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    240 ग्राम से ज्यादा सब्जी खाने से 65% लिवर कैंसर का खतरा कम, नई रिसर्च में खुलासा

    भारत में शराब के सेवस से होने वाले कैंसर के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। इसी बीच एक नई रिसर्च में दावा किया गया कि सब्जी खाने से लिवर के कैंसर के खतरे में 64 फीसदी की कमी लाई जा सकती है। यह रिसर्च फ्रांस के राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अनुसंधान संस्थान ने की है। 179 रोगियों पर शोध किया गया।

    By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 17 Feb 2025 04:02 PM (IST)
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    सब्जी खाने से कम होता है लिवर कैंसर का खतरा।

    आईएएनएस, नई दिल्ली। भोजन में सब्जियों का काफी महत्व है। अगर यह अच्छी न बने तो खाने का सारा स्वाद खराब हो जाता है। सब्जी हमें गंभीर बीमारी से भी बचाती है। एक अध्ययन के मुताबिक, पर्याप्त मात्रा में सब्जियां खाने से लिवर कैंसर का खतरा 65 प्रतिशत कम हो सकता है।

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    फ्रांस के राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में अध्ययन में सिरोसिस से पीड़ित मरीजों पर शोध किया गया। इन रोगियों में सब्जियां और फल खाने के लाभों की जांच की।

    42.5 फीसदी रोगी नहीं खा रहे पर्याप्त सब्जी

    विश्लेषण किए गए 179 रोगियों में से 20 को हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा (लिवर कैंसर) का पता चला। टीम ने पाया कि सिरोसिस से पीड़ित 42.5 फीसदी रोगी फल और सब्जियों का पर्याप्त मात्रा में सेवन नहीं कर रहे थे। शोधकर्ताओं ने कहा कि 240 ग्राम से अधिक सब्जियां प्रतिदिन खाने वाले सिरोसिस से पीड़ित रोगियों में लिवर कैंसर के मामलों में 65 फीसदी कमी देखी गई।

    लाभदायक साबित हो सकती जानकारी

    टीम ने कहा कि सिरोसिस के रोगियों में फल और सब्जी की खपत और हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा के जोखिम के संबंध में सही तरीके से जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है। हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा की रोकथाम में इस तरह की जानकारी बेहद लाभदायक साबित हो सकती है। यह शोध जेएचईपी जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

    छठा सबसे आम कैंसर है लिवर कैंसर

    लिवर कैंसर दुनिया भर में छठा सबसे आम कैंसर है, जिसका मुख्य रूप से हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाता है, जो लगभग 85-90 प्रतिशत है। यह तब होता है जब लिवर पर ट्यूमर बढ़ता है। हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा सबसे अधिक उन लोगों में होता है जिन्हें क्रोनिक लिवर रोग है। क्रोनिक लिवर रोग के मुख्य कारण शराब और वायरल हेपेटाइटिस हैं, जबकि इसमें अधिक वजन और मोटापा, दूषित खाद्य पदार्थों का सेवन भी शामिल है।

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