हजारों किलाेमीटर की दूरी तय कर भारत पहुंचा था सभी का पसंदीदा मोमोज, दिलचस्प है इसकी कहानी
भारत में माेमोज लोगों का पसंदीदा बन चुका है। इसे साथ खाई जाने वाली चटनी इतनी तीखी और चटपटी होती है कि ये मोमोज के स्वाद में तड़का लगा देती है। भारत ...और पढ़ें

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हम इंडियंस में मोमोज का क्रेज दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। भारत में मोमोज ने एक खास पहचान बना ली है। इस देश में जब भी स्ट्रीट फूड का नाम लिया जाता है तो माेमोज का नाम सबसे पहले आता है। ये एक ऐसा स्नैक है जो हर उम्र के लोगों को बेहद पसंद आता है। पहले तो मोमाेज सिर्फ भाप में पकाकर तैयार किया जाता था लेकिन आज ये कई वैरायटी में खाया जाता है। फ्राइड, तंदूरी, चॉकलेट, केएफसी स्टाइल मोमोज हर किसी को बेहद पसंद आ रहे हैं। अब तो गली-नुक्कड़ से लेकर छोटे-बड़े रेस्टोरेंट्स, हर जगह ये आसानी से मिल जाता है। इसकी तीखी चटनी लोगों को मोमोज का दीवाना बना रही है।
तीखी चटनी की वजह से ही मोमोज को भारत (Momo Trend In India) में इतनी पॉपुलैरिटी हासिल हुई है। हालांकि भारत में मोमोज के आने का सफर इतना आसान नहीं था। ये डिश भले ही तिब्बत और नेपाल से हमें मिली है लेकिन आज ये भारत (Momo History In India) की शान बन चुका है। इसे मशहूर बनाने में सोशल मीडिया और फूड ब्लॉगर्स ने भी अहम भूमिका निभाई है। आइए विस्तार से जानते हैं मोमोज के भारत आने की दिलचस्प कहानी क्या है और क्याें यहां के लोगों में इसका क्रेज इतना बढ़ गया।
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पहाड़ों से शुरू हाेती है मोमोज की कहानी
भारत में मोमोज सिर्फ एक स्नैक ही नहीं बल्कि फीलिंग बन गया है। यहां पर मोमोज का बढ़ता क्रेज इस बात का प्रतीक है कि कैसे भारत अलग-अलग संस्कृतियों को आसानी से अपनाता चला आ रहा है। भारत में अपनी धाक जमाने के लिए मोमोज को काफी लंबा सफर तय करना पड़ा था। इसकी कहानी पहाड़ों से शुरू होती है। मोमोज तिब्बत चाइना, नेपाल और भूटान जैसे देशों में खाया जाने वाला प्रमुख व्यंजन था।

1970-80 में मोमोज ने भारत में बनाई पहचान
तिब्बतियों और नेपालियों को ख्याल आया कि क्यों न इस रेसिपी को भारत लाया जाए। इंडिया में सबसे पहले मोमोज उत्तर-पूर्वी राज्यों में पहुंचा। जिसमें सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर शामिल हैं। वहां के लोगों को मोमोज काफी पसंद आया। धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता बढ़ती चली गई। इसके बाद ये दिल्ली और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में आ पहुंचा। 1970-80 की बात है जब मोमोज ने भारत में (Momo Evolution In India) अपनी पहचान बनानी शुरू कर दी थी।
कैसे बढ़ा मोमोज का ट्रेंड
मोमोज को लाेगों का पसंदीदा बनाने में सबसे बड़ा हाथ इसके साथ खाई जाने वाली लाल और तीखी चटनी का ही है। क्योंकि भारत में आधे से ज्यादा आबादी तीखा और चटपटा खाना पसंद करती है। इसके मशहूर होने की एक वजह ये भी है कि ये काफी सस्ते मिलते हैं। मोमोज को बनाने में ज्यादा सामग्री या समय भी नहीं लगता है। आटा, सब्जियां या मांस और कुछ मसालों से इसे आसानी से तैयार किया जा सकता है। इसीलिए ज्यादातर ठेले वाले इसे बनाते हैं। इसकी उनकी इनकम भी बढ़ रही है।

हर मौसम में लाेगों को पसंद आता है मोमोज
पहले मोमोज को सिर्फ स्टीम या फ्राई करके ही बनाया जाता था जिसमें हरी सब्जियाें की स्टफिंग होती थी। लेकिन अब पनीर, चिकन, मटन, कॉर्न की फिलिंग भी होने लगी है। तंदूरी मोमोज तो आजकल हर जगह छाए हुए हैं। सोशल मीडिया और फूड ब्लॉगर्स ने भी मोमोज को मशहूर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। सर्दी हो या गर्मी-बरसात, मोमोज हर मौसम में लोगों का पसंददीदा बन चुका है।
भारत में अब इन वैरायटीज में मिलते हैं मोमोज
- स्टीम्ड मोमोज
- फ्राइड मोमोज
- करारे मोमोज
- चीजी मोमोज
- चॉकलेट मोमोज
- कोरियन मोमोज
- ग्रेवी मोमोज
- तंदूरी मोमोज
- मंचूरियन मोमोज
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