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    दिन के इस समय दोगुना हो जाता है हार्ट अटैक आने का रिस्क, इन 6 कारणों से रहना चाहिए सावधान

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 01:37 PM (IST)

    हार्ट अटैक (Heart Attack) के बढ़ते मामले काफी गंभीर चिंता का विषय है। लेकिन क्या आपको पता है दिन के कुछ घंटों में हार्ट अटैक आने का रिस्क काफी ज्यादा बढ़ जाता है और खतरनाक बात यह है कि इस बारे में आपको पता भी नहीं चलता है। आइए जानें किस समय हार्ट अटैक का रिस्क दोगुना हो जाता है।

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    हार्ट अटैक का खतरा कम कैसे करें? (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हार्ट डिजीज आज दुनिया भर में मौत के सबसे बड़े कारणों में से एक है। हाल के कुछ समय में हार्ट अटैक के कई मामले देखने को मिल रहे हैं। वैसे तो हार्ट अटैक किसी भी समय आ सकता है, लेकिन रात (Heart Attack Risk Doubles at Night) के समय या सुबह 4 बजे के आस-पास इसका खतरा ज्यादा होता है।

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    ऐसे में अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर रात के वक्त ही क्यों हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है (Heart Attack During Sleep)। दरअसल, इसके पीछे कोई एक कारण जिम्मेदार नहीं है। रात के समय हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ने के पीछे कई फिजिकल और लाइफस्टाइल से जुड़े कारण जिम्मेदार हैं। आइए जानें इनके बारे में।

    बायोलॉजिकल क्लॉक

    हमारा शरीर 24 घंटे के एक सार्केडियन रिदम पर काम करता है। यह घड़ी हार्मोन के स्तर, ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन को नियंत्रित करती है। रात के समय शरीर आराम की स्थिति में होता है, लेकिन सुबह की ओर बढ़ते हुए अचानक ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन बढ़ जाती है। ऐसे में जिन लोगों की आर्टरीज में प्लाक जमा हो या हाई बीपी की समस्या हो, तो इस दौरान दिल पर दबाव बढ़ने से हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ सकता है।

    रात में ब्लड क्लॉट बनने का खतरा

    रात को लेटकर सोने के दौरान ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता है। ऐसे में कई बार प्लेटलेट्स एक-दूसरे से जुड़ने लगते हैं, जिससे ब्लड क्लॉट बनने का खतरा बढ़ जाता है। यही क्लॉट अगर दिल की आर्टरीज को ब्लॉक कर दे, तो हार्ट अटैक आ सकता है।

    तनाव और नींद की गुणवत्ता

    आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में स्ट्रेस और एंग्जायटी लोगों की नींद को प्रभावित कर रही है। कई लोग ठीक से नहीं सो पाते या बार-बार जागते रहते हैं। स्लीप एप्निया जैसी बीमारी के कारण भी बार-बार नींद में खलल आता है। इसके कारण दिल पर गैर-जरूरी दबाव पड़ता है और रात के समय हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

    शरीर का रिलैक्सिंग मोड में होना

    जब हम सो रहे होते हैं तो शरीर रिलैक्स मोड में होता है। इस दौरान दिल की धड़कन और सांसें धीमी हो जाती हैं। अगर किसी व्यक्ति को पहले से ब्लॉकेज या दिल से जुड़ी समस्या है, तो अचानक किसी हलचल या उठने-बैठने से दिल पर अचानक दबाव पड़ सकता है, जिससे अटैक की संभावना रहती है।

    ठंड का प्रभाव

    ठंडी रातों में हार्ट अटैक का खतरा और बढ़ जाता है। तापमान कम होने पर ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है। यह स्थिति दिल के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

    लाइफस्टाइल और खानपान

    रात को हैवी खाना खाने, देर रात तक जागने, शराब या स्मोकिंग जैसी आदतें भी रात में हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा सकती हैं। अनहेल्दी लाइफस्टाइल भी दिल को कमजोर करती है और अटैक का खतरा कई गुना बढ़ा देती है।

    हार्ट अटैक से बचाव के उपाय

    • नियमित समय पर सोएं और पूरी नींद लें, कम से कम 7 घंटे।
    • स्ट्रेस को मैनेज करने के लिए योग और मेडिटेशन की मदद लें।
    • बैलेंस्ड और हल्का खाना खाएं, खासकर रात में।
    • नियमित एक्सरसाइज और वॉक करें।
    • स्मोकिंग और शराब से दूरी बनाएं।

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    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।