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    Vitamin-D की कमी की वजह बन सकते हैं ये फैक्टर्स, शरीर ही नहीं दिमाग को भी हो सकता है गहरा नुकसान

    विटामिन-डी हमारी अच्छी सेहत के लिए एक बेहद जरूरी पोषक तत्व है। इसे सनशाइन विटामिन भी कहा जाता है। यह शरीर में कई अहम भूमिकाएं निभाता है। इसकी कमी की वजह से कमजोर हड्डियां और मांसपेशियों में अकड़न जैसी कई परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे फैक्टर्स के बारे में बताने वाले हैं जो विटामिन-डी की कमी की वजह बन सकते हैं।

    By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Mon, 01 Apr 2024 02:27 PM (IST)
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    इन वजहों से हो सकती है विटामिन-डी की कमी

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Vitamin-D: विटामिन-डी बेहद महत्वपूर्ण विटामिन है, जो शरीर के कई फंक्शन्स को सुचारू रूप से करने के लिए आवश्यक होता है। यह हमारी बोन हेल्थ, इम्यून सिस्टम, नर्वस सिस्टम और मांसपेशियों के लिए काफी जरूरी होता है। इसलिए शरीर में इसकी कमी होना खतरनाक साबित हो सकता है।

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    विटामिन-डी की कमी की वजह से बॉडी में कैल्शियम लेवल भी कम हो जाता है, जिसके कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इस विटामिन की कमी की वजह से थकान, डिप्रेशन, कमजोर इम्युनिटी, मांसपेशियों में क्रैम्प्स और मूड स्विंग जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

    हालांकि, विटामिन-डी की कमी होना बेहद साधारण बात है, जिससे दुनियाभर में काफी लोग पीड़ित हैं। इसके लिए लाइफस्टाइल और खान-पान से जुड़ी कुछ आदतें जिम्मेदार होती हैं। कई बार हमारी हेल्थ कंडिशन या वातावरण की वजह से भी विटामिन-डी की कमी हो सकती है। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसी बातों के बारे में बताने वाले हैं, जो विटामिन-डी की कमी की वजह बन सकते हैं। आइए जानते हैं विटामिन-डी की कमी के कारण।

    त्वचा का रंग डार्क होना

    त्वचा को रंग मेलानिन नाम के एक पिग्मेंट की वजह से मिलता है। जिन लोगों में इसकी मात्रा ज्यादा होती है, उनकी त्वचा का रंग ज्यादा डार्क होता है। मेलानिन की मात्रा ज्यादा होने की वजह से विटामिन-डी की कमी हो सकती है क्योंकि इसकी वजह से त्वचा धूप में विटामिन-डी कम मात्रा में बना पाती है। इसलिए जिन लोगों की त्वचा डार्क होती है, उनमें विटामिन-डी की कमी हो सकती है।

    यह भी पढ़ें: मां के दूध से नहीं हो पाती है इस विटामिन की कमी दूर, जानें नवजात के लिए क्यों जरूरी है विटामिन-डी

    धूप में कम समय बिताना

    धूप विटामिन-डी का सबसे बेहतर स्त्रोत है। धूप में जाने से हमारी स्किन विटामिन-डी बनाती है, लेकिन अब हम धूप में जाने से बचते हैं। टैनिंग और गर्मी से बचने के लिए हम ज्यादातर समय घर के अंदर बिताना पसंद करते हैं। यूवी डैमेज कम करने के लिए सन स्क्रीन लगाते हैं या स्कार्फ आदि का इस्तेमाल करते हैं, जिससे त्वचा को सन एक्पोजर काफी कम मिलता है। इन वजहों से स्किन विटामिन-डी नहीं बना पाती है, जिसकी वजह से विटामिन-डी की कमी होने लगती है।

    डाइट में विटामिन-डी की कमी

    विटामिन-डी डाइट के जरिए ज्यादातर एनिमल प्रोडक्ट्स से मिलता है, जैसे फॉर्टिफाइड दूध, मछली, अंडे, कलेजी आदि। इसलिए जो लोग शाकाहारी होते हैं या वीगन डाइट फॉलो करते हैं, उनमें विटामिन-डी की कमी होने की संभावना ज्यादा रहती है।

    Vitamin D

    मोटापा

    वजन या बॉडी फैट ज्यादा होने की वजह से भी विटामिन-डी की कमी हो सकती है। दरअसल, विटामिन-डी एक फैट सॉल्यूबल विटामिन होता है, जिसके कारण वह फैट सेल्स में इकट्ठा होने लगता है और ब्लड में इसकी कमी हो जाती है।

    किडनी से जुड़ी समसया

    हमारी किडनी विटामिन-डी को उसके एक्टिव फॉर्म में बदलती है, ताकि हमारा शरीर उसे इस्तेमाल कर सके, लेकिन किडनी डिजीज की वजह से या बढ़ती उम्र के कारण किडनी ऐसा करने में असमर्थ होने लगती है। इस कारण भी विटामिन-डी की कमी हो सकती है।

    इंटेस्टाइन से जुड़ी परेशानी

    कई बार कुछ बीमारियों की वजह से हमारा इंटेस्टाइन विटामिन-डी को अच्छे से अब्जॉर्ब नहीं कर पाता है। क्रॉन्स डिजीज या सिस्टिक फाइब्रोसिस की वजह से विटामिन-डी का अब्जॉर्प्शन कम हो जाता है, जिसके कारण शरीर में इसकी कमी होने लगती है।

    यह भी पढ़ें: कैसे करें विटामिन-डी की कमी दूर?

    Picture Courtesy: Freepik