क्या आप भी जरा-सा परेशान होते ही लगते हैं खाने? तो समझें Stress Eating से बचाव करने के तरीके
क्या आप भी जब तनाव में होते हैं तो कुछ न कुछ खाना शुरू कर देते हैं? अगर हां तो हो सकता है आप स्ट्रेस ईटिंग करते हों। स्ट्रेस ईटिंग सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए जरूरी है कि इसके पीछे की वजह को समझा जाए और इसे काबू में करने (Tips to Prevent Stress Eating) की कोशिश की जाए। आइए जानें स्ट्रेस ईटिंग को रोकने के कुछ टिप्स।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Stress Eating Prevention: स्ट्रेस ईटिंग एक आम समस्या है, जिसमें लोग तनाव, एंग्जायटी या किसी इमोशनल उतार-चढ़ाव से डील करने के लिए ज्यादा मात्रा में खाना शुरू कर देते हैं। यह एक कॉम्प्लेक्स मुद्दा है, जिसमें साइकोलॉजिकल, फिजिकल और सोशल फैक्टर शामिल होते हैं।
स्ट्रेस ईटिंग के कारण
- भावनात्मक खालीपन को भरना- जब हम तनावग्रस्त होते हैं, तो हम अक्सर भावनात्मक रूप से खाली महसूस करते हैं। खाना खाने से हमें एक टेंपररी सैटिसफेक्शन मिलता है और हमारी भावनाओं को थोड़ा सा शांत करने में मदद मिलती है।
- रिवॉर्ड सिस्टम- जब हम खाना खाते हैं, तो हमारे दिमीग में डोपामाइन नाम का एक केमिकल निकलता है, जो हमें खुशी का एहसास कराता है। तनावग्रस्त होने पर, हम इस रिवॉर्ड सिस्टम को एक्टिव करके तनाव से राहत पाने की कोशिश करते हैं।
- इमोशन्स को दबाना- कई लोग तनाव के समय अपने इमोशन्स को दबा लेते हैं। खाना खाने से वे अपनी भावनाओं से ध्यान हटा सकते हैं और खुद को बिजी रख सकते हैं।
- आदत- बार-बार तनाव में खाने से यह एक आदत बन जाती है। जब भी हम तनाव महसूस करते हैं, तो हमारा दिमाग खुद-ब-खुद खाने की ओर आकर्षित होने लगता है।
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स्ट्रेस ईटिंग से बचा कैसे जाए?
स्ट्रेस मैनेजमेंट
- योग और मेडिटेशन- ये तकनीकें मन को शांत करने और तनाव को कम करने में मदद करती हैं।
- गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज- यह शरीर को शांत करने और तनाव को कम करने में मदद करता है।
- प्रकृति में समय बिताना- प्रकृति के साथ जुड़ने से तनाव कम होता है।
- फिजिकल एक्टिविटी- एक्सरसाइज शरीर में एंडोर्फिन नाम के हार्मोन को रिलीज है, जो मूड को बेहतर बनाता है।
हेल्दी डाइट
- बैलेंस्ड डाइट- पौष्टिक खाना खाने से शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं और भूख को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
- छोटे-छोटे पोर्शन में खाना- दिन में कई बार छोटे-छोटे पोर्शन में खाना खाने से भूख लगने की भावना कम होती है।
- पानी पीना- कभी-कभी प्यास को भूख समझ लिया जाता है, इसलिए भरपूर मात्रा में पानी पीना जरूरी है।
इमोशनल जागरूकता
- जर्नलिंग- अपनी भावनाओं को लिखने से उन्हें समझने और उन पर काबू पाने में मदद मिलती है।
- थेरेपी- एक थेरेपिस्ट के साथ बातचीत करने से अंदर के इमोशनल मुद्दों को हल करने में मदद मिल सकती है।
- सपोर्ट ग्रुप- दूसरे लोगों के साथ जुड़ने से आपको समझ आएगा कि आप अकेले नहीं हैं।
डेली रूटीन
- नींद- पूरी नींद लेने से तनाव कम होता है।
- आराम- दिन में कुछ समय आराम करने के लिए निकालें।
- हॉबी- अपनी हॉबी के लिए समय निकालने से तनाव कम होता है।
खाने के ऑप्शन
- हेल्दी स्नैक्स- फल, सब्जियां, नट्स या बीज जैसे हेल्दी स्नैक्स रखें।
- बिजी रखें- जब भूख लगने लगे तो कुछ और करने की कोशिश करें, जैसे कि पढ़ना, म्युजिक सुनना या किसी दोस्त को कॉल करना।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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