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    Republic Day 2025 : झारखंड की झांकी में दी गई रतन टाटा को श्रद्धांजलि, इन चीजों की भी दिखी झलक

    Updated: Sun, 26 Jan 2025 11:58 AM (IST)

    झारखंड राज्य में आदिवासी Jharkhand ki Jhanki कारीगर अपनी कारीगरी के लिए जाने जाते हैं। इसलिए बार आदिवासी कलाकारों द्वारा बनाई गई सोहराई और खोबर पेंटिंग आकर्षण का केंद्र रही। वहीं झारखंड की झांंकी में वूमेन इम्पावरमेंट को भी प्रस्तुत किया गया। झांकी में बताया गया कि झारखंड में रोजगार पैदा करने के लिए महिलाओं का भी बड़ा योगदान है।

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    झारखंड की झांकी ने सभी को आकर्षित किया। ( Pic Courtesy : Twitter)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Republic Day 2025 : हमारा देश 76वां गणतंत्र दिवस बहुत धूमधाम से मना रहा है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हर कोई 26 जनवरी के रंग में सरोबर है। इस दौरान देश की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस 2025 के मौके पर कर्तव्य पथ पर भव्य झांकियां भी प्रस्तुत की गईं।

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    वहीं अगर बात करें झारखंड की झांकी की तो यह इसलिए खास रही क्योंकि इस झांकी में मशहूर बिजनेसमैन रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी गई। वहीं झारखंड की झांकी की इस बार थीम थी 'स्वर्णिम झारखंड: विरासत और प्रगति की विरासत'। इस झांकी ने कई लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। झारखंड की झाांकी ने सभी को अपनी ओर काफी आकर्षित किया। इस दौरान महिला सश्क्तिकरण की भी झांकी में झलक दिखी। 

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    रतन टाटा का महत्वपूर्ण था योगदान

    देश के सच्चे रत्न थे रतन टाटा, भारत की आर्थिक उन्नति में दिया महत्वपूर्ण योगदान टाटा समूह का मानद चेयरमैन बनने के बाद से उन्होंने स्वयं को भले ही दैनिक कारोबारी गतिविधियों से अलग कर लिया हो लेकिन वह भारत की आर्थिक उन्नति को लेकर सक्रिय थे और इसीलिए उन्होंने कई स्टार्टअप को आगे बढ़ाने में मदद की।

    बता दें कि रतन टाटा ने 9 अक्टूबर 2024 को आखिरी सांस ली थी। झारखंड की झांकी का मुख्य आकर्षण जमशेदपुर रहा। जानकारी के लिए बता दें कि Steel City के नाम से इस शहर को जाना जाता है। जमशेदपुर के विकास में रतन टाटा की बहुत अहम भूमिका मानी जाती है। लोगों ने झारखंड की झांकी को काफी पसंइ किया। 

    झारखंड की झांकी में यह भी रहा खास 

    झारखंड की झांकी में औद्योगिक उपलब्धियों के अलावा झारखंड के पारंपरिक डांस, वहां की कारीगरी और कला को भी प्रस्तुत किया गया। बता दें कि झारखंड राज्य में आदिवासी कारीगर अपनी कारीगरी के लिए जाने जाते हैं।

    इसलिए बार आदिवासी कलाकारों द्वारा बनाई गई सोहराई और खोबर पेंटिंग आकर्षण का केंद्र रही। वहीं झारखंड की झांंकी में वूमेन इम्पावरमेंट को भी प्रस्तुत किया गया। झांकी में बताया गया कि झारखंड में रोजगार पैदा करने के लिए महिलाओं का भी बड़ा योगदान है। 

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