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    फलों का राजा तो मालूम होगा, लेकिन कभी सुना है फलों की रानी का नाम? 90% लोगों को नहीं पता सही जवाब

    Updated: Tue, 22 Apr 2025 03:04 PM (IST)

    फलों के राजा का नाम तो आपने बचपन से ही सुना होगा लेकिन क्या आपने कभी फलों की रानी के बारे में सुना है। बेहद कम लोग ही यह जानते हैं कि फलों की रानी (Who is queen of fruits) किसे कहा जाता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको इसी सवाल का जवाब देंगे और बताएंगे कि किसे कहा जाता है फलों की रानी।

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    क्या है जानते हैं फलों की रानी का नाम (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आम फलों का राजा है, ये तो हम सभी जानते हैं। बचपन से ही हम सब इसे पढ़ते या सुनते आ रहे हैं। पोषक तत्वों से भरा आम कई लोगों का पसंदीदा फल होता है। खासतौर गर्मियों में मिलने वाले इस फल की कई किस्में पाई जाती है, जिसे लोग अपनी पंसद के मुताबिक खाते हैं। फलों का राजा के बारे में तो आप बहुत कुछ जानते होंगे, लेकिन क्या आपने कभी फलों की रानी (Phalon ki Rani kaun hai) के बारे में सुना है?

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    अगर आप यह सुनकर चौंक गए हैं, तो आपको बता दें कि फलों के राजा की ही तरह फलों की रानी (Who is the queen of fruits) भी होती है। हालांकि, बेहद कम लोगों को ही इसके बारे में पता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको इसकी सवाल का जवाब देने वाले हैं, तो आइए जानते हैं कौनसा फल कहलाता है फलों की रानी-

    कौन है फलों की रानी?

    फलों की रानी कहे जाने वाले इस फल के बारे में बेहद कम लोग ही जानते हैं, क्योंकि यह मुख्य रूप से मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड आदि जैसे दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में पाया जाता है। हम बात कर रहे हैं मैंगोस्टीन (Mangosteen queen of fruits) की, जिसे फलों की रानी कहा जाता है। इसका स्वादा मीठा और हल्का खट्टा होता है। साथ ही यह फल काफी रसदार और थोड़ा रेशेदार भी होता है।

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    कैसे उगता है ये फल?

    मैंगोस्टीन का वैज्ञानिक नाम गार्सिनिया मैंगोस्टीना है और इसके पेड़ सिर्फ 4 डिग्री सेल्सियस से लेकर 38 डिग्री सेल्सियस के तापमान के बीच में भी उगते हैं। इन फलों में फल आने में सात से नौ साल तक का समय लग सकता है। इतना ही नहीं इसकी अच्छी फसल के लिए कई बार दस से बीस साल तक का इंतजार करना पड़ता है।

    कैसे मिला फलों की रानी का खिताब?

    आप ये तो जान गए है कि फलों की रानी किसे कहा जाता है, लेकिन अब सवाल यह उठता है कि इसे यह खिताब कब और कैसे मिला। दरअसल, अमेरिकी प्लांट एक्सप्लोरर और वनस्पतिशास्त्री डेविड फेयरचाइल्ड ने इस फल को यह खिताब दिया। उन्होंने 1930 में पब्लिश अपनी एक किताब एक्सप्लोरिंग फॉर प्लांट्स में इस फल को फलों की रानी कहा था। यह थाईलैंड का राष्ट्रीय फल है और यह बाहर से बैंगनी रंग की होता है, जबकि इसके अंदर मलाईदार सफेद पल्प होता है और इसमें बीज होते हैं।

    वहीं, बात करें भारत की, तो अपने यहां इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। हिंदी में इसे मंगूस्तान, मलयालम में कट्टम्पी, मराठी में कोकम, कन्नड़ में हन्नू और बंगाली में बाओ कहा जाता है। इतना ही नहीं कहा जाता है कि फलों की रानी मैंगोस्टीन खुद ब्रिटेन की रानी विक्टोरिया का पसंदीदा था।

    गुणों का भंडार है मैंगोस्टीन

    इस फल की खासियत तो आप जान ही गए हैं, तो चलिए अब बात करते हैं इसके कुछ फायदों की। मैंगोस्टीन एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन्स से भरपूर होता है, जो बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकते हैं। साथ ही यह उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है। इसके अलावा यह फल सामान्य सर्दी और फ्लू जैसी बीमारियों से बचा सकता है और कैंसर और हार्ट डिजीज के खतरे को कम कर सकता है।

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