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    ट्रेडमिल पर दौड़ें या डंबल उठाएं, तेजी से वजन कम करना हो; तो कौन-सा ऑप्शन है ज्यादा बेहतर?

    वेट लॉस के लिए आप भी तरह-तरह की एक्सरसाइज करते होंगे या फिर ऐसा करने की सोच रहे होंगे। ऐसे में बता दें कि इस बीच ज्यादातर लोगों के मन में यह सवाल आता है कि तेजी से वजन घटाने के लिए कार्डियो और वेटलिफ्टिंग में कौन-सी एक्सरसाइज ज्यादा फायदेमंद है (Cardio vs Weightlifting)। अगर आप भी इस इसका जवाब जानना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है।

    By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Wed, 23 Apr 2025 03:27 PM (IST)
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    Cardio vs Weightlifting: तेजी से वजन कम करना हो, तो कौन-सा ऑप्शन है ज्यादा बेहतर? (Image: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Cardio vs Weightlifting: वजन घटाने की शुरुआत करते ही सबसे बड़ा सवाल सामने आता है- जिम जाकर ट्रेडमिल पर दौड़ें या डंबल उठाएं? सोशल मीडिया, फिटनेस ऐप्स और हेल्थ एक्सपर्ट्स के बीच ये बहस सालों से चल रही है कि कार्डियो से ज्यादा वजन घटता है या वेटलिफ्टिंग से?

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    अगर आप भी इस उलझन में हैं कि तेजी से वजन कम करने के लिए कौन-सा तरीका चुना जाए, तो आइए जानते हैं इन दोनों एक्सरसाइज फॉर्म्स की खासियत, फायदे और ये कि कौन-सा आपके फिटनेस गोल के लिए बेहतर हो सकता है (Cardio vs Weightlifting for Weight Loss)।

    1) कार्डियो

    कार्डियो एक्सरसाइज में शामिल होते हैं – दौड़ना, साइकलिंग, स्विमिंग, ज़ुंबा या ब्रिस्क वॉकिंग। ये वो एक्टिविटीज हैं जिनसे आपका दिल तेज धड़कता है, सांसें तेज चलती हैं और शरीर में खूब कैलोरी बर्न होती है।

    फायदे:

    • कम समय में ज्यादा कैलोरी बर्न
    • हार्ट और लंग्स की सेहत में सुधार
    • मूड अच्छा करने वाले एंडॉरफिन्स रिलीज़ होते हैं
    • शुरुआती लोगों के लिए आसान और मोटिवेटिंग

    लेकिन ध्यान रहे, बहुत ज्यादा कार्डियो करने से मसल्स लॉस हो सकता है और इससे मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ सकता है।

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    2) वेटलिफ्टिंग

    वेटलिफ्टिंग या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग यानी जब आप अपने शरीर की ताकत बढ़ाने के लिए वजन उठाते हैं, जैसे डंबल्स, बार्बेल्स या बॉडी वेट एक्सरसाइज (जैसे पुशअप्स और स्क्वैट्स)।

    फायदे:

    • मसल्स बनते हैं, जो ज्यादा कैलोरी जलाते हैं (यहां तक कि आराम की स्थिति में भी)
    • मेटाबॉलिज्म लंबे समय तक तेज रहता है
    • बॉडी टोन होती है और शेप में आती है
    • स्ट्रेंथ और स्टेमिना दोनों बढ़ते हैं

    खास बात है कि वेटलिफ्टिंग से कैलोरी बर्न भले कार्डियो से थोड़ा कम हो, लेकिन इसका Afterburn Effect यानी EPOC (Exercise Post Oxygen Consumption) बहुत ज्यादा होती है- जिससे शरीर कई घंटे तक फैट बर्न करता रहता है।

    वेट लॉस के लिए क्या चुने- कार्डियो या वेटलिफ्टिंग?

    सच कहें तो, सिर्फ एक को चुनना सही तरीका नहीं है। अगर आपका मकसद है तेजी से वजन घटाना और फिट दिखना, तो दोनों का बैलेंस सबसे बेहतरीन रहता है।

    बेस्ट फिटनेस रूटीन कैसा हो सकता है?

    • हफ्ते में 3 दिन कार्डियो (30–45 मिनट)
    • हफ्ते में 2–3 दिन वेटलिफ्टिंग या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग
    • साथ में हेल्दी डाइट और पर्याप्त नींद

    स्मार्ट वर्कआउट का रास्ता चुनें

    वजन घटाने का खेल सिर्फ जिम में पसीना बहाने से नहीं, बल्कि स्मार्ट वर्कआउट और सही लाइफस्टाइल से जीता जाता है। कार्डियो तेजी से कैलोरी बर्न करता है, तो वेटलिफ्टिंग लंबे समय तक मेटाबॉलिज्म तेज रखता है।

    तो अगली बार जब आप जिम जाएं, तो सिर्फ ट्रेडमिल या सिर्फ डंबल्स तक सीमित न रहें, दोनों को मिलाएं और पाएं फास्ट, फिट और सस्टेनेबल रिजल्ट्स।

    क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

    हेल्थ एक्सपर्ट हिमांशु कौशिक के अनुसार, वजन घटाने के लिए कार्डियो और वेटलिफ्टिंग दोनों जरूरी हैं। कार्डियो से जल्दी असर दिखता है, लेकिन लंबे समय तक वजन को कंट्रोल रखने के लिए वेट ट्रेनिंग भी जरूरी है। सबसे बेहतर है कि दोनों का बैलेंस रखें। इस बात का ध्यान रखें कि वजन घटाना सिर्फ एक्सरसाइज पर नहीं, बल्कि डाइट और लाइफस्टाइल पर भी निर्भर करता है। अगर किसी का मेटाबॉलिज्म स्लो है तो वेटलिफ्टिंग उसे बेहतर बनाने में मदद कर सकती है।

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