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    मानसून से पहले ही बढ़ने लगे हैं चिकनगुनिया के मामले, खुद के बचाव के लिए रखें इन बातों का ध्यान

    Updated: Tue, 06 May 2025 11:52 AM (IST)

    चिकनगुनिया (Chikungunya) मच्छरों से फैलने वाली एक बीमारी है जिसके मामले मानसून के दौरान या बाद में बढ़ सकते हैं। हालांकि इस साल मानसून से पहले ही महाराष्ट्र में इसके काफी मामले सामने आए हैं। इसलिए इस बीमारी से बचाव के लिए सही कदम उठाने जरूरी हैं। आइए जानें इसके लक्षण (Chikungunya Symptoms) और बचाव के तरीके।

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    Chikungunya Prevention: चिकनगुनिया से ऐसे करें अपना बचाव (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अभी मानसून ने दस्तक भी नहीं दी है, लेकिन महाराष्ट्र में चिकनगुनिया (Chikungunya Cases in Maharashtra) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल के मुताबिक, इस साल 21 अप्रैल तक महाराष्ट्र में चिकनगुनिया के लगभग 658 मामले सामने आए हैं। 

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    चिकनगुनिया (Chikungunya) एक वायरल बीमारी है, जो मच्छरों के काटने से फैलती है। यह मुख्य रूप से एडीज इजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छरों के कारण होता है (Chikungunya Causes)। चिकनगुनिया के लक्षण (Chikungunya Symptoms) कुछ हद तक डेंगू जैसे ही होते हैं, जिससे कई बार इसे डेंगू समझ लिया जाता है।

    चिकनगुनिया के कारण जोड़ों में काफी तेज दर्द होता है और चलने-फिरने में तकलीफ होती है। इसलिए इसके बारे में सही जानकारी होना बेहद जरूरी है। आइए डॉ. तुषार तयाल (लीड कंसल्टेंट- इंटरनल मेडिसिन सी.के. बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम) जानें चिकनगुनिया के लक्षण कैसे होते हैं और इससे कैसे बचा (Chikungunya Prevention Tips) जा सकता है। 

    चिकनगुनिया के लक्षण (Chikungunya Symptoms)

    चिकनगुनिया के लक्षण आमतौर पर मच्छर के काटने के 2 से 7 दिन बाद दिखाई देते हैं। इनमें शामिल हैं-

    • तेज बुखार (104°F तक)- अचानक बुखार आना, जो कुछ दिनों तक रह सकता है।
    • जोड़ों में तेज दर्द- हाथ, पैर, घुटने और कमर के जोड़ों में दर्द होता है, जो कई हफ्तों या महीनों तक रह सकता है।
    • सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द- शरीर में दर्द और थकान महसूस होती है
    • त्वचा पर रैशेज- शरीर पर रैशेज या खुजली हो सकती है।
    • मतली और उल्टी- कुछ मामलों में पेट से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं

    डेंगू की तरह, चिकनगुनिया में भी प्लेटलेट्स कम हो सकते हैं, लेकिन यह जानलेवा नहीं होता। हालांकि, बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में यह गंभीर हो सकता है।

    यह भी पढ़ें: डेंगू, मलेरिया या चिकनगुनिया किसने बनाया आपको बीमार, ऐसे में करें तीनों में अंतर

    चिकनगुनिया कैसे फैलता है?

    चिकनगुनिया का वायरस मच्छरों के जरिए फैलता है। जब कोई कैरियर मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो वायरस उसके शरीर में घुस जाता है। यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सीधे नहीं फैलती है। इसलिए इस बीमारी से बचने के लिए मच्छरों से बचाव करना जरूरी है।

    चिकनगुनिया से बचाव के उपाय (Chikungunya Prevention Tips)

    चिकनगुनिया से बचने के लिए मच्छरों से सुरक्षा सबसे जरूरी है।

    मच्छरों के प्रजनन को रोकें

    • घर के आसपास पानी जमा न होने दें (गमले, टायर, पुराने बर्तन आदि)।
    • कूलर और टंकियों का पानी नियमित रूप से बदलें।
    • मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें।

    मच्छरों से खुद को बचाएं

    • पूरी बाजू के कपड़े पहनें और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
    • मॉस्किटो रिपेलेंट क्रीम या स्प्रे का इस्तेमाल करें।
    • दिन के समय खास सावधानी बरतें, क्योंकि एडीज मच्छर दिन में काटते हैं।

    इम्युनिटी मजबूत रखें

    • हेल्दी डाइट लें और भरपूर मात्रा में पानी पिएं।
    • विटामिन-सी से भरपूर फल (नींबू, संतरा, आंवला) खाएं।

    डॉक्टर से सलाह लें

    • अगर चिकनगुनिया के लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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