बार-बार ब्लोटिंग होना सिर्फ गैस नहीं, इन गंभीर बीमारियों का भी हो सकता है संकेत; न करें इग्नोर
ब्लोटिंग डाइजेशन से जुड़ी एक बेहद ही आम समस्या है जो कई व्यक्तियों को होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई बार ब्लोटिंग किसी छिपी हुई गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है (Reasons of Bloating)। जी हां अगर लगातार ब्लोटिंग हो रही है तो इसके सिर्फ खराब पाचन जिम्मेदार हो ऐसा जरूरी नहीं है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। ब्लोटिंग या पेट फूलने की समस्या काफी आम है और ज्यादातर लोगों के साथ कभी न कभी जरूर होती है। आमतौर पर यह गैस, कब्ज, या गलत खान-पान के कारण होता है (Bloating Causes) और कुछ ही देर में ठीक हो जाता है। इसलिए ये ज्यादा परेशानी की बात नहीं मानी जाती, लेकिन अगर यह बार-बार हो, तो चिंता का विषय है।
अगर आपको अक्सर ब्लोटिंग की समस्या रहती है या यह काफी लंबे समय तक बनी रहती है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कई बार ब्लोटिंग किसी दूसरी गंभीर समस्या (Health Issues Which Cause Bloating) का भी संकेत हो सकती है। आइए जानते हैं बार-बार ब्लोटिंग होने के पीछे कौन की समस्याएं छिपी हो सकती हैं।
हार्मोनल इम्बैलेंस
शरीर में हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ना ब्लोटिंग का एक अहम कारण है, खासकर महिलाओं में।
- पीएमएस (PMS)- पीरियड्स शुरू होने से पहले एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव के कारण पेट फूलना एक सामान्य लक्षण है।
- थायरॉयड डिसऑर्डर- थायरॉयड हार्मोन की कमी होने पर शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। इससे पाचन प्रक्रिया प्रभावित होती है, कब्ज की समस्या बढ़ती है और पेट में सूजन व ब्लोटिंग महसूस होती है।
- मेनोपॉज- मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलावों के कारण भी ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है।
डाइजेस्टिव डिसऑर्डर
बार-बार होने वाली ब्लोटिंग पाचन तंत्र की किसी गड़बड़ी का सबसे बड़ा संकेत है।
- इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS)- यह एक सामान्य स्थिति है, जिसमें पेट में दर्द, ऐंठन, गैस और बार-बार ब्लोटिंग होती है। आंतों की सेंसिटिविटी बढ़ने के कारण ऐसा होता है।
- लैक्टोज इनटॉलरेंस- दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स में मौजूद लैक्टोज शुगर को पचा न पाने की स्थिति में गैस, ब्लोटिंग और दस्त हो सकते हैं।
- सीलिएक डिजीज- ग्लूटेन से भरपूर फूड आइटम्स खाने पर इम्यून सिस्टम की रिएक्शन के कारण छोटी आंत डैमेज हो जाती है, जिससे पेट फूलना, दस्त और वजन कम होने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
- कब्ज- लंबे समय तक कब्ज बने रहने से मल बड़ी आंत में जमा हो जाता है, जिससे पेट में भारीपन, गैस और ब्लोटिंग की शिकायत होती है।
लिवर या हार्ट डिजीज
अगर ब्लोटिंग के साथ अन्य गंभीर लक्षण दिखें, तो यह लिवर या दिल की बीमारी का संकेत भी हो सकता है।
- लिवर की बीमारी- सिरोसिस जैसी लिवर की बीमारियों में लिवर में सूजन आ जाती है और पेट में फ्लूएड जमा होने लगता है, जिसे एसाइट्स कहते हैं। इसकी वजह से पेट में सूजन और बार-बार ब्लोटिंग होती है। इसके साथ पीलिया, थकान और वजन कम होना जैसे लक्षण भी देखे जा सकते हैं।
- हार्ट फेल्यिर- जब हार्ट शरीर के अन्य भागों में पर्याप्त खून पंप नहीं कर पाता, तो शरीर में फ्लूएड जमा होने लगता है। इससे पेट में ब्लोटिंग के अलावा पैरों में सूजन, सांस लेने में तकलीफ और बहुत ज्यादा थकान महसूस होती है।
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
- अगर आपकी ब्लोटिंग लंबे समय (कई हफ्तों) तक बनी रहती है।
- दवाइयां लेने या डाइट बदलने से भी ठीक नहीं होती।
- पेट में तेज दर्द, उल्टी या दस्त के साथ होती है।
- मल में खून आता है या वजन बहुत ज्यादा कम हो रहा है।
- पैरों में सूजन, सांस लेने में तकलीफ या त्वचा और आंखों में पीलापन दिखाई दे।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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