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आइबीएस से ग्रसित रोगियों के लिए अच्छी खबर, आयुर्वेदिक औषधि के साथ मिलेगा आराम

इरिटेबल बाउल सिंड्रोम के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं इनमें तनाव प्रमुख है। इस समस्या में चाकलेट मसाले वसा फल सेम की फली पत्तागोभी फूलगोभी ब्रोकली दूध कार्बोनेटेड पेय पदार्थ अल्कोहल के अलावा हार्मोंस की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 13 Sep 2022 06:57 PM (IST)Updated: Tue, 13 Sep 2022 06:57 PM (IST)
आइबीएस से ग्रसित रोगियों के लिए अच्छी खबर, आयुर्वेदिक औषधि के साथ मिलेगा आराम
पेट की पुरानी समस्या लंबे समय में अन्य बीमारियों व तनाव का बनती है कारण

शैलेश अस्थाना, वाराणसी। पेट की पुरानी बीमारी आमतौर पर ऐंठन, पेट दर्द, सूजन, गैस, दस्त और कब्ज के रूप में सामने आती है। धीरे-धीरे यह मन-मस्तिष्क को प्रभावित कर तनाव व अन्य गंभीर बीमरियों का कारण बनती है। चिकित्सा विज्ञान में इसे इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आइबीएस) कहते हैं। इस समस्या के लंबे समय तक उपचार की आवश्यकता होती है। बीएचयू के काय चिकित्सा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. राजेंद्र प्रसाद व उनके शोध छात्र शनि सिंह ने पाया कि मरीज को आयुर्वेदिक औषधि पंचामृत पर्पटी 250 एमजी व अश्वगंधा चूर्ण 750 एम एक ग्राम दिन में दो बार पानी के साथ दी जाए और साथ में पंचकर्म की मेध्य कषाय शिरोधारा दो सप्ताह तक दी जाए तो यह सर्वाधिक असरकारी होता है।

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60 मरीजों पर किया शोध

इस शोध के लिए 60 मरीजों को तीन समूहों में बांटा गया। पहले समूह को एलोपैथिक औषधि क्लोरडाइजेपोक्साइड 5 एमजी व क्लीनडियम ब्रोमाइड 2.5 एमजी की एक-एक गोली दिन में तीन बार दी गई। दूसरे समूह को आयुर्वेदिक औषधि पंचामृत पर्पटी 250 एमजी व अश्वगंधा चूर्ण 750 एम एक ग्राम दिन में दो बार पानी के साथ दिया गया और तीसरे समूह को आयुर्वेदिक औषधियों के साथ मेध्य कषाय से निर्मित शिरोधारा भी दो सप्ताह दी गई। तीसरे समूह के मरीजों को सबसे ज्यादा लाभ हुआ और वे जल्दी स्वस्थ हुए।

क्या होता है आइबीएस

आंतों की सतह पर मांसपेंशियों की परतें पंक्तिबद्ध रोएंदार होती हैं। वे नियमित लय में फैलती-सिकुड़ती हैं और भोजन को पेट से आंत्र नली के माध्यम से मलाशय में ले जाती हैं। इससे पाचन क्रिया पूरी होती है। आइबीएस में यह संकुचन सामान्य से तेज और अधिक समय के लिए हो सकता है। इससे गैस, सूजन व दस्त की समस्या हो सकती है। इसके उलट कमजोर आंतों का संकुचन भोजन मार्ग को धीमा कर देता है और ठोस-शुष्क मल का कारण बनता है। कई बार महिलाओं में हार्मोनल बदलाव तेज होता है। इसलिए आइबीएस की समस्या होने की आशंका दोगुनी होती है। इसके अलावा माहवारी के दौरान या उसके आसपास भी इसके लक्षण तेज हो जाते हैं।

तनाव समस्या की बड़ी वजह

इरिटेबल बाउल सिंड्रोम के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं, इनमें तनाव प्रमुख है। इस समस्या में चाकलेट, मसाले, वसा, फल, सेम की फली, पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकली, दूध, कार्बोनेटेड पेय पदार्थ, अल्कोहल के अलावा हार्मोंस की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अधिकतर मामलों में तनाव प्रबंधन, उचित आहार, जीवनशैली में परिवर्तन करके इसे नियंत्रित किया जा सकता है। व्यायाम, पर्याप्त तरल पदार्थ और नींद से भी इसमें मदद मिलती है।


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