इंसान के शरीर को अंदर से खा सकता है Aspergillus Fungus, बदलती जलवायु से बढ़ रहा है इन्फेक्शन का खतरा
एक हालिया स्टडी में Aspergillus Fungus के खतरे के बारे में चेतावनी दी गई है जो जलवायु परिवर्तन के कारण तेजी से बढ़ सकता है। यह फंगस लाखों लोगों की मौत का कारण बन सकता है। तापमान बढ़ने के कारण यह नए इलाकों में भी फैल सकता है। आइए जानें इस खतरनाक फंगस के बारे में स्टडी में क्या पता चला।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Aspergillus: छोटे माइक्रो ऑर्गेनिज्म हमारी सेहत को कितना नुकसान पहुंचा सकते हैं, यह आपने कोविड-19 महामारी के दौरान देख ही लिया। हाल ही में आई एक स्टडी इन छोटे जीवाणुओं के खतरे के बारे में आगाह कर रही है, लेकिन इस बार बात बैक्टीरिया या वायरस की नहीं, बल्कि फंगस की हो रही है। जी हां, एसपर्गिलस (Aspergillus) नाम का एक फंगस जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के कारण तेजी से बढ़ सकता है, जो आने वाले समय में लाखों लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
क्या कहती है ताजा स्टडी?
इस स्टडी में बताया गया कि धरती का तापमान धीरे-धीरे बढ़ रहा है। इसके कारण एस्परगिलस, जो इंसानों में इन्फेक्शन (Fungal Infection) फैलाने वाला एक फंगस है, लाखों लोगों की मौत का कारण बन सकता है। साथ ही, तापमान बढ़ने की वजह से यह फंगस नए इलाकों, जैसे उत्तरी अमेरिका, यूरोप, चीन और रूस में भी फैल सकता है। आमतौर पर यह फंगस, ट्रॉपिकल क्षेत्रों में बढ़ता है। इसलिए अगर हम इसी तरह फॉसिल फ्यूल्स को जलाते रहेंगे, तो आने वाले सालों में यह फंगस 16% तक बढ़ सकता है।
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व्यक्ति को भीतर से खा जाता है यह फंगस
आपको बता दें कि एस्परगिलस (Aspergillus) एक ऐसा फंगस है, जो सिर्फ इंसानों में ही नहीं, बल्कि जानवरों और पेड़-पौधों में भी इन्फेक्शन फैला सकता है। दुनियाभर में पाया जाने वाला यह फंगस, इंसानों को फेफडों पर अटैक करता है, जिससे जानलेवा बीमारी हो सकती है। इस स्टडी के एक ऑथर का कहना है कि यह फंगस इतना खतरनाक है कि यह व्यक्ति को अंदर से खा सकता है।
इस फंगस के बारे में और जानकारी इकट्ठा करने के लिए रिसर्चर्स और खोज कर रहे हैं। वायरस और बैक्टीरिया की तुलना में फंगस के बारे में अभी साइंटिस्ट्स के पास कम जानकारी है। इसलिए इनके बारे में और जानकारी हासिल करने की कोशिश जारी है।
अस्थमा के मरीजों के लिए है ज्यादा खतरनाक
आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि हर साल लगभग 25 लाख लोगों की मौत फंगल इन्फेक्शन के कारण होती है और यह आंकड़ा और भी ज्यादा हो सकता है। एस्परगिलस फंगस मिट्टी में छोटे-छोटे फिलामेंट्स में उगता है, जो हवा में बहुत छोटे-छोटे स्पोर्स को रिलीज करते हैं। ये सांस के जरिए इंसानों के शरीर में प्रवेश कर लेते हैं। लेकिन इसका हर व्यक्ति पर असर नहीं पड़ता है। इसका कारण है मजबूत इम्युनिटी। लेकिन अस्थमा, सिस्टिक फाइब्रोसिस और सीओपीडी के मरीजों के लिए यह घातक साबित हो सकता है।
अगर हमारा इम्यून सिस्टम इन्हें हरा देता है, तो इसके कोई लक्षण नजर नहीं आते। लेकिन अगर इम्यून सिस्टम ऐसा नहीं कर पाया, तो ये फंगस शरीर में बढ़ने लगते हैं और धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। इस फंगस की मोर्टिलिटी रेट 20-40% तक है, लेकिन इसके इन्फेक्शन के लक्षण काफी कॉमन है, जैसे- बलगम, बुखार आदि। इसलिए इसका जल्दी पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
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