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    Milk Thistle Benefits: स्टेरॉयड के साइड इफेक्ट से परेशान हैं, तो मिल्क थिसल से करें लीवर और किडनी को डिटॉक्स

    By Shahina Soni NoorEdited By:
    Updated: Wed, 14 Jul 2021 11:20 AM (IST)

    Milk Thistle Health Benefits स्टेरॉड के कारण शरीर में टॉक्सिन की मात्रा बढ़ जाती है और इससे लिवर को बेहद नुकसान पहुंचता है। आप जानते हैं कि कोरोनाकाल में स्टेरॉयड के अधिक सेवन की वजह से ब्लैक फंगस जैसी बीमारी ने लोगों को बेहद परेशान किया है।

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    स्टेरॉड के कारण शरीर में टॉक्सिन की मात्रा बढ़ जाती है, और इससे लिवर को बेहद नुकसान पहुंचता है।

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। दवाइयों की दुनिया में स्टेरॉयड का खास महत्व है। इसका इस्तेमाल दवाइयों को असरदार बनाने के लिए किया जाता है। कुछ लोग बदन दर्द या सिर में दर्द होने पर तुरंत एस्परिन का सेवन करते हैं, जिसमें स्टेरॉयड मौजूद होता है। स्टेरॉयड वाली दवाइयों का ज्यादा इस्तेमाल करना लोगों की आदत में शुमार होता जा रहा हैं, जिसके घातक परिणाम का उन्हें अंदाज़ा तक नहीं होता। आप जानते हैं कि ज्यादा स्टेरॉयड का सेवन करने से शरीर में कई तरह से नुकसान पहुंचते है। स्टेरॉड के कारण शरीर में टॉक्सिन की मात्रा बढ़ जाती है, और इससे लिवर को बेहद नुकसान पहुंचता है। कोरोनाकाल में स्टेरॉयड के अधिक सेवन की वजह से ब्लैक फंगस जैसी बीमारी ने लोगों को बेहद परेशान किया है।

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    स्टेरॉयड का इस्तेमाल करते हैं तो मिल्क थिसल के बीज का करें सेवन: 

    अगर आप भी स्टेरॉयड का इस्तेमाल अधिक करते हैं तो मिल्क थिसल के बीज को सप्लीमेंट के तौर पर इस्तेमाल करें। मिल्क थिसल एक प्रकार के फूल का पौधा है, जिसके बीज को पीसकर मिल्क थिसल सप्लीमेंट तैयार किया जाता है। माना जाता है कि इसके सेवन से स्टेरॉयड लेने से शरीर को जो नुकसान पहुंचता है, उसकी भारपाई हो जाती। इसे मिल्क थिसल के फूलों और इनके बीज को पीसकर एक ख़ास विधि से तैयार किया जाता है।

    क्या होता है मिल्क थिसल?

    मिल्क थिसल पौधे का वैज्ञानिक नाम Silybum Marianum है। यह कांटेदार पौंधा होता है लेकिन इसमें पर्पल कलर में स्पाइक के आकार में हजारों फूल निकले होते हैं। इन्हीं फूल के नीचे इसका बीज भी पाया जाता है।

    लिवर और किडनी डिटॉक्सीफिकेशन के लिए इसका इस्तेमाल

    • Milk Thistle का इस्तेमाल लिवर और किडनी को साफ करने यानी इसके डिटॉक्सीफिकेशन में किया जाता है। यह शरीर में Toxic Level को कम करता है और जहरीले रसायन के प्रभाव से लिवर और किडनी को बचाता है। यह लिवर की खराब हो चुकी कोशिकाओं की मरम्मत करता है।
    • जिम में ज्यादा पसीना बहाने वाले अक्सर स्टेरॉयड का इस्तेमाल करते हैं। स्टेरॉयड के इस्तेमाल से लिवर को क्षति पहुंचती है। लिवर कोशिकाओं को दुरुस्त करने और लिवर से हानिकारक रसायन को बाहर निकालने के लिए मिल्क थिसल के बीज को कूटकर इसे सप्लीमेंट बनाया जाता है और इसका सेवन किया जाता है। हालांकि मिल्क थिसल का इस्तेमाल सोच समझकर करना चाहिए।
    • यह लिवर से हानिकारक रसायन को निकालने में बेहद असरदार है लेकिन आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से इस सप्लीमेंट का इस्तेमाल किया जाए तो इसके कई फायदें हो सकते हैं।
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