Bird Flu से लड़ने के लिए वैज्ञानिकों ने बनाया खास AI टूल, मिनटों में करेगा संक्रमण की पहचान
बर्ड फ्लू (एवियन इंफ्लूएंजा) की पहचान अब और भी तेजी से हो सकेगी। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक नया जेनेटिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल बनाया है जो बर्ड फ्लू संक्रमण को जल्दी पकड़ लेता है। मिनेसोटा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि ये उपकरण बर्ड फ्लू से संक्रमित मरीजों की पहचान करता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बर्ड फ्लू या एवियन इंफ्लूएंजा एक ऐसी बीमारी है, जिसने कई बार दुनियाभर में चिंता बढ़ाई है। यह मुख्य रूप से पक्षियों में फैलती है और कभी-कभी इंसानों को भी प्रभावित कर देती है। इसकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसके लक्षण आम फ्लू जैसे होते हैं, जैसे बुखार, खांसी, जुकाम या गले में खराश। यही वजह है कि शुरुआती चरण में इसे पहचानना कठिन हो जाता है।
समय रहते पहचान और उपचार न मिलने पर यह गंभीर रूप ले सकता है, जिसमें सांस लेने में तकलीफ और निमोनिया तक हो सकता है। लेकिन अब बर्ड फ्लू (एवियन फ्लू) जैसी खतरनाक बीमारी की पहचान और तेजी से हो सकेगी। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक नया जेनेटिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल बनाया है, जो बर्ड फ्लू संक्रमण को जल्दी पकड़ लेता है। ये वायरस एवियन इन्फ्लूएंजा या बर्ड फ्लू के रूप में जाना जाता है और यह अन्य जानवरों में भी फैल सकता है।
अमेरिका के वैज्ञानिकों ने किया रिसर्च
अमेरिका की मिनेसोटा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि ये उपकरण बर्ड फ्लू से संक्रमित मरीजों की पहचान करता है। टीम ने जनवरी 2024 में शहरी, उपनगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों के आपातकालीन विभाग में मरीजों द्वारा किए गए 13,494 विजिट का विश्लेषण किया। इन मरीजों में पाए गए तीव्र श्वसन रोग (जैसे खांसी, बुखार, जुकाम) या कंजक्टिवाइटिस था जो बर्ड फ्लू संक्रमण के लक्षणों से मेल खाते हैं।
14 मरीजों में हुई पुष्टि
यह उपकरण दुर्लभ मामलों में भी बर्ड फ्लू संक्रमण की पहचान करने में सक्षम रहा। इस दौरान 76 लोगों को चिन्हित किया। इसके बाद शोधकर्ताओं द्वारा संहित समीक्ष के बाद, 14 मरीजों की पुष्टि की गई जिन्होंने हाल ही में एवियन फ्लू से जाने वाले जानवरों के संपर्क में आने का अनुभव था। इनमें जंगली पक्षी और पशुपालन शामिल थे। इन मरीजों की विशेषताओं के आधार पर उपकरण ने संक्रमण की पुष्टि नहीं की लेकिन उनके लक्षणों की पहचान करने में सफल रहा।
क्लिनिकल इंफेक्शियस डिजीज जर्नल में प्रकाशित हुई है स्टडी
शोधकर्ताओं के अनुसार, यह जेनेटिक एआई हमारे सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे में उच्च जोखिम वाले मामलों की पहचान करने में मदद कर सकता है और संक्रमण के प्रसार को रोकने में सहायक हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमें बर्ड फ्लू जैसे वायरस के प्रति सतर्क रहना होगा और सुरक्षा के लिए प्रारंभिक लक्षणों पर नजर बनाए रखनी होगी। आपको बता दें कि ये स्टडी क्लिनिकल इंफेक्शियस डिजीज जर्नल में प्रकाशित की गई है।
कितना घातक है एवियन इन्फ्लूएंजा
बर्ड फ्लू या एवियन इन्फ्लूएंजा, एक वायरल बीमारी है जो मुख्य रूप से पक्षियों में फैलती है, खासकर जलीय पक्षियों में। यह वायरस मनुष्यों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन ऐसे दुर्लभ मामलों में होता है और आमतौर पर संक्रमित पक्षियों के सीधे संपर्क में आने से होता है। बर्ड फ्लू के कई प्रकार होते हैं, कुछ पक्षियों के लिए बहुत खतरनाक (अत्यधिक रोगजनक) और कुछ कम खतरनाक होते हैं। बर्ड फ्लू के लक्षण सामान्य फ्लू जैसे हो सकते हैं जैसे बुखार, खांसी या गले में खराश, साथ ही मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द, आंखों में जलन, और गंभीर मामलों में निमोनिया और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।
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