अल्जाइमर और डिमेंशिया से बचा सकती है चेरी, पढ़ें क्या कहती है नई रिसर्च
क्या आपने कभी सोचा है कि एक छोटा-सा फल आपके दिमाग को खतरनाक बीमारियों से बचा सकता है? जी हां वैज्ञानिकों की नई खोज कुछ ऐसा ही बताती है। मीठी और रसभरी चेरी सिर्फ एक टेस्टी फ्रूट नहीं बल्कि ब्रेन के लिए एक सुपरफूड भी साबित हो सकती है। दरअसल वैज्ञानिकों का कहना है कि चेरी अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी बीमारियों को रोकने में मदद कर सकती है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया है कि चेरी ब्रेन हेल्थ को स्ट्रॉन्ग बनाने में बेहद मददगार साबित हो सकती है। जी हां, आपने सही पढ़ा। इससे स्टडी बताती है कि यह डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी बीमारियों के रिस्क को कम कर सकती है (Cherry Benefits For Brain Health)।
केंट विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की मानें, तो चेरी को पाउडर में बदलने से इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स- एंथोसायनिन्स और क्वेरसेटिन, की शक्ति बनी रहती है। ये एंटीऑक्सिडेंट्स मस्तिष्क की कोशिकाओं पर पड़ने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। खासतौर से, ये अमाइलॉइड-β के हानिकारक प्रभावों को कम कर सकते हैं, जो अल्जाइमर से जुडे न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का प्रमुख कारण है।
अल्जाइमर और डिमेंशिया से बचाव
हाल ही में, यूनिवर्सिटी ऑफ केंट के वैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाला शोध किया। उन्होंने पाया कि चेरी का पाउडर ब्रेन हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इस पाउडर में एंथोसायनिन और क्वेरसेटिन नाम के शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट्स एमिलॉयड-बीटा टॉक्सिसिटी से लड़ने में सक्षम हैं। यही टॉक्सिसिटी अल्जाइमर रोग का मुख्य कारण मानी जाती है, जिससे ब्रेन सेल्स खराब होने लगती हैं।
शोधकर्ताओं के अनुसार, चेरी को जूस की बजाय पाउडर के रूप में इस्तेमाल करने से इसके फायदे और भी बढ़ जाते हैं। डॉ. मरीना एजक्यूरा, जो इस शोध की मुख्य वैज्ञानिक हैं, बताती हैं कि चेरी के पाउडर में जूस से भी ज्यादा बायोलॉजिकल एक्टिविटी होती है। इसका मतलब है कि यह पाउडर दिमाग की कोशिकाओं को ज्यादा बेहतर ढंग से सुरक्षित रख सकता है।
क्या है अल्जाइमर और कैसे दिखते हैं लक्षण?
अल्जाइमर एक न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी है, जो धीरे-धीरे दिमाग की कोशिकाओं को नष्ट कर देती है। यह डिमेंशिया का सबसे आम कारण है। इस बीमारी में व्यक्ति की याददाश्त, भाषा, सोचने की क्षमता और व्यवहार प्रभावित होता है। दुनिया भर में 20 मिलियन से ज्यादा लोग अल्जाइमर से पीड़ित हैं।
अगर आप या आपके किसी करीबी में ये लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
- बार-बार चीजें भूल जाना
- बोलने और लिखने में परेशानी होना
- व्यवहार और व्यक्तित्व में बदलाव
- रोजमर्रा के काम करने में दिक्कत होना
- फैसले लेने में मुश्किल
हालांकि, अभी तक अल्जाइमर का कोई निश्चित इलाज नहीं है, लेकिन चेरी जैसे प्राकृतिक उपायों से इसके लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। स्टडी बताती है कि पौष्टिक डाइट हमारी सेहत के लिए कितनी जरूरी हैं और चेरी को इसका हिस्सा बनाना कितना फायदेमंद हो सकता है। ध्यान रहे, यह सिर्फ एक शुरुआती शोध है, लेकिन यह उम्मीद जरूर जगाता है कि भविष्य में हम ऐसे फलों की मदद से दिमाग की गंभीर बीमारियों को रोक पाएंगे।
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Source:
University of Kent: https://www.kent.ac.uk/news/sustainability-environment-and-natural-resources/37090/bioscience-researchers-discover-health-benefits-of-upcycling-cherry-waste
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