Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रात होते ही नजर आता है फैटी हार्ट का ये एक लक्षण, इग्नोर करना पड़ सकता है सेहत पर भारी

    आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली में स्वस्थ रहना मुश्किल है। फैटी हार्ट जिसमें दिल के आसपास चर्बी जमा होती है एक गंभीर समस्या है। यह कई वजहों से व्यक्ति को अपना शिकार बना सकता है। शुरुआती चरणों में लक्षण नहीं दिखते पर बाद में इसके लक्षण नजर आने लगते हैं। आइए जानते हैं इसके ऐसे ही कुछ लक्षण।

    By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Thu, 28 Aug 2025 01:26 PM (IST)
    Hero Image
    क्या है फैटी हार्ट? जानें कारण, लक्षण और बचाव के तरीके (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आज की भागदौड़ भरी दुनिया में, पूरी तरह से स्वस्थ रहना किसी वरदान से कम नहीं है। बदलती लाइफस्टाइल, खराब खान-पान और शारीरिक गतिविधियों की कमी ने लोगों को कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं, खासकर दिल से जुड़ी समस्याओं का शिकार बना दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हममें से ज्यादातर लोगों ने फैटी लिवर रोग के बारे में सुना होगा, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि दिल के आसपास भी चर्बी जमा हो सकती है, जिसे फैटी हार्ट कहते हैं। यह एक साइलेंट लेकिन खतरनाक समस्या है, जो हार्ट फेलियर, एरिथमिया और अन्य जानलेवा समस्याओं के जोखिम को बढ़ा सकती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में बीएम बिड़ला हार्ट हॉस्पिटल में कार्डिओलॉजिस्ट डॉ. अनिल मिश्रा से जानेंगे फैटी हार्ट के कारण, लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में-

    फैटी हार्ट के कारण

    • मोटापा: शरीर में एक्स्ट्रा चर्बी फैटी हार्ट के प्रमुख कारणों में से एक है। जब दिल की मांसपेशियों के आसपास और उसकी सतह पर फैट जमा होने लगता है, तो यह सूजन, फाइब्रोसिस और यहां तक कि हार्ट फेलियर का कारण बन सकता है। यह हार्ट रिदम को भी बाधित करता है, जिससे अक्सर एट्रियल फिब्रिलेशन हो जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि फैटी हार्ट लगभग 55% मोटे व्यक्तियों में पाया जाता है, लेकिन यह लगभग 10% दुबले व्यक्तियों को भी प्रभावित कर सकता है।
    • डायबिटीज: टाइप 2 डायबिटीज मेटाबॉलिज्म संबंधी गड़बड़ी को बढ़ाता है, जिससे दिल और उसके आसपास फैट का जमाव बढ़ जाता है।
    • हाई कोलेस्ट्रॉल: "बैड" कोलेस्ट्रॉल का बढ़ा हुआ लेवल दिल की मांसपेशियों और धमनियों में फैट जमा कर सकता है, जिससे एनजाइना, दिल के दौरे और फैटी हार्ट का खतरा बढ़ जाता है।
    • बहुत ज्यादा शराब: बहुत ज्यादा शराब पीने से लिवर और हार्ट दोनों को नुकसान पहुंचता है, जिससे दिल की मांसपेशियों में फैट जमा हो जाता है।
    • इनएक्टिव लाइफस्टाइल: फिजिकल एक्टिविटी की कमी कैलोरी को खर्च होने से रोकती है, जिससे शरीर में और दिल के आसपास फैट जमा होने लगता है।
    • जेनेटिक कारण: हार्ट डिजीज का पारिवारिक इतिहास व्यक्तियों को फैटी हार्ट का शिकार बना सकता है।

    फैटी हार्ट के लक्षण

    शुरुआती चरणों में, फैटी हार्ट के कारण कोई खास लक्षण दिखाई नहीं दे सकते हैं। हालांकि, जैसे-जैसे यह कंडीशन बढ़ती है, इसके लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:-

    • हार्ट की खराब पंपिंग के कारण लगातार थकान और कमजोरी।
    • हार्ट पर फैट के दबाव से सीने में दर्द या भारीपन।
    • सीढ़ियां चढ़ने जैसी हल्की एक्टिविटी के बाद भी सांस लेने में तकलीफ।
    • अनियमित या असामान्य रूप से तेज दिल की धड़कन।
    • पैरों या पेट में सूजन, जो दिल की खराब फंक्शनिंग का संकेत है।
    • रात में लेटते समय सांस लेने में कठिनाई।

    कैसे करें बचाव

    डॉक्टर बताते हैं कि फैटी हार्ट एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन सही जीवनशैली और समय पर मेडिकल केयर से इसे कंट्रोल किया जा सकता है और रोका भी जा सकता है। अगर आप या आपका कोई जानने वाला पहले से ही फैटी लिवर से पीड़ित है, तो सावधान रहना बेहद जरूरी है, क्योंकि दोनों ही कंडीशन में जोखिम कारक समान होते हैं। इसलिए अपने दिल की सुरक्षा के लिए कुछ आसान तरीके अपना सकते हैं-

    • नियमित एक्सरसाइज के साथ फिजिकली एक्टिव रहें।
    • संतुलित, हार्ट हेल्दी डाइट फॉलो करें।
    • डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखें।
    • शराब सीमित मात्रा में पिएं या उससे बचें।

    यह भी पढ़ें- स्किन पर नजर आएं 3 लक्षण, तो समझ जाएं फैटी हो गया है लिवर; भारी पड़ सकती है अनदेखी

    यह भी पढ़ें- फैटी लिवर बढ़ा सकता है हार्ट फेलियर का खतरा, रिस्क कम करने के लिए रखें इन बातों का ध्यान