क्या वाकई पंजाब के पहलवान ने बाय-चांस बना दी थी 'डोडा बर्फी'? पढ़ें इस देसी मिठाई की दिलचस्प कहानी
भारत में मिठाइयों की विविधता में डोडा बर्फी एक खास स्थान रखती है। इसका इतिहास 20वीं सदी से जुड़ा हुआ है। इसे सबसे पहली बार पंजाब में बनाया गया था। जहां पहलवान हंसराज विग ने इसे अपनी फिटनेस के लिए बनाया था। दूध और घी से बनी ये मिठाई आज पूरे भारत में पसंद की जाती है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हमारे यहां भारत में खाने के चीजों की कमी नहीं है। खाने-पीने के कई वैरायटीज तो मिलते ही हैं, लेकिन मिठाईयां भी किसी मामले में पीछे नहीं हैं। कोई शुभ काम हो तो सबसे पहले लोगों का मुंह ही मीठा कराया जाता है। इसके अलावा कोई फेस्टिवल हो, या घर पर किसी मेहमान को ही क्यों न आना हो, मिठाई की जरूरत हर समय पड़ती है। कई लोग तो घर पर खाना खाने के बाद मिठाई जरूर खाते हैं।
हालांकि, मिठाई में भी आपको ढेरों ऑप्शंस मिल जाते हैं। लेकिन जब भी बात देसी मिठाइयों की होती है, तो डोडा बर्फी का नाम सबसे पहले लिया जाता है। ये वो मिठाई है जिसे खाने भर से मुंह में भरपूर स्वाद और दिल में अपनापन उतर आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस स्वाद से भरी डोडा बर्फी की शुरुआत कैसे हुई थी? दरअसल, डोडा बर्फी का इतिहास भी उतना ही खास और दिलचस्प है, जितना इसका स्वाद है।
20वीं सदी से जुड़ा है किस्सा
डोडा बर्फी की शुरुआत 20वीं सदी की शुरुआत में पंजाब से मानी जाती है। कहा जाता है कि इसे सबसे पहले लाहौर (अब पाकिस्तान में) में एक पहलवान ने बनाया था, जो फिटनेस और ताकतवर शरीर के लिए एक खास तरह की मिठाई बनाना चाहता था। धीरे-धीरे ये मिठाई दिल्ली, हरियाणा, पंजाब से होती हुई पूरे भारत में मशहूर हो गई। तो आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। हम आपको डोडा बर्फी का दिलचस्प इतिहास बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं विस्तार से -
Made from ghee, milk, dry fruits & flour,the dish of Khushabi #Dhodha has a vital role in connecting people across borders.Hailing from #Khushab,#Punjab (now in #Pakistan) the dish was first prepared in the early 20th cent by a famous wrestler Hans Raj.He set up the first..[1/3] pic.twitter.com/1m7d2KQ0bz
— The Partition Museum (@PartitionMuseum) October 5, 2020
पहलवान ने बनाई थी ये मिठाई
बताया जाता है कि डोडा बर्फी का इतिहास भारत और पाकिस्तान के बंटवारे से पहले का है। उा दौरान पंजाब के सरघोड़ा में एक पहलवान रहता था जिसका नाम हंसराज विग था। वो अपनी फिटनेस को ध्यान में रखते हुए ऐसी स्वीट डिश बनाना चाहता था जो उसको फायदा भी पहुंचाए और मीठे की क्रेविंग भी शांत करे। वो अपनी बॉडी बनाने के लिए दूध और घी ज्यादा खाता था। धीरे-धीरे उन्होंने एक्सपेरीमेंट किया और एक खास मिठाई बनकर तैयार हो गई।
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हंसराज को था खाना बनाने का शौक
आपको बता दें कि हंसराज खाना बनाने के बेहद शौकीन थे। एक दिन उन्होंने दूध को इतना उबाला कि दूध एकदम मलाईदार बन कर आधा रह गया। इसमें उन्होंने खूब सारा मेवा डाला और घी लगे ट्रे पर इसे जमा दिया। जब ये सेट हो गया तो इसे बर्फी के शेप में काट लिया। जब हंसराज ने इसे टेस्ट करके देखा तो वो इस स्वाद के दीवाने हो गए। अब आप सोच रहे होंगे कि इसका नाम डाेडा बर्फी कैसे पड़ा?
ऐसे पड़ा इस बर्फी का नाम
तो हम आपको बता दें कि बंटवारे के बाद हंसराज का परिवार पंजाब में शिफ्ट हो गया था। उन्होंने इस रेसिपी को आगे ले जाने की योजना बनाई। कोटपुरा में जहां यसे परिवार रहता था, उस जगह का नाम डोडो था। तभी इस मिठाई का नाम डोडा बर्फी रख दिया गया। आज ये मिठाई पूरी दुनिया में बड़े चाव से खाई जाती है।
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