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Yoga After Delivery: प्रेग्नेंसी के बाद ज्यादा नहीं बस इन 2 योग आसनों की मदद से रखें खुद को हेल्दी और शेप में

Yoga After Delivery प्रेग्नेंसी के पहले बढ़ते वजन को लेकर होने वाली टेंशन को एक बारगी इग्नोर कया जा सकता है लेकिन डिलीवरी के बाद ज्यादातर महिलाओं का फोकस बढ़े हुए वजन को कम करना और शेप में आना होता है। ऐसे में योग कर सकता है आपकी काफी मदद। आइए जानते हैं प्रेग्नेंसी के बाद कौन से योगासन कर सकते हैं।

By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghMon, 11 Sep 2023 02:37 PM (IST)
Yoga After Delivery: प्रेग्नेंसी के बाद ज्यादा नहीं बस इन 2 योग आसनों की मदद से रखें खुद को हेल्दी और शेप में
Yoga After Delivery: डिलीवरी के बाद फायदेमंद हैं ये फिजिकल एक्टिविटीज

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Yoga After Delivery: बच्चे के जन्म के बाद एक महिला कई हार्मोनल और शारीरिक बदलावों से गुजरती है। नॉर्मल डिलीवरी में बॉडी को रिकवर होने में लगभग छह हफ्ते और सी-सेक्शन में लगभग आठ हफ्ते लग सकते हैं। लेकिन, यह ध्यान रखना जरूरी है कि हर महिला की बॉडी अलग होती है जिस वजह से बॉडी की रिकवरी में इससे कम या ज्यादा समय भी लग सकता है, लेकिन डॉक्टर की सलाह से आप कुछ समय के बाद योग या हल्की-फुल्की दूसरी फिजिकल एक्टिविटीज करके खुद को फिट रख सकती हैं, वापस शेप में आ सकती हैं। साथ ही योग की मदद से बॉडी का रिकवरी टाइम भी कम किया जा सकता है। 

डिलीवरी के बाद करें ये योगासन

बाल मुद्रा/ बालासन

यह आसन शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सुधारने में मदद करता है और मसल्स को रिलैक्स करता है। शरीर में हो रहे दर्द व तकलीफ में आराम मिलता है और नींद भी अच्छी आती है। सोने से पहले इस आसन का अभ्यास करने से तनाव दूर होता है। 

ताड़ासन

ताड़ासन, खड़े होकर किए जाना वाला आसन है। इसे करते वक्त बॉडी की अच्छी स्ट्रेचिंग होती है। मांसपेशियों में खिंचाव से दर्द में आराम मिलता है और बॉडी की फ्लेक्सिबिलिटी भी बढ़ती है। प्रेग्नेंसी के दौरान वजन बढ़ने से कई बार बॉडी को मूव करने में दिक्कत होती है, तो इस आसन को करने से काफी लाभ मिलता है। 

प्राणायाम

कुछ महिलाएं गर्भावस्था के दौरान या डिलीवरी के बाद हाई ब्लड प्रेशर का शिकार हो सकती हैं, तो उन्हें डॉक्टर से सलाह के बाद ही फिजिकल एक्टिविटीज को अपने रूटीन में शामिल करना चाहिए। योग के साथ ही प्राणायाम का अभ्यास कई सारी परेशानियों में लाभ देता है। मेडिटेशन शरीर की मांसपेशियों और दिमाग को आराम देने में मदद कर सकता है। इसके अलावा यह ब्लड प्रेशर, फेफड़ों और दिमाग को भी हेल्दी एंड एक्टिव रखता है।

वैसे डिलीवरी के बाद किसी भी तरह की फिजिकल एक्टिविटी मुश्किल हो सकती है। इस वजह से इसे शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लेना बहुत जरूरी है। 

(शुवाशीष मुखर्जी, योग और फिटनेस प्रमुख, ट्रूवर्थ वेलनेस से बातचीत पर आधारित)

Pic credit- freepik