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    Pulses and Beans: क्या आप भी अक्सर दालों और बीन्स में हो जाते हैं कंफ्यूज, जो जानें इनके प्रकार और फायदे

    Updated: Sat, 13 Jan 2024 07:48 AM (IST)

    पोषक तत्वों से भरपूर दाल हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती हैं। यह भारतीय खानपान का एक अहम हिस्सा है। हालांकि दालों और बीन्स के विभिन्न प्रकारों की वजह से अक्सर लोग इसे लेकर कंन्फ्यूज हो जाते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको दालों और बीन्स के विभिन्न प्रकारों में बारे में बताने जा रहे हैं।

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    क्या आप जानते हैं दालों के ये विभिन्न प्रकार

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। दाल भारतीय किचन का एक बेहद अहम हिस्सा है। यही वजह है कि लोग कई तरह की दालों को अपना डाइट का हिस्सा बनाते हैं। हालांकि, तरह-तरह की लेंटिल या दालों क् बारे में सभी को विस्तृत जानकारी नहीं होती है। बीन्स और लेग्यूम फाइबर से भरपूर होते हैं और सेहत के लिए इनके अनेक फायदे भी हैं। यह हेल्दी गट बैक्टीरिया को बढ़ाता है और ब्लड शुगर लेवल को कम करता है। यह फाइबर, प्रोटीन, विटामिन बी और अन्य मिनरल का बहुत ही बेहतरीन स्रोत है। आइए विस्तृत रूप में जानते हैं कि क्या है दाल या बीन्स की विभिन्न वैरायटी और उसके फायदे-

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    किडनी बीन्स या राजमा

    सबसे आमतौर से खाए जाने वाला बीन्स राजमा है। राजमा चावल लगभग सभी का फेवरेट होता है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो ब्लड में शुगर को कम सोखने में मदद करता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल घटता है।

    काला राजमा या ब्लैक बीन्स

    यह फाइबर, प्रोटीन और फोलेट का बहुत अच्छा स्रोत है। अन्य कार्बोहाइड्रेट रिच फूड्स की तुलना में इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत ही कम होता है, जिससे खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल संतुलित रहता है।

    पिंटो बीन्स

    इसे फवा बीन्स या बाकला के नाम से भी जानते हैं। यह ब्लड शुगर कम करने के साथ कॉलेस्ट्रॉल भी कम करता है और हेल्दी गट बनाए रखता है। अन्य बीन्स की तरह ये भी खाने के बाद होने वाले शुगर स्पाइक को कम करता है।

    काबुली चना

    यह फोलेट, फाइबर और प्रोटीन का बहुत अच्छा स्रोत है। शोध के अनुसार काबुली चना के सेवन से ब्लड शुगर लेवल और इंसुलिन के लेवल संतुलित बने रहते हैं। यह बॉवल फंक्शन को भी सुधारता है और आंतों में मौजूद खराब बैक्टीरिया को कम करता है।

    मटर

    यह फाइबर और प्रोबायोटिक का अच्छा स्रोत है। कुछ शोध में ये पाया गया है कि मटर खाने के बाद इंसुलिन और ब्लड शुगर का लेवल कम होता ही है, साथ ही ब्लड ट्राइग्लिसराइड को भी कम करता है और पेट भरे होने के एहसास को बढ़ाता है। यह हेल्दी गट को सपोर्ट करता है।

    मसूर दाल

    यह भारतीय भोजन का एक अभिन्न हिस्सा है। सूप, स्ट्यू, टैको और अन्य कई डिशेज में इसका प्रयोग होता है। यह प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत है और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में सहायक है।

    मूंग दाल

    यह सबसे सुपाच्य दाल होती है, जिसके कारण अक्सर बीमार पड़ने पर लोग मूंग दाल की खिचड़ी ही खाते हैं। मार्केट में ये छिलके वाली, बिना छिलके वाली और साबुत खड़ी मूंग दाल के रूप में मिलती है।

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    Picture Courtesy: Freepik