डॉक्टर ने बताया चमकते दांतों का राज! इन टिप्स को फॉलो करने से कभी नहीं होगी ओरल हेल्थ की समस्या
संपूर्ण स्वास्थ्य की बात तो सभी करते हैं लेकिन इनमें ओरल हेल्थ को अक्सर ही नजरअंदाज कर दिया जाता है। इसके कारण दांत और मसूड़ों में दर्द सड़न और गलन जैसी परेशानियां होने लगती हैं। हालांकि डॉक्टर की बताई छोटी-छोटी बातों (Oral Care Tips) का ध्यान रखकर आप दांतों में होने वाली बड़ी समस्याओं को दूर रख सकते हैं। आइए जानें कैसे।
सुमन अग्रवाल, नई दिल्ली। खूबसूरत हंसी और तरोताजा सांस के लिए जरूरी है ओरल हेल्थ केयर। खराब ओरल हेल्थ से न केवल दांतों में गंभीर बीमारियां होती हैं, बल्कि दिल की बीमारियों, डायबिटीज जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं भी पनपने लगती हैं। यही नहीं, कैविटी, मुंह में बदबू, मसूड़ों से खून आना, सूजन जैसी समस्याएं भी ओरल हेल्थ का ध्यान न रखने की वजह से ही होती है। जब भी हमे दांत दर्द होता है तो बगैर कारण समझे हम बस कोई भी पेनकिलर दवा ले लेते हैं और यही बाद में जाकर बड़ी बीमारी की वजह बन जाती है| अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन (एडीए) के अनुसार, खाने के बाद दांत और मसूड़ों के बीच में जो खाना फंसता है, वही सड़कर दांतों में कई तरह की बीमारियां पैदा करता है।
पीरियोडाटाइटिस
दांत का दर्द सुनने में आम लगता है, लेकिन यह कब गंभीर बन जाता है, पता ही नहीं चलता। इसमें कैविटी ( दांतों का सड़ना), मसूड़ों की बीमारी (पेरियोडोंटल डिजीज), दांतों का दर्द और छाले शामिल हैं। दांतों से संबंधित सबसे गंभीर समस्या मसूड़ों से शुरू होती है। ओरल हाइजीन की कमी की वजह से मसूड़ों में सूजन आने लगती है, इसे पीरियोडोंटाइटिस कहते हैं। इसमें मसूड़ों और दांतों को सहारा देने वाली हड्डियां नष्ट होने लगती है। यह आमतौर पर प्लाक और टार्टर के कारण होता है।
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मसूड़ों में सूजन
मसूड़ों की बीमारी प्लाक और टार्टर में पाए जाने वाले बैक्टीरिया के कारण होती है। प्लाक एक चिपचिपी परत सी होती है, जो दांतों पर चिपक जाती है। यह ज्यादातर बैक्टीरिया, बलगम, भोजन और अन्य कणों से बनती है। कई बार दांत के आसपास सूजन और रक्तस्राव बढ़ जाता है। यह तब होता है, जब प्लाक में मौजूद बैक्टीरिया दांत से मसूड़ों के जुड़ाव को तोड़ना शुरू कर देते है। इससे मसूड़े दांतो से दूर हो जाते है और संक्रमित सामग्री अपनी जगह बना लेती है ।
दांत की समस्या के लक्षण
- सांसों की बदबू, जो लंबे समय तक बनी रहती है
- लाल, सूजे हुए, पीड़ादायक मसूड़े
- मसूड़ों से खून आना
- मसूड़े जो दांतों से खुल जाते हैं
- खाना चबाते समय दर्द होना
- ढीले संवेदनशील दांत
कैसे रखें दांतों का ख्याल?
डॉ. लक्ष्मी टंडन दंत रोग विशेषज्ञ अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल दिल्ली बताती हैं कि अगर आप नियमित रूप से दांतों का खयाल रखते हैं तो किसी बात से डरने की जरूरत नहीं है। अगर आप छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज करते हैं तो दांतों को उखाड़ने तक की नौबत आ जाती है। ज्यादातर दांतों को सड़न से बचाने के लिए फिलिंग- कैपिंग की जाती है, लेकिन समस्या बड़ी होने पर सर्जरी की जरूरत भी पड़ती है। ऐसे मे नुस्खे आजमाने के बजाय डाक्टर से सलाह जरूर लें।
डॉक्टर के सुझाव
- ओरल केयर के लिए मीठी चीजों से दूर रहे
- धूमपान से बचे, कैफीन का सेवन कम करें
- अल्कोहल या नशीले पदार्थों से दूर रहे
- ओरल हाइजीन के लिए सही आहार ले
- दिन में दो बार ब्रश जरूर करें
- माउथ वाश प्रयोग करना ना भूलें
- फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट इस्तेमाल करें
फ्लॉसिंग क्यों है जरूरी
फ्लॉस एक ऐसा पतला धागा या टेप है, जिसके उपयोग से दांतों के बीच और मसूड़ों के नीचे की सफाई की जाती है, जहां ब्रश नहीं पहुंच पाता। यह भोजन, प्लाक और अन्य मलबे को हटाने में मदद करता है, जो कैविटी, मसूड़ों की बीमारी और सांसों की दुर्गंध का कारण बनते हैं।
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