Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Vitamin-D Deficiency: बच्चों में विटामिन-डी की कमी से नजर आते हैं ये लक्षण, बचाव के लिए अपनाएं ये तरीके

    विटामिन-डी हमारी सेहत के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। बच्चों में इस पोषक तत्व की कमी की वजह से उनके विकास में रुकावट आ सकती है। इसकी वजह से बच्चे रिकेट्स का शिकार हो सकते हैं। इसलिए उनमें विटामिन-डी की सही मात्रा मौजूद होना बेहद आवश्यक है। जानें बच्चों में विटामिन-डी की कमी की वजह से क्या परेशानियां हो सकती हैं और कैसे बचाव कर सकते हैं।

    By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Fri, 01 Mar 2024 06:38 PM (IST)
    Hero Image
    इन लक्षणों से करें बच्चों में विटामिन-डी की कमी की पहचान

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Vitamin-D Deficiency in Children: विटामिन-डी हमारी सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण विटामिन है। यह शरीर के कई महत्वपूर्ण फंक्शन्स के लिए जरूरी होता है। इसकी कमी की वजह से सेहत से जुड़ी कई परेशानियां हो सकती हैं। हालांकि, धूप में कम से कम समय बिताने की वजह से इस जरूरी पोषक तत्व की कमी लगभग हर दूसरे व्यक्ति में देखने को मिल सकती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विटामिन-डी की कमी को विटामिन-डी डेफिशिएंसी (Vitamin-D Deficiency) कहा जाता है। यह शरीर के कई जरूरी फंक्शन्स को प्रभावित करता है। बच्चों में इसकी कमी काफी खतरनाक साबित हो सकती है। आइए जानते हैं, विटामिन-डी की कमी से बच्चों की सेहत कैसे प्रभावित हो सकती है और कैसे इसकी कमी को दूर किया जा सकता है।

    यह भी पढ़ें: आप भी बनाना चाहते हैं अपने बच्चों को स्ट्रॉन्ग, तो आज ही लाएं अपनी इन आदतों में बदलाव

    क्यों जरूरी है विटामिन-डी?

    क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक, विटामिन-डी कैल्शियम की सही मात्रा को बरकरार रखने में मदद करता है, जिससे ब्लड और हड्डियों में कैल्शियम की कमी नहीं होती और हड्डियां मजबूत रहती हैं। विटामिन-डी के बिना शरीर कैल्शियम और फास्फोरस का इस्तेमाल नहीं कर पाती है। इस वजह से कैल्शियम की मात्रा काफी कम होने लगती है और हड्डियां व टिश्यू कमजोर होने लगते हैं।

    विटामिन-डी की कमी की वजह से थायरॉइड की समस्या भी हो सकती है। इस कारण से हाइपोपैराथायरॉइडिज्म की समस्या हो सकती हैं, जिस कारण से डिप्रेशन, मसल क्रैंप, थकान आदि की समस्या हो सकती है।

    बच्चों के लिए यह काफी गंभीर समस्या हो सकती है क्योंकि कैल्शियम की कमी की वजह से शरीर हड्डियों से कैल्शियम लेने लगता है, जिस कारण से सॉफ्ट बोन्स या रिकेट की समस्या भी हो सकती है। इस कंडिशन में हड्डियां टेढ़ी-मेढ़ी बनती हैं और विकास में रुकावट हो सकती है। विटामिन-डी की कमी की वजह से बच्चों के मानसिक विकास में भी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए उनमें इसकी कमी होना काफी खतरनाक साबित हो सकता है।

    vitamin D

    कैसे करें बचाव?

    हालांकि, कुछ तरीकों से बच्चों में विटामिन-डी की कमी को होने से रोका जा सकता है। आइए जानते हैं कैसे-

    • बच्चों को रोज कुछ समय के लिए धूप में खेलने भेजें, ताकि स्किन सन लाइट को अब्जॉर्ब कर सके और विटामिन-डी बना सके। इससे उनकी एक्सरसाइज भी होगी और वे एक्टिव रहेंगे, जो उनके स्वास्थय के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।
    • डाइट में ऐसे फूड आइटम्स को शामिल करें, जिनमें विटामिन-डी मौजूद, जैसे- मशरूम, अंडे की जर्दी, कॉड लिवर ऑयल, फैटी फिश ( साल्मन, सार्डिन, मैकरल आदि)। इसके अलावा फॉर्टिफाइड फूड आइटम्स भी बाजार में मौजूद हैं, जिन्हें आप अपने बच्चों की डाइट में शामिल कर सकते हैं।

    यह भी पढ़ें: क्यों मनाया जाता है Endometriosis Awareness Month और क्या है इस साल की थीम

    Picture Courtesy: Freepik