Litti Chokha: स्वाद से भरपूर और संपूर्ण आहार है लिट्टी चोखा, हर वर्ग का मिलता है प्यार
लिट्टी चोखा बिहार का एक प्रसिद्ध व्यंजन है जो अपने स्वाद और पौष्टिकता के लिए जाना जाता है। यह आटे के गोले को उपले या तंदूर में सेंककर बनाया जाता है और इसे आलू-बैंगन के चोखे के साथ परोसा जाता है। लिट्टी चोखा हर वर्ग के लोगों को पसंद आता है और इसे भारत के कई राज्यों में पसंद किया जाता है।
नलिनी रंजन, नई दिल्ली। लिट्टी-चोखा का नाम आते ही सोंधे स्वाद का अहसास जाग जाता है। इसमें भी यदि लिट्टी उपले की धीमी आंच पर सेंक कर बनाई गई हो तो इसकी मुलायमियत के क्या कहने। गांवों में इसके बनाने से लेकर परोसने तक का अंदाज भी निराला होता है।
लिट्टी को थोड़ी-थोड़ी देर में आग पर उलटना-पलटना, राख में लिपटी आग की गर्माहट में कुछ देर ढंकना, सिंकाई के बाद गमछे में बांधकर उसपर लगी राख को झाड़कर हटाना, फिर देसी घी में डुबोकर लिट्टी को आलू, भंटा (बैगन की गोल प्रजाति), टमाटर मिले चोखे के साथ खाना। यह पूरी प्रक्रिया सहकार से साकार होती है।
इस तरह गांवों में लिट्टी-चोखा केवल एक व्यंजन या पेट भरने का साधन नहीं, बल्कि एकजुट होकर कार्य संपन्न करने की प्रेरणा और आसपास सहज उपलब्ध अनाज व सब्जियों से विशिष्ट स्वाद प्राप्त करने की क्षमता का प्रदर्शन भी है।
लिट्टी-चोखा की विशिष्टता व देसी स्वाद ने इसे गांव से आगे बढ़ाकर ग्लोबल कर दिया है। फाइव स्टार होटलों के मेन्यू में यह कब का जगह बना चुका है। अब भारत भ्रमण को आने वाले विदेशियों को भी इसका स्वाद भाने लगा है।
इस लोक व्यंजन ने विस्तार पाया तो लिट्टी-चोखा बनाने और परोसने के नए-नए तौर-तरीके भी इजाद हो गए हैं। लिट्टी को लकड़ी व पत्थर कोयले से लेकर रसोई गैस की आंच तक पर सेंका जाने लगा, कई लोग ओवन में भी पकाना पसंद करते हैं।
इसी तरह बैगन, आलू व टमाटर की सिंकाई या उबालने की प्रक्रियाएं अलग-अलग होती गईं। लहसुन, प्याज समेत अन्य मसालों का समावेश भी भिन्न-भिन्न है। एक बात समान है, वह इसका लोक से जुड़ाव और विशिष्ट स्वाद। यही कारण है कि विदेशी भी एक बार इसका स्वाद चख लें तो मस्ती में प्रशंसा भी लोक बोली में करने लगते हैं।
लोकमान्यताओं में श्रीराम तक जुड़ाव
लोकमान्यता है कि भगवान श्रीराम ने भी बक्सर में लिट्टी-चोखा ग्रहण किया था। श्रीराम के जीवनचरित से जुड़े होने के कारण बक्सर में आज भी पंचकोशी मेला का आयोजन होता है। प्रतिवर्ष नवंबर में (अगहन कृष्णपक्ष की पंचमी तिथि से) पांच दिवसीय उत्सव होता है।
दसवीं तिथि को हजारों लोग चरित्रवन क्षेत्र में गंगास्नान कर इसके किनारे उपले की आंच पर लिट्टी पकाते और प्रसाद के रूप में चोखे के साथ ग्रहण करते हैं। इससे पहले नौवीं तिथि को नुआंव में सत्तू व मूली का प्रसाद ग्रहण करने की परंपरा है।
जापानी राजदूत ने लिखा ‘गजब स्वाद बा’
वह दिन दूर नहीं, जब आप टोक्यो या न्यू यार्क के किसी रेस्टोरेंट में बैठे हों और आपकी मांग पर लिट्टी-चोखा सर्व कर दिया जाए। गत दिनों बिहार के बोधगया की यात्रा पर आए भारत व भूटान में जापान के राजदूत ओनो कोईची ने लिट्टी-चोखा का स्वाद चखा तो स्वयं को इसकी प्रशंसा करने से रोक नहीं सके।
उन्होंने लिट्टी-चोखा खाते हुए अपनी तस्वीर एक्स पर अपलोड की और भोजपुरी में लिखा ‘गजब स्वाद बा’। इंटरनेट मीडिया पर उनकी डिप्लोमेसी की प्रशंसा तो हुई ही, साथ ही उनके देश के कई लोगों ने भी इसे खाने की इच्छा जता दी। इसी तरह की प्रतिक्रिया एक अमेरिकी राजनयिक भी बिहार यात्रा के दौरान दे चुके हैं।
आसानी से बना सकते हैं लिट्टी-चोखा
होटल मौर्या के चीफ शेफ ब्रजेश कुमार सिंह बताते हैं, ‘लिट्टी गढ़ने से आधा घंटे पहले आटा गूंथते समय हल्का नमक, घी तथा आटा की मात्रा का एक चौथाई पानी का उपयोग करें। इसमें भरने के लिए सत्तू का मसाला तैयार करें। 25-30 लिट्टी बनाने के लिए 250 ग्राम चने का सत्तू ले सकते हैं। सत्तू में सरसों तेल, अदरक, हरी मिर्च, लहसुन, नमक, अचार के मसाले को इस तरह मसलकर मिलाएं, ताकि सत्तू भुरभुरा ही रहे।
गूंथे आटे के छोटे-छोटे लोई बनाकर सत्तू भरते जाएं, फिर चूल्हे के ऊपर जाली रखकर लिट्टी सेंकें। चोखा बनाने के लिए बैगन, आलू व टमाटर का उपयोग करते हैं। सबसे पहले बैगन में हल्का तेल लगाकर रोस्ट कर लें, इसी तरह टमाटर को रोस्ट करें। इसके बाद इसके ऊपरी जले हुए हिस्से को हटाएं और उबले आलू, प्याज, लहसुन, हरी मिर्च के साथ मिलाकर चोखा तैयार कर लें। इसे सर्व करते समय कटोरी में अलग से घी रख दें।’
अतिथि जरूर चखते स्वाद
बिहार आने वाले नेता हों, अभिनेता या कोई बड़े उद्योगपति, यहां आने के बाद लिट्टी-चोखा जरूर चखते हैं। पटना के बड़े स्टार होटलों में शुमार होटल मौर्या हो या होटल ताज, सभी के मेन्यू में यह शामिल है। आमिर खान, ऋतिक रोशन आदि भी बिहार भ्रमण के दौरान लिट्टी-चोखा खाकर लौटे हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।