सुविधा है तो बहुत अच्छी लेकिन धीरे- धीरे ये बनती जा रही है। जिस वजह से लोग सेहत संबंधी कई बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। फूड ऑर्डरिंग एडिक्शन सेहत के साथ- साथ कहीं न कहीं मानसिक सेहत को भी पहुंचाती है नुकसान।

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    Food ordering Addiction: ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग कैसे पहुंचाती है सेहत को नुकसान

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेेस्क। Food Ordering Addiction: इसमें कोई दो राय नहीं कि टेक्नोलॉजी ने कई मायनों में हमारी लाइफ को आसान बनाने का काम किया है। अब लोगों को कहीं आने- जाने के लिए देर-देर तक ऑटो या टैक्सी का इंतजार नहीं करना पड़ा, ऐप से कैब बुक करो और आराम से डेस्टिनेशन पहुंच जाओ। खरीददारी के लिए कैश न भी हो, तो कोई पंगा नहीं, ऑनलाइन पेमेंट करो और मस्त। इन्हीं में शामिल है ऑनलाइन फूड आर्डरिंग भी।

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    नो डाउट ये एक बहुत ही अच्छी सुविधा। जिसकी मदद से लोग घर बैठे-बैठे अपना मनपसंद फूड ऑर्डर कर सकते हैं, लेकिन जहां पहले लोग इस सुविधा का फायदा मजबूरी में उठाते थे वहीं अब धीरे-धीरे ये एक एडिक्शन यानी लत बनती जा रही है। जब जो दिल किया,  फोन उठाया और फटाफट से ऑर्डर किया। मिनटों में खाना आपके पास। यह लत लोगों पर इतनी हावी हो जाती है कि उन्हें वो अपने बढ़ते वजन, बार-बार होने वाली पाचन संबंधी दिक्कतों को भी नजरअंदाज करते रहते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट के नजरिए से, ये एडिक्शन सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालता है।

    1. पोषण को लेकर खराब पसंद

    फूड डिलीवरी के ज्यादातर ऑप्शन्स में फास्ट फूड, प्रोसेस्ड स्नैक्स के अलावा ज्यादा कैलोरी और कम पोषक तत्व वाले फूड शामिल होते हैं। समय के साथ, इन ऑप्शन्स पर निर्भर रहने से असंतुलित डाइट की मात्रा बढ़ जाती है। इससे शरीर में जरूरी विटामिन, खनिज और पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।

    वजन बढ़ना और मोटापा

    ज्यादा कैलोरी वाले और सेहत को नुकसान पहुंचाने वाले फूड से वजन और मोटापा बढ़ सकता है। इस तरह के फूड में अनहेल्दी फैट्स, शुगर और सोडियम की मात्रा अधिक होती है, जिससे मेटाबॉलिज्म बिगड़ सकता है और शरीर में जरूरत से ज्यादा फैट जमा हो सकता है।

    3. कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ

    सेहत को नुकसान पहुंचाने वाले फूड से कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है, जिनमें ब्लड प्रेशर, दिल के रोग और स्ट्रोक आदि शामिल होते हैं। जरूरत से ज्यादा फ्राइड और प्रोसेस्ड फूड्स खाने से शरीर में कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ सकता है और आर्ट्रियल प्लेक जमा हो सकता है।

    4. पाचन की समस्याएं

    जिस संपूर्ण भोजन में फाइबर और पोषक तत्व नहीं होते, उनसे पाचन की समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जैसे - कब्ज, जी मिचलाना और अनियमित बाउल मूवमेंट आदि।

    5. ब्लड-शुगर का असंतुलन

    ज्यादा शुगर और ज्यादा कार्बोहाइड्रेट वाला खाना अनियमित रूप से खाने से ब्लड-शुगर कभी भी कम-ज्यादा हो सकती है। धीरे-धीरे इससे इन्सुलिन के प्रति प्रतिरोधकता पैदा हो जाती है, जिससे टाइप-2 डायबिटीज और दूसरी मेटाबॉलिक परेशानियां हो सकती हैं।

    6. मानसिक स्वास्थ्य पर असर

    फूड ऑर्डर करने के एडिक्शन का नकारात्मक असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। कहा भी गया है जैसा खावै अन्न, वैसा होगा मन, मतलब सादा भोजन सेहत के लिए तो अच्छा होता है साथ ही दिमाग के लिए भी। वहीं तला-भुला खाने से शरीर कई बीमारियों का शिकार होने लगता है, जिससे तनाव, चिंता और डिप्रेशन होने के पूरे-पूरे चांसेज रहते हैं। 

    7. आर्थिक तंगी

    बार-बार बाहर से खाना मंगवाना महंगा पड़ता है। इससे आपका बजट बिगड़ सकता है। खाने पर जरूरत से ज्यादा खर्च के कारण होने वाले आर्थिक तनाव से मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है।

    8. पर्यावरण पर असर

    फूड डिलीवरी के साथ अक्सर पैकेजिंग और वेस्ट जुड़े होते हैं, जिससे प्लास्टिक प्रदूषण जैसी पर्यावरण संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं।

    फूड ऑर्डर करने के एडिक्शन और सेहत पर इसके संभावित परिणामों से निपटने के लिए, लोगों को खाने की सेहतमंद आदतों की ओर रुख करना चाहिए।

    - खाने की योजना बनाना: घर पर ताजी चीजों की मदद से संतुलित खाना तैयार करने की योजना बनाएं और ऐसा ही खाना पकाएं।

    - बदलाव: फूड डिलीवरी को रोज की आदत के बजाय कभी-कभार इसका इस्तेमाल करने में कोई बुराई नहीं।

    - वैराइटी: डाइट में विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट शामिल करने का प्रयास करें।

    - मदद लें: अगर आपको फूड ऑर्डर करने की आदत पर नियंत्रण करने में परेशानी हो रही है, तो इसके लिए किसी रजिस्टर्ड डायटिशियन, थेरपिस्ट या काउंसलर की मदद लें। इनके माध्यम से आपको बेहतर व्यवहार विकसित करने में मदद मिल सकती है। ध्यान रखें कि फूड चॉइस को लेकर जागरूक और सचेत रहना, अच्छी सेहत के लिए बेहद जरूरी है। 

    (Ms. Ekta Singhwal, M.Sc (Dietician), Ujala Cygnus Group of Hospitals से बातचीत पर आधारित)

    Pic credit- freepik