उत्तराखण्ड में सामने आए 100 से ज्यादा Hepatitis C के मामले, यहां जानें इसके लक्षण और फैलने के तरीके
उत्तराखण्ड में पिछले दो महीने से अभी तक 100 से ज्यादा हेपेटाइटिस-सी के मामले (Hepatitis C Outbreak) सामने आ चुके हैं। हेपेटाइटिस-सी एक वायरल इन्फेक्शन है जो लिवर को इफेक्ट करता है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि हेपेटाइटिस-सी के लक्षण कैसे होते हैं यह किस तरह फैलता है और इसकी वजह से लिवर में क्या समस्याएं हो सकती हैं। आइए जानें।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तराखण्ड (Uttarakhand) में पिछले दो महीनों से हेपेटाइटिस-सी के मामले (Hepatitis C Outbreak) तेजी से बढ़ रहे हैं। अब तक वहां लगभग 100 से ज्यादा मामले हेपेटाइटिस-सी के सामने आ चुके हैं।
हेपेटाइटिस-सी लिवर में होने वाला एक इन्फेक्शन है, जो वक्त पर इलाज न मिलने पर गंभीर रूप ले सकता है। आइए जानें हेपेटाइटिस-सी इन्फेक्शन के लक्षण (Hepatitis C Symptoms) कैसे होते हैं और यह किस तरह फैलता है (Hepatitis C Prevention Tips)।
क्या है हेपेटाइटिस-सी?
हेपेटाइटिस-सी एक वायरल इन्फेक्शन है, जो लीवर में गंभीर सूजन पैदा करता है और लीवर को नुकसान पहुंचाता है। यह इन्फेक्शन हेपेटाइटिस-सी वायरस (HCV) के कॉन्टेक्ट में आने के बाद होता है, खासकर तब जब इन्फेक्टेड व्यक्ति के खून के संपर्क में आया जाए। हेपेटाइटिस-सी दो प्रकार का हो सकता है- एक्यूट और क्रॉनिक।
एक्यूट हेपेटाइटिस-सी
एक्यूट हेपेटाइटिस-सी एक कम समय तक होने वाला इन्फेक्शन है, जो आमतौर पर लक्षण पैदा नहीं करता। यदि लक्षण दिखाई भी दें, तो शरीर को इन्फेक्शन से लड़ने और वायरस को खत्म करने में छह महीने तक का समय लग सकता है। ज्यादातर मामलों में, शरीर वायरस को खुद ही खत्म कर देता है।
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क्रॉनिक हेपेटाइटिस-सी
क्रॉनिक हेपेटाइटिस-सी तब होता है जब शरीर इन्फेक्शन से लड़ने में असमर्थ होता है। इस स्थिति में वायरस शरीर में लंबे समय तक रहता है और धीरे-धीरे लीवर को नुकसान पहुंचाता है। क्रॉनिक हेपेटाइटिस-सी वाले लगभग 20-30% लोगों में लीवर सिरोसिस विकसित हो सकता है, जो एक गंभीर स्थिति है।
हेपेटाइटिस-सी कैसे फैलता है?
हेपेटाइटिस-सी वायरस मुख्य रूप से इन्फेक्टेड ब्लड के संपर्क में आने से फैलता है। दुनिया भर में, इंजेक्शन के लिए सुई शेयर करना इस वायरस के फैलने का सबसे आम तरीका है। हालांकि, इन तरीकों से भी इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है-
- खून चढ़ाना- यदि आपको इन्फेक्टेड खून चढ़ाया गया हो।
- किडनी डायलिसिस- डायलिसिस के दौरान इन्फेक्शन का खतरा हो सकता है।
- संक्रमित सुई का इस्तेमाल- स्वास्थ्य कर्मचारी या अन्य लोग, जो इन्फेक्टेड इन्जेक्शन के संपर्क में आते हैं।
- एचआईवी इन्फेक्शन- एचआईवी से पीड़ित लोगों में हेपेटाइटिस-सी का खतरा ज्यादा होता है।
- टैटू या बॉडी पियर्सिंग- यदि उपकरणों को सही तरीके से स्टेरेलाइज न किया गया हो।
- रेजर या टूथब्रश शेयर करना- अगर इन्फेक्टेड व्यक्ति का खून इन चीजों पर लगा हो।
- सेक्शुअल कॉन्टेक्ट- हालांकि, यह कम ही होता है, लेकिन इन्फेक्टेड व्यक्ति के साथ सेक्शुअल संबंध बनाने से भी वायरस फैल सकता है, खासकर यदि उन्हें एचआईवी भी हो।
हेपेटाइटिस-सी के लक्षण
हेपेटाइटिस-सी के लक्षण अक्सर शुरुआती चरणों में दिखाई नहीं देते। हालांकि, एक्यूट हेपेटाइटिस-सी वाले कुछ लोगों में फ्लू जैसे लक्षण दिख सकते हैं। इनमें शामिल हैं-
- पेट दर्द
- शरीर में दर्द
- गहरे रंग का पेशाब
- थकान
- तेज बुखार
- पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला पड़ना)
- जोड़ों में दर्द
- भूख कम लगना
- जी मचलना और उल्टी
- भ्रम और व्यवहार में बदलाव
- ब्लीडिंग
- हथेलियों पर लाल या गहरे रंग की त्वचा
- त्वचा पर मकड़ी जैसे ब्लड वेसल्स
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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