स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट बच्चों की आंखों को पहुंचाती है नुकसान, बचने के लिए फॉलो करें 5 टिप्स
तकनीक के विकास के साथ हमारा जीवन फोन और लैपटॉप के आस-पास ही घूमने लगा है। सिर्फ बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी इसके आदि हो चुके हैं। इसलिए उनका स्क्रीन टाइम काफी बढ़ चुका है। इससे होने वाली परेशानियों में आंखों से जुड़ी समस्याएं भी शामिल हैं। स्क्रीन की ब्लू लाइट आंखों को नुकसान पहुंचाती है। आइए जानें इससे बचने के लिए टिप्स (Child Eye Care Tips)।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आज के डिजिटल युग में बच्चों का स्क्रीन टाइम लगातार बढ़ता जा रहा है। ऑनलाइन क्लासेस, वीडियो गेम्स, कार्टून और मोबाइल एप्स के कारण बच्चे घंटों फोन, टैबलेट, लैपटॉप या टीवी के सामने बिताते हैं। ज्यादा स्क्रीन टाइम का असर (Effects of Blue Light on Eyes) बच्चों की आंखों पर पड़ता है।
इन उपकरणों से निकलने वाली ब्लू लाइट आंखों के लिए हानिकारक हो सकती है, जिससे आंखों में थकान, सूखापन, धुंधला दिखाई देना और नींद की समस्या हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि बच्चों को इन परेशानियों से बचाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखा जाए। आइए जानें बच्चों की आंखों को ब्लू लाइट से बचाने के लिए कुछ टिप्स (Children Eye Care Tips)।
कैसे ब्लू लाइट से बच्चों की आंखों को रखें सुरक्षित (How to Protect Children's Eyes From Blue Light?)
स्क्रीन टाइम लिमिट करें
- बच्चों के लिए मोबाइल आदि का इस्तेमाल कम करना जरूरी है।
- 2-5 साल के बच्चों को दिन में 1 घंटे से ज्यादा स्क्रीन टाइम नहीं देना चाहिए।
- 6 साल से बड़े बच्चों के लिए 2 घंटे से ज्यादा नहीं होना चाहिए (स्कूल के काम को छोड़कर)।
कैसे लागू करें?
- टाइमर सेट करें या पेरेंटल कंट्रोल ऐप्स का इस्तेमाल करें।
- बच्चों को बाहरी खेलों और किताबों में बिजी रखें।
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ब्लू लाइट फिल्टर या नाइट मोड का इस्तेमाल करें
- ज्यादातर फोन, टैबलेट और लैपटॉप में ब्लू लाइट फिल्टर या नाइट मोड ऑप्शन होता है, जो स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट को कम करता है।
- इसके अलावा, ब्लू लाइट ब्लॉकिंग ग्लासेस भी मददगार हो सकते हैं।
20-20-20 रूल के बारे में बताएं
- आंखों की थकान कम करने के लिए 20-20-20 नियम बहुत असरदार है।
- हर 20 मिनट के बाद, 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर किसी चीज को देखें।
- इससे आंखों की मांसपेशियों को आराम मिलता है और ड्राई आई की समस्या कम होती है।
स्क्रीन की ब्राइटनेस और पोजिशन को एडजस्ट करें
- ब्राइटनेस ज्यादा या कम नहीं होनी चाहिए। रूम लाइट के अनुसार इसे सेट करें।
- स्क्रीन की पोजिशन आंखों के लेवल से थोड़ी नीचे होनी चाहिए, ताकि आंखों पर जोर न पड़े।
- फोन को आंखों से कम से कम 1 फुट, टीवी से 6-8 फुट और कंप्यूटर से 2 फुट दूर रखें।
रेगुलर आई चेकअप करवाएं
बच्चों की आंखों की नियमित जांच करवाना जरूरी है। अगर बच्चा आंखों में जलन, सिरदर्द या धुंधला दिखने की शिकायत करे, तो तुरंत आई स्पेशलिस्ट से संपर्क करें।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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