बचपन में वायु प्रदूषण के कॉन्टेक्ट में आना बन सकता है डिमेंशिया की वजह, स्टडी में हुआ खुलासा
वायु प्रदूषण का बढ़ता स्तर खतरे की घंटी है। इसकी वजह से सेहत से जुड़ी कई समस्याएं हमें अपनी चपेट में ले सकती हैं। आमतौर पर हम मानते हैं कि इनकी वजह से हमारे फेफड़ों को ही नुकसान पहुंचेगा लेकिन ऐसा नहीं है। हाल ही में एक स्टडी में पता चला है कि बचपन में (childhood air pollution Effects) वायु प्रदूषण के कॉन्टेक्ट से डिमेंशिया का रिस्क भी बढ़ता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Air Pollution Effects On Brain: वायु प्रदूषण सेहत को कितना नुकसान पहुंचा सकता है इसका अंदाजा आपको होगा ही। इसकी वजह से सबसे ज्यादा नुकसान फेफड़ों को होता है, लेकिन यह लिस्ट यहीं खत्म नहीं होती। वायु प्रदूषण से लंबे समय तक संपर्क में रहने की वजह से आपके दिमाग को भी काफी नुकसान पहुंच सकता है, खासकर बच्चों को (Childhood Air Pollution Effects)।
बचपन से ही प्रदूषित हवा में सांस लेने से दिमाग को काफी गंभीर नुकसान हो सकते हैं। कुछ स्टडीज में इससे जुड़ी चौंकाने वाली बात सामने आई है।बचपन में वायु प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क में रहने से बड़े होने पर डिमेंशिया का खतरा (Dementia Risk) बढ़ जाता है। आइए जानें इस बारे में।
कैसे पहुंचाता है दिमाग को नुकसान?
वायु प्रदूषकों में छोटे-छेोटे कण होते हैं, जो आसानी से फेफड़ों में प्रवेश कर जाते हैं और ब्लड में मिल जाते हैं। ये कण दिमाग तक भी पहुंच सकते हैं और वहां सूजन पैदा कर सकते हैं। सूजन ब्रेन सेल्स को नुकसान पहुंचाती है और याददाश्त, सोचने और रीजनिंग करने की क्षमता को कम करती है। इसके कारण डिमेंशिया का रिस्क काफी बढ़ जाता है।
वायु प्रदूषण के कारण हवा में PM2.5 और नाइट्रोजेनऑक्साइड की मात्रा काफी बढ़ जाती है। ये इतने छोटे कण होते हैं कि ये फेफड़ों में प्रवेश करके ब्लड में मिल जाते हैं। ब्लड के जरिए ये शरीर के किसी भी हिस्से तक पहुंचकर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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बच्चे में क्यों होता है ज्यादा रिस्क?
- विकासशील दिमाग- बच्चों का दिमाग अभी भी विकसित हो रहा होता है और प्रदूषण की वजह से उनपर ज्यादा असर पड़ता है।
- लंबा एक्सपोजर- बचपन में प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क में रहने से दिमाग पर स्थायी प्रभाव पड़ सकते हैं।
- ब्लड-ब्रेन-बैरियर- बच्चों में ब्लड-ब्रेन-बैरियर अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हुई होती है, जिससे प्रदूषक दिमाग में आसानी से प्रवेश कर सकते हैं।
कैसे कर सकते हैं बचाव?
- जब आप प्रदूषित क्षेत्र में जा रहे हों, तो हमेशा एन-95 या एन-99 मास्क पहनें।
- अपने घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। ये डिवाइस हवा में मौजूद प्रदूषकों को हटाकर हवा को साफ करते हैं।
- अगर प्रदूषण ज्यादा है, तो जहां तक हो सके, बाहर जाने से बचें।
- नियमित रूप से घर की खिड़कियां खोलें, ताकि ताजी हवा अंदर आ सके।
- घर में मोमबत्ती, अगरबत्ती आदि न जलाएं।
- घर के पर्दों और कालीनों की नियमित सफाई करें।
- घर के अंदर और आसपास पेड़-पौधे लगाएं।
- ताजे फल और सब्जियां खाएं। ये फूड्स आपके शरीर को प्रदूषण से लड़ने में मदद करते हैं।
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Source:
National Library Of Medicine: https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/39669703/
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