मिलावटी कुट्टू का आटा पहुंचा सकता है अस्पताल! नवरात्र से पहले करना सीख लें असली-नकली की पहचान
नवरात्र शुरू होने वाले हैं और इस दौरान व्रत में कुट्टू के आटे से बनी चीजें खूब खाई जाती हैं। बता दें हर साल कुट्टू का आटा खाने से कई लोगों के बीमार पड़ने की खबरें भी आती हैं। वजह है इसमें होने वाली मिलावट। जी हां नकली कुट्टू का आटा सेहत के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। आइए जानें इसकी शुद्धता जांचने के कुछ खास तरीके।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्र का व्रत हो और कुट्टू का आटा न हो, ऐसा सोचना भी मुश्किल है। उपवास (Navratri 2025) के दौरान सबसे ज्यादा खाया जाने वाला अनाज यानी कुट्टू हर घर की थाली में जगह बना लेता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाजार में मिलने वाला कुट्टू का आटा अक्सर मिलावटी भी हो सकता है?
यह न सिर्फ आपकी सेहत से खिलवाड़ करता है, बल्कि आपको सीधे अस्पताल तक पहुंचा सकता है। इसलिए इस नवरात्र से पहले असली और नकली कुट्टू की पहचान करना बेहद जरूरी है (How To Check Kuttu Atta Purity)। आइए जानें।
क्यों की जाती है कुट्टू के आटे में मिलावट?
कुट्टू का आटा नवरात्र में ज्यादा बिकता है। इसकी मांग अचानक बढ़ जाने पर कुछ व्यापारी मुनाफा कमाने के लिए इसमें सस्ता और दिखने में मिलता-जुलता आटा मिला देते हैं। कई बार सिंघाड़े का आटा, अरारोट या फिर मैदा तक इसमें मिलाकर पैक कर दिया जाता है।
मिलावटी कुट्टू के आटे से होने वाले नुकसान
- पेट की समस्या: गैस, कब्ज और दस्त जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
- फूड पॉइजनिंग का खतरा: लंबे समय तक रखे गए या मिलावटी आटे से उल्टी और पेट दर्द हो सकता है।
- कमजोर इम्युनिटी: शरीर को पोषण न मिलने पर बार-बार बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है।
- एलर्जी की समस्या: कई लोगों को मिलावटी आटे से स्किन रैशेज और खुजली की परेशानी होती है।
कैसे करें कुट्टू के आटे में मिलावट की पहचान?
- रंग पर ध्यान दें: असली कुट्टू का आटा हल्का भूरा या ग्रे रंग का होता है, जबकि नकली में यह बहुत सफेद या चमकीला दिख सकता है।
- महक से पहचानें: असली कुट्टू से हल्की-सी मिट्टी जैसी महक आती है, जबकि मिलावटी आटे में कोई खास गंध नहीं होती।
- छूकर देखें: असली आटा हल्का दानेदार होता है, जबकि नकली ज्यादा महीन और चिकना लगेगा।
- पानी में टेस्ट करें: एक गिलास पानी में थोड़ा-सा आटा डालें। असली कुट्टू का आटा पानी में ऊपर तैरता है और धीरे-धीरे घुलता है, जबकि नकली तुरंत नीचे बैठ जाता है।
- स्वाद से पहचानें: असली आटा हल्का कसैलापन लिए होता है, जबकि नकली बेस्वाद या मीठास लिए हो सकता है।
इन बातों का रखें ध्यान
- हमेशा भरोसेमंद ब्रांड या जानी-मानी दुकानों से ही आटा खरीदें।
- पैकिंग पर मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट जरूर देखें।
- एक बार में ज्यादा आटा खरीदने के बजाय जरूरत के अनुसार लें ताकि वह बासी न हो।
- शक होने पर छोटे टेस्ट करें और तभी खाने में इस्तेमाल करें।
उपवास का मकसद शरीर को शुद्ध करना और मन को शांत करना होता है, लेकिन अगर मिलावटी आटा खा लिया जाए तो व्रत का पूरा फायदा ही खत्म हो सकता है। इसलिए इस बार जब भी कुट्टू का आटा खरीदें, सतर्क रहें और ऊपर बताए गए तरीकों से उसकी पहचान जरूर करें।
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