Reproductive Hormones: जानें कौन से हार्मोन प्रेग्नेंस के लिए होते हैं जिम्मेदार?
Reproductive Hormones अगर आप फैमिली प्लानिंग कर रहे हैं तो इसके लिए आपके शरीर में कुछ हार्मोन्स का लेवल सही होना बहुत जरूरी है तो आइए जानते हैं गर्भधारण के लिए जरूरी इन हार्मोन्स के बारे में साथ ही ये किस तरह से काम करते हैं। इनमें से कुछ हार्मोन्स महिलाओं से लेकर पुरुषों तक के प्रजनन स्वास्थ्य को कर सकते हैं प्रभावित।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। हॉर्मोन अन्तःस्रावी ग्रंथियों (एंडोक्राइन ग्लैंड्स) द्वारा ब्लडस्ट्रीम में बनाए एवं रिलीज किए जाने वाले केमिकल सिग्नल्स हैं, जो भूख, नींद के साथ और भी कई तरह की शारीरिक क्रियाओं को नियंत्रित करने में मदद
करते हैं। इनमें से कुछ हॉर्मोन्स फर्टिलाइजेशन के लिए भी जिम्मेदार होते हैं। ये हॉर्मोन्स मुख्यतः अधिवृक्क ग्रंथियों (एड्रेनल ग्लैंड्स) और जनन-ग्रंथि (गोनेड्स) द्वारा उत्पन्न किए जाते हैं, जिसमें महिलाओं में अंडाशय (ओवरीज) और पुरुषों में वीर्यकोश (टेस्टिस) शामिल हैं।
गर्भधारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हॉर्मोन्स
एस्ट्रोजन
एस्ट्रोजन हॉर्मोन का एक समूह है, जिसमें एस्ट्राडियोल, एस्ट्रोन और एस्ट्रिओल शामिल हैं। यह गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब और योनि जैसे प्रजनन अंगों के विकास में सहायता करता है। मासिक धर्म के सम्पूर्ण चक्र के दौरान, महिला का एस्ट्रोजन स्तर स्वाभाविक रूप से बढ़ता है। एस्ट्रोजन में यह वृद्धि अंडाशय से अंडे के विकास और उसके रिलीज होने के लिए जरूरी है। एक बार रिलीज़ होने के बाद, अंडा शुक्राणु द्वारा निषेचन के लिए उपलब्ध होता है। इसके अलावा, एस्ट्रोजन मासिक धर्म चक्र को नियमित करने में भी भूमिका निभाता है।
प्रोजेस्टेरोन
दूसरी ओर, प्रोजेस्टेरोन पीरियड और गर्भावस्था में शामिल एक और महत्वपूर्ण हॉर्मोन है। यह मुख्य रूप से ओव्यूलेशन होने के बाद अंडाशय द्वारा निर्मित होता है। प्रोजेस्टेरोन एक्सपेक्टेड प्रेग्नेंसी में सहायता करने के लिए एंडोमेट्रियम को मोटा करने और ब्लड वेसेल्स के विकास को प्रेरित करने में मदद करता है। प्रोजेस्टेरोन का लेवल सही नहीं रहता, तो इससे अनियमित मासिक धर्म चक्र, प्रेग्नेंसी प्लानिंग में दिक्कत और प्रेग्नेंसी के दौरान कई तरह के कॉम्प्लीकेशन्स भी बढ़ सकते हैं।
फॉलिकल-स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन
फॉलिकल स्टिम्युलेटिंग हॉर्मोन (Follicle stimulating hormone) या एफएसएच दो गोनैडोट्रोपिक हॉर्मोन में से एक है। यह हॉर्मोन, ल्यूटिनाइजिंग हॉर्मोन या एलएच के साथ, पिट्यूटरी ग्रंथि से ब्लड सर्कुलेशन में छोड़ा जाता है। ये हॉर्मोन मेल टेस्टिस और महिलाओं में अंडाशय के कार्यों और विकास के लिए जरूरी होता है। अगर आप गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हैं, तो आपका FSH लेवल लगभग 10mlU/ml होना चाहिए। इसमें होने वाला असंतुलन, प्रेग्नेंसी को मुश्किल बना सकता है।
ल्यूटिनाइजिंग हॉर्मोन
ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) एक हार्मोन है जो पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा निर्मित होता है। ये हार्मोन महिलाओं से लेकर पुरुषों तक के लिए जरूरी है। महिलाओं में, यह हार्मोन मासिक धर्म चक्र और अंडे के उत्पादन को नियंत्रित करने में मदद करता है। वहीं पुरुषों में, एलएच टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन करने में मदद करता है।
(डॉ. असवती नायर, फर्टिलिटी कंसल्टेंट, नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी, दिल्ली से बातचीत पर आधारित)
Pic credit- freepik
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