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    शरीर को फिट रखने के साथ Cancer से भी बचाएंगी 2 खास एक्सरसाइज, वैज्ञानिकों की चौंकाने वाली खोज

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 09:00 AM (IST)

    अक्सर हम सुनते हैं कि रोजाना एक्सरसाइज करना सेहत के लिए बहुत जरूरी है लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक्सरसाइज सिर्फ हमें फिट ही नहीं रखती बल्कि यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ने में भी मदद कर सकती है? हाल ही में हुई एक रिसर्च बताती है कि दो खास तरह के व्यायाम शरीर में ऐसे रसायन बनाते हैं जो कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में बहुत प्रभावी हैं।

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    व्यायाम व प्रतिरोध प्रशिक्षण कैंसर से लड़ने में मददगार (Image Source: Freepik)

    आइएएनएस, नई दिल्ली। स्वस्थ रहने के लिए रोज व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। इसमें कई तरह के व्यायाम शामिल हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि व्यायाम कैंसर से लड़ने में भी सहायक साबित हो सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, प्रतिरोध प्रशिक्षण (आरटी) और उच्च तीव्रता अंतराल प्रशिक्षण (एचआइआइटी) दोनों ने कैंसर से लड़ने में मदद के लिए पर्याप्त स्तर के मायोकाइन का उत्पादन किया। जबकि आरटी मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए वजन का उपयोग करता है।

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    HIIT और वेट ट्रेनिंग का कमाल

    एचआइआइटी में संक्षिप्त और तीव्र व्यायाम के झटके होते हैं, जिनके बाद संक्षिप्त पुनर्प्राप्ति अवधि होती है। इनमें स्प्रिंटिंग, जंप स्क्वाट, बर्पीज, माउंटेन क्लाइंबर्स आदि शामिल हैं। इससे हृदय संबंधी फिटनेस और सहनशक्ति में सुधार होता है। ये व्यायाम उपचार के दुष्प्रभावों को कम कर सकते हैं। कैंसर मेटास्टेसिस के खतरे को घटा सकते हैं, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकते हैं। दूसरी ओर से प्रतिरोध प्रशिक्षण में डंबल, रेजिस्टेंस बैंड, अपने शरीर का वजन आदि शामिल है। इससे मसल्स बनाने में सहायता मिलती है। हालांकि, किसी भी व्यायाम कार्यक्रम को शुरू करने से पहले डाक्टर या योग्य फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।

    25% तक कम हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा

    एडिथ कोवान विश्वविद्यालय (ईसीयू) के शोधकर्ताओं ने पाया कि कैंसर से बचे लोगों ने जो प्रतिरोध प्रशिक्षण या एचआइआइटी में से किसी एक का पालन किया। उच्च तीव्रता वाला एरोबिक व्यायाम कैंसर मेटास्टेसिस के जोखिम को कम कर सकता है, क्योंकि यह आंतरिक अंगों द्वारा ग्लूकोज के अवशोषण को बढ़ाता है, जिससे कैंसर कोशिकाओं के लिए ऊर्जा कम हो जाती है। उच्च तीव्रता वाले व्यायाम शरीर में साइटोकिन्स नामक प्रतिरक्षा नियामक अणुओं को बढ़ाते हैं जो कैंसर कोशिकाओं को दबाने और प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने ब्रेस्ट कैंसर की कोशिकाओं की वृद्धि को क्रमशः 22 प्रतिशत व 25 प्रतिशत तक कम किया। फ्रांसेस्को बेटारिगा ने कहा कि यह सुझाव देता है कि दोनों प्रकार के व्यायाम कैंसर कोशिका वृद्धि को धीमा करने में मदद कर सकते हैं।

    प्रतिरोध प्रशिक्षण मांसपेशी नुकसान रोकने में कारगर

    हालांकि आरटी और एचआइआइटी के प्रभावों के बीच कोई बड़ा अंतर नहीं था। कैंसर और इसके उपचार के कारण होने वाले मांसपेशी क्षय को रोकने या ठीक करने में प्रतिरोध प्रशिक्षण सहायक होता है। यह कैंसर के मरीजों में थकान को कम करने में मदद करता है और समग्र शारीरिक स्थिति को बेहतर बनाता है। बेटारिंगा ने कहा कि दिलचस्प बात यह है कि एचआइआइटी के साथ कैंसर में कोशिका वृद्धि में कमी को 12 सप्ताह के प्रशिक्षण के बाद दुबली मांसपेशियों में वृद्धि और शरीर की वसा में कमी से जोड़ा गया। टीम ने कहा कि विभिन्न प्रकार के व्यायाम का शरीर पर विभिन्न प्रभाव पड़ता है, जहां प्रतिरोध प्रशिक्षण मांसपेशियों की ताकत और मात्रा में महत्वपूर्ण सुधार कर सकता है, जबकि एचआइआइटी कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस को उत्तेजित कर सकता है और वसा की मात्रा को कम कर सकता है।

    12 सप्ताह का प्रशिक्षण कार्यक्रम बेटारिगा ने कहा कि यह जानना महत्वपूर्ण है कि क्या विभिन्न व्यायाम मायोकाइन पर अलग-अलग प्रभाव डालते हैं और उनके संभावित कैंसर रोधी प्रभाव क्या हैं। मायोकाइन एक प्रोटीन है जो व्यायाम के दौरान मांसपेशियों द्वारा पैदा होता है, जिसमें कैंसर रोधी प्रभाव होते हैं। टीम ने ब्रेस्ट कैंसर के पीड़तों को 12 सप्ताह के प्रशिक्षण कार्यक्रम से अनुसरण किया । बेटारिगा ने कहा कि प्रयोगशाला परीक्षणों में ब्रेस्ट कैंसर के पीड़ितों के रक्त के नमूनों का उपयोग करते हुए प्रत्येक ब्रेस्ट कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को प्रभावित करते हैं। परिणामों ने दिखाया कि दोनों समूहों के प्रतिभागियों के पास 12 सप्ताह में मायोकाइन के उच्च स्तर थे, जो शुरुआत की तुलना में अधिक थे, जिसका अर्थ है कि आप जो भी व्यायाम करते हैं, आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

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