आप जो 'तेल' खा रहे हैं क्या वह वाकई हेल्दी है? कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की स्टडी में खुले कई बड़े राज!
आप भी जब मार्केट में Cooking Oil खरीदने जाते होंगे तो आपको इसके ढेरों ऑप्शन्स दिखाई देते होंगे। हर एक ब्रांड अपने तेल को लेकर अलग-अलग दावे करता है ऐसे में यह चुनना सच में मुश्किल हो जाता है कि कौन-सा ऑयल सेहत के लिए ज्यादा बेहतर है। आइए कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की ताजा स्टडी के जरिए इस सवाल का जवाब समझते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आजकल बाजार में एक से बढ़कर एक कुकिंग ऑयल मौजूद हैं। ऑलिव, नारियल, सूरजमुखी, मक्खन, बादाम, एवोकाडो और कैनोला जैसे ढेरों ऑप्शन्स। ऐसे में, इतने सारे विकल्प होने के कारण यह चुनना काफी मुश्किल हो जाता है कि हमारी सेहत के लिए सबसे बेस्ट कौन-सा तेल है?
इसी उलझन को दूर करने के लिए कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के कुछ वैज्ञानिकों ने एक खास स्टडी की है। जी हां, उन्होंने यह जानने की कोशिश की कि अलग-अलग तरह के तेल (Healthy Cooking Oils) हमारे शरीर पर कैसे असर डालते हैं।
तेल में मौजूद फैट का असर
तेल में पाया जाने वाला फैट दो तरह का होता है- सैचुरेटेड फैट और अनसैचुरेटेड फैट। सैचुरेटेड फैट को ज्यादातर लोग नुकसानदेह मानते हैं, क्योंकि इससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है, लेकिन रिसर्च में पता चला कि हर सैचुरेटेड फैट एक जैसा नहीं होता।
कुछ सैचुरेटेड फैट, जिनकी बनावट थोड़ी अलग होती है (जैसे जिनमें 15 या 17 कार्बन के तत्व होते हैं), वे हमारे लिए नुकसानदायक नहीं होते, बल्कि ये डायबिटीज और दिल की बीमारी से बचाव में मदद कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर, कुछ और सैचुरेटेड फैट्स से इन बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
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ऑलिव, नारियल और मक्खन : किसका क्या असर होता है?
वैज्ञानिकों ने 96 लोगों पर एक टेस्ट किया। उन्होंने सबको 4 हफ्ते तक रोज एक तय मात्रा में अलग-अलग तेल खाने को दिया। किसी को ऑलिव ऑयल, किसी को नारियल का तेल और किसी को मक्खन। फिर उन्होंने इन लोगों का ब्लड टेस्ट किया और देखा कि इन तेलों ने शरीर में किस तरह का बदलाव किया।
- नारियल तेल से एक खास तरह का फैट (medium-chain saturated fat) काफा बढ़ गया।
- मक्खन खाने वालों में 15 और 17 कार्बन वाले फैटी एसिड बढ़े, जो सेहत के लिए कुछ हद तक ठीक माने जाते हैं।
- ऑलिव ऑयल ने ओलिक एसिड नाम की फैट को सबसे ज्यादा बढ़ाया, जो ऑलिव में खूब पाया जाता है।
इसके अलावा, एक और फैट है लिनोलिक एसिड, जो ऑलिव ऑयल में ज्यादा होता है, लेकिन हैरानी की बात है कि ऑलिव ऑयल खाने वालों में यह फैट बहुत ज्यादा नहीं बढ़ी, उल्टा नारियल तेल खाने वालों में यह थोड़ी बढ़ गई। अब ऐसा क्यों हुआ, इसका साफ कारण नहीं मिल पाया है।
क्या इन बदलावों से सेहत पर फर्क पड़ता है?
खून में फैटी एसिड का स्तर बेशक बदल गया, लेकिन इनसे सेहत पर कोई बहुत बड़ा सीधा असर नहीं दिखा। फिर भी नीचे दी गईं दो बातों पर आपको ध्यान जरूर देना चाहिए।
- जिन लोगों के शरीर में ओलिक एसिड ज्यादा हुआ, उनमें गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) में थोड़ी कमी देखी गई।
- मक्खन खाने से शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) और ट्राइग्लिसराइड्स बढ़े, जो दिल की बीमारी का खतरा बढ़ा सकते हैं।
हर तेल का अलग है असर
इस रिसर्च से यह साफ होता है कि हर तेल का असर अलग होता है और सभी फैट एक जैसे नहीं होते। इसलिए जब भी आप कोई तेल चुनें, तो यह देखना जरूरी है कि उसमें कौन-कौन से फैट्स हैं और वे आपकी सेहत पर कैसे असर डाल सकते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि आगे और बड़े पैमाने पर ऐसी रिसर्च की जरूरत है, जिससे और पक्की जानकारी मिल सके।
सेहत के लिए क्या है बेहतर?
- अगर आप अपनी सेहत का ख्याल रखना चाहते हैं, खासकर हार्ट हेल्थ का, तो कोशिश करें कि:
- ऐसा तेल चुनें जिसमें सैचुरेटेड और ट्रांस फैट कम हो, जैसे- ऑलिव ऑयल।
- नारियल तेल और मक्खन का इस्तेमाल कभी-कभी और थोड़ी मात्रा में ही करें।
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Source:
Journal of Lipid Research: https://www.jlr.org/article/S0022-2275(24)00186-X/fulltext
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