जीन आधारित ब्लड टेस्ट से पता लगेगा कैंसर वापसी करेगा या नहीं, स्टडी में सामने आए तथ्य
जीन आधारित ब्लड टेस्ट से पता लगाया जा सकता है कि कैंसर वापस आएगा या नहीं। न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय-लैंगोन हेल्थ के शोधकर्ताओं ने 600 पुरुषों और महिलाओं पर शोध किया। इनमें स्टेज 3 मेलेनोमा था जो त्वचा कैंसर के सबसे आक्रामक रूपों में से एक है। भविष्य में उपचार संबंधी निर्णय लेने में इस तरह के आकलन का उपयोग किया जा सकता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। एक अध्ययन में सामने आया है कि खत्म हो रही ट्यूमर कोशिकाओं द्वारा छोड़े गए डीएनए के टुकड़ों की खून में स्तर की निगरानी से कैंसर की पुनरावृत्ति की सटीक भविष्यवाणी की जा सकती है।
न्यूयार्क विश्वविद्यालय-लैंगोन हेल्थ के शोधकर्ताओं ने 600 पुरुषों और महिलाओं पर इसे लेकर शोध किया। इनमें स्टेज 3 मेलेनोमा था, जो त्वचा कैंसर के सबसे आक्रामक रूपों में से एक है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि त्वचा कैंसर के लगभग 80 प्रतिशत रोगियों में ट्यूमर को दबाने के लिए उपचार शुरू करने से पहले परिसंचारी ट्यूमर डीएनए (सीटीडीएनए) के पता लगाने योग्य स्तर होने पर बीमारी की पुनरावृत्ति देखी गई।
इस समूह में रोग उन लोगों की तुलना में चार गुना तेजी से वापस आया, जिनमें बायोमार्कर का कोई पता लगाने योग्य स्तर नहीं था। उनका स्तर जितना अधिक था, कैंसर उतनी ही तेजी से वापस आया।
शोधकर्ता महरुख सईदा ने कहा कि निष्कर्षों से पता चलता है कि परिसंचारी ट्यूमर डीएनए परीक्षण आन्कोलाजिस्टों को यह पता लगाने में मदद कर सकता है कि कौन से मेलेनोमा रोगी उपचार के प्रति सबसे अच्छी प्रतिक्रिया देंगे। भविष्य में, उपचार संबंधी निर्णय लेने में इस तरह के आकलन का उपयोग किया जा सकता है।
यह अध्ययन द लैंसेट आन्कोलाजी पत्रिका में प्रकाशित किया गया। टीम ने कहा कि उपचार के तीन, छह, नौ या 12 महीनों में सीटीडीएनए के पता लगाने योग्य स्तर वाले लगभग सभी लोगों में मेलेनोमा की पुनरावृत्ति देखी गई।
उन्होंने कहा कि अगर जीन के टुकड़े उपचार से पहले दिखाई नहीं देते, लेकिन बाद में नजर आते हैं, तो यह रोग बिगड़ने का संकेत हो सकता है। सईदा ने कहा कि सीटीडीएनए विधि मेलेनोमा कोशिकाओं में आनुवंशिक कोड में सबसे आम उत्परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करके काम करती है। कोशिकाओं के टूटने पर उत्परिवर्तित डीएनए आसपास के खून में फैल जाता है।
टीम ने पाया कि सीटीडीएनए के स्तर का आकलन, ट्यूमर की जांच करने वाले अन्य प्रायोगिक परीक्षणों की तुलना में पुनरावृत्ति की भविष्यवाणी करने में उतना ही अच्छा था, जैसे कि कैंसर कोशिकाओं के समूह के भीतर प्रतिरक्षा गतिविधि को मापने वाले परीक्षण।
इनपुट एजेंसी IANS के साथ
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