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    एक बार जरूर करें भारत के इन चाय बागानों की सैर, Tea Lovers के लिए नहीं है जन्नत से कम

    Updated: Thu, 17 Jul 2025 12:08 PM (IST)

    भारत में चाय के शौकीन लोगों की कोई कमी नहीं है। यहां कई ऐसे लोग हैं जो सुबह-शाम किसी भी समय चाय को मना नहीं करते हैं। चाय की इसी लोकप्रियता के चलते यहां अलग-अलग तरह की चाय मिलती हैं। भारत विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं का देश है और यहां चाय के भी कई स्वाद मिलते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में-

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    ये हैं भारत के बेहतरीन चाय बागान (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अलग-अलग कल्चर और परंपराओं वाले देश भारत में चाय के भी आपको कई जायके मिल जाएंगे। इसकी वजह है देश के अलग-अलग हिस्सों के चाय बागानों में उगाई जाने वाली चाय। चाय के शौकीनों के लिए तो ये राज्य किसी जन्नत से कम नहीं।

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    असम की चाय में जहां आपको बोल्ड फ्लेवर मिलता है, वहीं दार्जिलिंग की चाय “शैम्पेन ऑफ टी’ कहलाती है। चाय का ऐसे ही अनोखे स्वाद का लुत्फ उठाने के लिए आइए चलते हैं इन चाय बागानों की ओर।

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    चाय का बोल्ड और कड़क स्वाद

    भारत के उत्तर-पूर्व में स्थित असम में आपको चाय का बोल्ड और कड़क स्वाद चखने को मिलता है। पूरे राज्य से होकर बहने वाली ब्रम्हपुत्र नदी की वजह से ही असम की चाय को यह अनोखा स्वाद मिला है। यहां दूर-दूर तक चाय के बागान फैले हुए हैं, जो प्राकृतिक सुंदरता का प्रतीक नजर आते हैं।

    शैम्पेन ऑफ द टी

    पश्चिम बंगाल के उत्तरी इलाके में बढ़ने पर दार्जिलिंग की खूबसूरत पहाड़ी देखने को मिलती है। यहां की चाय को “शैम्पेन ऑफ द टी” का खिताब मिला हुआ है। जो अपनी महक और अलग स्वाद के लिए जानी जाती है। ऊंचाई पर स्थित होने और ठंडे मौसम की वजह से दार्जिलिंग की चाय को एक अलग ही फ्लेवर मिलता है।

    यहां टूरिस्ट को हरे-भरे चाय बागानों के अलावा, चाय बनने की पूरी प्रक्रिया देखने का मौका मिलता है और वे चाय तोड़ने का अनुभव भी ले सकते हैं। दार्जिलिंग टी को GI टैग भी दिया गया है, जोकि इसकी अनोखी पैदावार और खूबियों का सबूत है।

    नीली पहाड़ियों में चाय की महक

    भारत के दक्षिणी हिस्से में तमिलनाडू की नीलगिरी पहाड़ियां अनोखे स्वाद वाली चाय के लिए मशहूर है। नीलगिरी की पहाड़ियों में चाय के बगानों के साथ यूकेलिप्टस के पेड़ हैं जो ना केवल यहां खूबसूरती बढ़ाने का काम करते हैं, बल्कि चाय को एक सौंधी-सी महक भी देते हैं। यही वजह है कि बाकी राज्यों की तुलना में नीलगिरी पहाड़ियों की चाय काफी अलग है।

    दो तरह के स्वाद का है मेल

    हिमाचल प्रदेश का ठंडा और बार-बार बदलता मौसम चाय की बागवानी के लिए सही है। यहां की चाय में आपको अनोखी किस्म की मिठास के साथ-साथ कड़क स्वाद का बेहतरीन मेल चखने को मिलता है। सौम्य के साथ यहां आपको चाय की काफी बोल्ड वैराइटी भी देखने को मिलती है। यहां चाय बागानों में कई प्रयोग होते हैं जो चाय की एक बड़ी रेंज में देखने को मिलती है। चाहे ग्रीन टी हो या फिर ब्लैक, चाय की हर घूंट में आपको हिमाचल प्रदेश का अनोखापन चखने को मिलता है।

    ऑर्गेनिक चाय का खिताब

    सिक्किम का टेमी टी एस्टेट नामची जिले का पहला कर्मिशियल चाय बागान है और अब भारत के सबसे बेहतर चाय बागानों में से एक माना जाता है। सिक्किम में ब्लैक, ग्रीन, व्हाइट और ऊलोंग टी का उत्पादन होता है, जिसे 2008 से ही ऑर्गेनिक का खिताब मिला हुआ है। यहां लोग चाय की चुस्कियों का मजा लेते हुए फैक्ट्री की सैर कर सकते हैं और रातभर रुकने के लिए भी बेहतर इंतजाम हैं।

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