क्या आप भी लगातार कर रहे हैं Night Shift, तो जानें कैसे हो सकता है ये सेहत के लिए हानिकारक
इन दिनों नाइट शिफ्ट का कल्चर तेजी से प्रचलन में आने लगा है। बदलते वर्क कल्चर की वजह से अब दिन के साथ-साथ लोग रात में भी काम करने लगे हैं। हालांकि नाइट ...और पढ़ें

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। वर्तमान में लोगों की लाइफस्टाइल तेजी से बदलने लगी है। रहन-सहन से लेकर लोगों के काम करने के पैर्टन तक में बदलाव हो चुका है। इन दिनों बढ़ती महत्वाकांक्षाओं के चलते वर्क कल्चर में भी बदलाव होने लगा है। दिन के साथ-साथ अब नाइट में वर्किंग का कल्चर में भारत में काफी प्रचलित होने लगा है। ऐसे में नाइट शिफ्ट करने की वजह से सेहत को गंभीर नुकसान होने लगे हैं।
नाइट शिफ्ट स्वास्थ्य के नजरिए से कई मायनों में हानिकारक है। इसकी वजह से शरीर में कई प्रकार की बीमारियां घर करने लगती हैं। लोग कितना भी हेल्दी खा लें या फिर वर्कआउट कर लें, कुछ आदतें सेहत से खिलवाड़ कर देती हैं, जिनमें मुख्य रूप से है रात की नींद पूरी न करना। आइए जानते हैं कि कैसी नाइट शिफ्ट की ड्यूटी कैसे कर रही है आपकी सेहत के साथ खिलवाड़-
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कैसे हानिकारक है नाइट शिफ्ट
नाइट शिफ्ट की ड्यूटी मतलब शरीर की 24 घंटे की इंटरनल क्लॉक को डिस्टर्ब करना। ये क्लॉक हमारी स्लीप वेक साइकिल को संचालित करती है और जब यही डिस्टर्ब हो जाती है, तो इसका असर सेहत पर भी दिखने लगता है।
नाइट शिफ्ट के नुकसान
- कई शोध के अनुसार नाइट शिफ्ट वाले रात में देर से खाना खाते हैं, जिससे इनकी पाचन प्रक्रिया भी डिस्टर्ब होती है। इससे कार्ब्स अच्छे से नहीं पच पाते हैं, जिससे नाइट शिफ्ट की ड्यूटी कर रहे लोगों में हार्ट की बीमारियां और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
- अनियमित और कम नींद लेने से हार्मोनल असंतुलन होता है, जिससे मोटापा बढ़ता है।
- मेटाबोलिज्म धीमा होने के कारण जब खाना अच्छे से पचता नहीं है, तो अपच, ब्लोटिंग, गैस या कब्ज की समस्या भी होने लगती है।
- रात के समय स्किन रिपेयर और हीलिंग मोड में जाती है, लेकिन सही समय पर न सोने के कारण ऐसा नहीं हो पाता है, जिससे हीलिंग प्रोसेस धीमा हो जाता है। ऐसे में शरीर में टॉक्सिन एकत्रित होने लगते हैं, जो कई बीमारियों को न्योता देते हैं।
- रात के समय सुकून की नींद न लेने से ब्रेन को जरूरी इंफॉर्मेशन स्टोर करने का और अनावश्यक बातें फिल्टर कर के क्लियर करने का समय नहीं मिल पाता है, जिससे मेमोरी और कॉग्निटिव फंक्शन में कमी आ जाती है।
- शरीर की नेचुरल सिर्केडियन साइकिल प्रभावित होने के कारण नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों में डिप्रेशन, एंजाइटी, सब्सटेंस एब्यूज जैसी समस्याएं पाई जाती हैं।
- डिप्रेशन और एंजाइटी से जूझने के कारण ये अपने निजी रिश्ते भी खराब कर सकते हैं।
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