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Republic Day 2024: देश का पहला गणतंत्र दिवस, तस्वीरों में देखें लोकतंत्र के 75 वर्ष

Republic Day 2024 पूरा देश आज अपना 75वां गणतंत्र दिवस बना रहा है। साल 1950 में आज के दिन भारत का संविधान लागू किया गया था। इस खास मौके पर हर बार की तरह इस बार भी कर्तव्य पथ पर परेड का आयोजन किया गया। भारत को गणतंत्र हुए 75 साल पूरे हो चुके हैं। ऐसे में आज तस्वीरों में देखेंगे गणतंत्र भारत के 75 वर्षों का सफर-

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Published: Fri, 26 Jan 2024 03:00 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jan 2024 03:00 PM (IST)
तस्वीरों में देखें गणतंत्र भारत के 75 वर्षों का सफर

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Republic Day 2024: देश आज अपने गणतंत्र होने का जश्न मना रहा है। इस खास मौके पर हर साल की तरह इस बार भी राजधानी दिल्ली स्थित कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन किया गया। आजाद भारत को लोकतांत्रिक हुए 75 साल पूरे हो चुके हैं। ऐसे में बीते वर्षों के दौरान देश में कई सारे बदलाव देखने को मिले। साल 1950 से लेकर 2024 तक का यह सफर भारत के लिए गौरवमयी और समृद्ध रहा। ऐसे में आज हम आपको तस्वीरों के जरिए दिखाएंगे देश के पहले गणतंत्र दिवस से लेकर साल 2024 तक का सुनहरा सफर-

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200 साल तक गुलामी की जंजीरों से जकड़ा हमारा देश 15 अगस्त, 1947 में आजाद हुआ था। हालांकि, आजादी के बाद इसे सही तरीके चलाने के लिए एक संविधान की जरूरत थी, जिसे बनाने के लिए एक ड्राफ्टिंग कमेटी बनाई गई।

संविधान बनाने के लिए गठित की गई इस कमेटी के अध्यक्ष डॉ.भीमराव अंबेडकर थे, जिन्हें भारतीय संविधान के जनक भी कहा जाता है। इस ड्राफ्टिंग कमेटी ने विभिन्न देशों से प्रेरित संविधान से भारत का संविधान तैयार किया।

भारत के संविधान को बनाने में करीब दो साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे। इसके बाद 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा ने भारतीय संविधान को मंजूरी दी और इसी वजह से हर साल इस दिन संविधान दिवस मनाया जाता है।

संविधान को मंजूरी मिलने के बाद आखिरकार 26 जनवरी, 1950 को देश को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया और तब से लेकर अब तक हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।

आजाद और गणतंत्र भारत से अपना पहला रिपब्लिक डे 26 जनवरी 1950 को अपना पहला गणतंत्र दिवस मनाया था। इस खास मौके पर पहली बार गणतंत्र दिवस की परेड पुराना किला के सामने स्थित इरविन स्टेडियम में आयोजित की गई थी।

मौजूदा समय में इस जगह पर दिल्ली का चिड़ियाघर है। वहीं, इरविन स्टेडियम को बाद में नेशनल स्टेडियम और अब मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम के नाम से जाना जाता है।

26 जनवरी का दिन भारत के लिए सिर्फ इसलिए खास नहीं है, क्योंकि इस दिन देश गणराज्य बना, बल्कि इस दिन देश को अपना पहला राष्ट्रपति भी मिला था। 26 जनवरी, 1950 में डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रपति पद के लिए शपथ लेने के पहले गणतंत्र दिवस पर इरविन स्टेडियम में देश का तिरंगा फहराया था।

पहले गणतंत्र दिवस पर 30 तोपों की सलामी भी दी गई थी। यह परंपरा 70 के दशक तक जारी रही, जिसके बाद 21 तोपों की सलामी दी जाने लगी, जो आज तक कायम है।

प्रथम गणतंत्र दिवस के इस समारोह में राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के साथ ही देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी भी मौजूद थे।

देश को गणतंत्र हुए पूरे 75 साल पूरे हो चुके हैं। ऐसे में वक्त के साथ-साथ गणतंत्र दिवस के समारोह में भी कई बदलाव आते गए। शुरुआत में इसे मनाने के लिए कोई जगह तय नहीं थी।

1950 में नेशनल स्टेडियम के बाद इस समारोह को लाल किला, किंग्सवे कैंप और फिर रामलीला मैदान में आयोजित किया गया था। हालांकि, साल 1955 में पहली बार कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन किया गया था।

गणतंत्र दिवस पर विदेशी मेहमान बुलाने की परंपरा भी साल 1950 से ही शुरू की गई थी, जो आज भी उसी तरह चली आ रही है। इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में फ्रांस के प्रधानमंत्री इमैनुएल मैक्रों बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे।

वहीं, इस साल मनाए गए 75वें गणतंत्र दिवस पर नारी सशक्तिकरण की झलक देखने को मिली। इस दौरान नारी शक्ति का संदेश देती भारतीय सेना में शामिल देश की बेटियां कर्तव्य पथ पर अपने शौर्य का प्रदर्शन करती दिखीं।

इस साल गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान एक नई पहल देखने को मिली। दरअसल, इस बार परेड की शुरुआत 100 महिला कलाकारों ने शंखनाद के साथ परेड का आह्वान किया और विभिन्न वाद्य यंत्रों के साथ मनमोहक प्रस्तुति दी।

परंपरा के अनुसार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ध्वजारोहण किया और इसके बाद भारतीय सैन्य बलों की विभिन्न टुकड़ियों ने उन्हें सलामी दी।

इसके बाद देश के 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विभिन्न और मनमोहत झांकियों की प्रस्तुति की गई। इन झांकियों में देश की संस्कृति, विविधता, तकनीक और शिक्षा की झलक देखने को मिली।

इसके बाद देशभर में आईं करीब 1500 महिलाओं द्वारा कर्तव्य पथ पर वंदे भारतम् नृत्य उत्सव की प्रस्तुति दी गई। इस दौरान यह महिलाएं जनजातीय नृत्य, शास्त्रीय नृत्य, और बॉलीवुड डांस प्रसतुत करती नजर आईं।

समारोह के अंत में आसमान में छाए कोहरे के बीच वायु सेना के 46 विमानों द्वारा फ्लाई-पास्ट के साथ परेड का समापन हुए। इस दौरान मिग 29, अपाचे, प्रचंड, डकोटा, राफेल जैसे विमानों द्वारा आसमान में करतब दिखाए गए।

Picture Courtesy: X (Twitter)/Doordarshan National दूरदर्शन नेशनल


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