क्या आप भी तड़का, छौंक और बघार को समझते हैं एक? तो यहां जान लें अंतर, तभी मिलेगा खाने का सही स्वाद
भारतीय खानपान में तड़का छौंक और बघार स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होते हैं। आमतौर पर लोग इन्हें एक ही मानते हैं क्योंकि यह काफी हद एक जैसे ही लगते हैं। असल में यह तीनों आपस में काफी अलग है। आज इस आर्टिकल में हम इसी अंतर के बारे में जानेंगे।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय खानपान दुनियाभर में अपने अनोखे स्वाद और सुगंध के लिए जाना जाता है। यहां हर राज्य का अपना अलग स्वाद और खाने के बनाने का अपना अलग तरीका होता है। खाने के स्वाद को बढ़ाने, खासकर सब्जियों को बेहतर बनाने के लिए अक्सर तड़का, छौंक और बघार लगाया जाता है।
आमतौर पर लोग इन तीनों को ही एक मानते हैं, लेकिन असल में यह एक-दूसरे से काफी अलग होते हैं। आसान भाषा में समझें, तो तड़का, छौंक और बघार व्यंजनों का स्वाद और सुगंध बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाली प्रक्रियाएं है और यह विभिन्न जगहों पर अलग-अलग तरीके से किए जाते हैं। अगर आप भी उन लोगों में से एक है, जो इन तीनों को एक ही मानते हैं, तो आज हम आपकी इस कन्फ्यूजन को दूर करने वाले हैं। आइए जानते हैं एक-दूसरे से कैसे अलग हैं तड़का, छौंक और बघार-
तड़का (Tadka)
यह खाने का स्वाद बढ़ाने वाली एक सामान्या प्रक्रिया है, जो भारतीय खानपान में ज्यादातर इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रक्रिया में गर्म तेल या घी में मसालों को भुना जाता है। मसाले अच्छे से भुनने के बाद फिर इसमें व्यंजन को डालकर पकाया जाता है।
इसके लिए आमतौर पर जीरा, राई, हींग, लाल मिर्च, प्याज या लहसुन जैसी सामग्रियों का इस्तेमाल किया जा सकता है। किसी में व्यंजन में तड़का लगाने से इसमें रंग, सुगंध और तीखापन आता है।
छौंक (Chhonk)
छौंक भी काफी हद तक तड़के की तरह ही होता है। किसी भी व्यंजन में छौंक लगाने के लिए घी या तेल को कम गर्म किया जाया है और फिस उसमें खड़े मसाले (जैसे जीरा, सरसों, हींग, करी पत्ता) डालकर हल्का भूना जाता है।
ऐसा करने से मसालों की सुगंध और स्वाद तेल में घुल जाता है, जिससे व्यंजन को खास स्वाद मिलता है। आमतौर पर खाने की इस विधि का इस्तेमाल अक्सर उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में किया जाता है।
बघार (Baghaar)
बघार भी खाने का स्वाद बढ़ाने वाली एक प्रक्रिया है, जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से दक्षिण भारत में किया जाता है। इस प्रक्रिया में पके हुए व्यंजन पर गर्म तेल या घी में मसालों को भुनकर सीधा डाला जाता है। ऐसा करने से मसालों का सुनहरापन, कुरकुरापन और सुगंध व्यंजन में आती है।
मुख्य अंतर
- समय का अंतर: तड़का और छौंक दोनों को तैयार करने के लिए उसमें व्यंजन डाला जाता है। वहीं, बघार को सीधे पके हुए व्यंजन के ऊपर डाला जाता है।
- तेल का तापमान: छौंक में तेल कम गर्म होता है, जबकि तड़का और बघार में तेल ज्यादा गर्म किया जाता है।
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