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    क्या सचमुच दिमागी थकान और चिंता को कम करती है शराब? स्टडी में सामने आया चौंकाने वाला सच

    Updated: Wed, 05 Feb 2025 07:03 PM (IST)

    दिनभर की भागदौड़ के बाद शरीर को आराम देने के लिए अगर आप भी Alcohol का सहारा लेते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। दरअसल ताजा स्टडी बताती है कि इससे शुरुआत में भले ही आपकी चिंता थोड़ी कम हो जाए पर इसका असर बस थोड़ी देर के लिए ही रहता है। आइए जानें शराब मेंटल हेल्थ (Alcohol And Mental Fatigue) पर किस तरह असर डालती है।

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    क्या शराब पानी से कम होती है चिंता और दिमागी थकान? जानें क्या कहती है स्टडी (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Alcohol And Mental Fatigue: आज की तेज-रफ्तार जिंदगी में तनाव और दिमागी थकान एक आम समस्या बन गई है। ऑफिस की डेडलाइन्स, पारिवारिक जिम्मेदारियां और सामाजिक दबाव के बीच लोग अक्सर अपने दिमाग को शांत करने के लिए कई तरीके अपनाते हैं।

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    इनमें से एक तरीका शराब पीना भी है। कई लोग मानते हैं कि शराब पीने से उनका तनाव कम होता है और दिमागी थकान से राहत मिलती है। लेकिन क्या असल में शराब दिमागी थकान को कम करती है? हाल ही में हुई एक स्टडी ने इस सवाल (Alcohol And Anxiety) का जवाब ढूंढने की कोशिश की है और इसके नतीजे काफी चौंकाने वाले हैं।

    शराब और दिमागी थकान का कनेक्शन

    शराब पीने के बाद, जैसे ही अल्कोहल आपके शरीर में जाता है, यह आपके दिमाग और शरीर पर तुरंत असर डालना शुरू कर देता है। शुरुआत में, आप थोड़ी देर के लिए शांत और स्ट्रेस फ्री महसूस कर सकते हैं, क्योंकि अल्कोहल आपके दिल की धड़कन को धीमा कर देता है और आपकी एक्टिविटी को कम कर देता है। इसका मतलब है कि पहली बार व्हिस्की या वाइन पीने पर, अल्कोहल का शांत करने वाला असर आपको अस्थायी रूप से चिंता से राहत दिला सकता है।

    लेकिन, यह याद रखना जरूरी है कि अल्कोहल का यह असर हमेशा के लिए नहीं होता है। करम एट अल (2010) के शोध के अनुसार, हालांकि अल्कोहल शुरू में चिंता विकारों से पीड़ित लोगों के लिए चिंता के लक्षणों को कम कर सकता है, लेकिन यह राहत टेम्परेरी होती है। इसका मतलब है कि अल्कोहल चिंता का परमानेंट समाधान नहीं है और हकीकत में, लंबे समय में यह चिंता को और भी बदतर बना सकता है।

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    लंबे समय में शराब का पड़ता है ऐसा असर

    शुरुआत में, शराब पीने से थोड़ी शांति मिलती है, पर बाद में यह चिंता और बढ़ा सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शराब दिमाग के रसायनों के संतुलन को बिगाड़ देती है। दिमाग में सेरोटोनिन और डोपामाइन नाम के कुछ रसायन होते हैं जो हमारे मूड को ठीक रखते हैं। ज्यादा शराब पीने से इन रसायनों का संतुलन बिगड़ जाता है और चिंता बढ़ सकती है।

    शराब पीने के बाद जब नशा कम होने लगता है तो चिंता बढ़ सकती है। जो लोग चिंता से परेशान होते हैं, उनमें शराब पीने की लत लगने का खतरा ज्यादा होता है। वो लोग शराब से अपनी चिंता को कम करने की कोशिश करते हैं, लेकिन इससे उनकी हालत और खराब हो सकती है। चिंता और शराब की लत एक दूसरे को और बढ़ा सकते हैं।

    लोग कई बार चिंता दूर करने के लिए शराब पीने लगते हैं, पर ये एक साइकल बन सकता है। कुछ समय के लिए तो शायद चिंता कम हो जाए, लेकिन लंबे समय में ये और बढ़ जाती है, जिससे और ज्यादा शराब पीने की आदत लग सकती है। रिसर्च से साफ पता चलता है कि रोज शराब पीने से चिंता और उसकी समस्याएं बढ़ सकती हैं और ये लत और मानसिक तनाव का कारण बन सकता है। तो अगली बार जब आप तनाव में हों और शराब पीने के बारे में सोचें, तो ये याद रखें कि ये आपके लिए ठीक नहीं है।

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