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    रात में लाइट जलाकर सोने से बढ़ता है हार्ट फेल होने का खतरा, स्ट्रोक का भी रहता है जोखिम

    Updated: Sat, 25 Oct 2025 08:36 AM (IST)

    एक अध्ययन के अनुसार, रात में लाइट जलाकर सोने से दिल की बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है, जिसमें हार्ट फेलियर और स्ट्रोक शामिल हैं। रात में तेज रोशनी के संपर्क में आने से, खासकर 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में, हृदय रोगों का जोखिम 56% तक बढ़ सकता है। 

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    क्या आप भी रात में लाइट जलाकर सोते हैं? (Picture Courtesy: Freepik)

    प्रेट्र, नई दिल्ली। अगर आप रात में लाइट जलाकर सोते हैं, तो सावधान हो जाएं। एक अध्ययन के अनुसार, रात में लाइट जलाकर सोने से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाती हैं। इसमें हार्ट फेल होना, स्ट्रोक आना और हार्टबीट तेज होना जैसी समस्याएं शामिल हैं। 

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    एक नए अध्ययन के अनुसार, रात में तेज रोशनी के संपर्क में आना जिसमें फोन पर स्क्रॉल करना भी शामिल है, हार्ट फेल होने के 56 प्रतिशत अधिक जोखिम से संबंधित हो सकता है। यह 40 वर्ष और उससे अधिक आयु के युवाओं में हृदय रोगों का एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक हो सकता है। आस्ट्रेलिया के फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यूके में लगभग 89,000 लोगों द्वारा पहने गए सेंसर के माध्यम से एकत्रित 130 लाख घंटे से अधिक की रोशनी के संपर्क के डाटा का विश्लेषण किया। प्रतिभागियों का फालोअप नौ वर्षों से अधिक समय तक किया गया।

    युवाओं में बढ़ा हृदय संबंधी रोग 

    रात में रौशनी के संपर्क में आने को हार्ट अटैक का 47 प्रतिशत, कोरोनरी आर्टरी रोग का 32 प्रतिशत और हार्ट स्ट्रोक का 28 प्रतिशत अधिक जोखिम से भी जोड़ा गया। लेखकों ने अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जेएएमए) नेटवर्क ओपन में प्रकाशित अध्ययन में लिखा कि रात में रोशनी के संपर्क में आना 40 वर्ष से अधिक आयु के युवाओं में हृदय रोगों के होने के लिए महत्वपूर्ण कारक था ।

    फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के शोध सहयोगी और मुख्य लेखक डैनियल विंड्रेड ने कहा, यह पहला बड़ा अध्ययन दिखाता है कि रात में रोशनी के संपर्क में आना हृदय रोग के लिए एक मजबूत और स्वतंत्र खतरे का कारक है। विंड्रेड ने कहा कि जब आप रात में तेज रोशनी के संपर्क में आते हैं, जबकि सामान्यतः उस समय अंधेरा होता है तो यह आपके शरीर की आंतरिक सर्केडियन घड़ी को बाधित करते हैं, जिससे आपको खतरनाक हृदय समस्याओं का अधिक जोखिम होता है।

    फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य कॉलेज के प्रोफेसर और वरिष्ठ सह-लेखक शॉन केन ने कहा कि अध्ययन में यह भी पाया गया कि महिलाएं और युवा लोग रात में रोशनी के संपर्क के प्रभाव के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील थे। महिलाएं अपनी शरीर की घड़ी को बाधित करने वाले प्रकाश के प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जो सकती हैं, जो पहले के शोध निष्कर्षों का समर्थन करता है। ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है।

    खतरे से बचने के लिए ये करें उपाय

    केन ने कहा कि वास्तव में रात में उच्च स्तर की रोशनी के संपर्क में आने वाली महिलाओं का हार्ट फेल होने का खतरा पुरुषों के समान था, जो असामान्य है क्योंकि महिलाओं में आमतौर पर हृदय रोग के खिलाफ कुछ प्राकृतिक सुरक्षा होती है। शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया कि रात में रोशनी से बचना हृदय रोगों के जोखिम को कम करने के लिए एक उपयोगी रणनीति हो सकती है। उन्होंने कहा कि ब्लैकआउट पर्दे का उपयोग, रोशनी को मंद करना और सोने से पहले स्क्रीन से बचना रात में रोशनी के संपर्क से संबंधित स्वास्थ्य संबंधी खतरों को कम करने में मदद कर सकता है।

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