कैसे बांग्ला से शुरू होकर भारत की पहचान बन गया ‘जन-गण-मन’? जानिए National Anthem का पूरा सफर
Independence Day पर झंडारोहण के दौरान जन गण मन जरूर गाया जाता है। इसे रवींद्रनाथ टैगोर ने सबसे पहले बांग्ला में भारत भाग्य विधाता के रूप में लिखा था जिसे पहली बार 27 दिसंबर 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में गाया गया था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये हिंदी में सबसे पहले कब गाया गया था?

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हम सभी जब स्कूलों में पढ़ते थे या आज भी जो लोग स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं, वो सभी जन-गण-मन की अहमियत को बखूबी जानते हैं। राष्ट्रगान प्रार्थना के समय जरूर गाया जाता है। इसके अलावा चाहे 15 अगस्त हो या 26 जनवरी ही क्यों न हो, तब झंडा गर्व के साथ आसमान में लहराता हुआ नजर आता है तो भी हर किसी की जुबां पर राष्ट्रगान जरूर रहता है।
आपको बता दें कि 15 अगस्त को हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। ये दिन सिर्फ आजादी का प्रतीक नहीं होता है, बल्कि उन लाखों बलिदानों की भी याद दिलाता है जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए अपना सब कुछ गंवा दिया था। इस खास दिन पर स्कूलों, ऑफिसों समेत कई जगहों पर झंडा फहराया जाता है। इस दौरान देशभक्ति के गीत गाए जाते हैं।
क्या शुरू से हिंदी में था राष्ट्रगान?
इसके साथ ही राष्ट्रगान 'जन-गण-मन' की गूंज भी सुनाई देती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारा राष्ट्रगान 'जन-गण-मन' का सफर कैसे शुरू हुआ? क्या ये शुरुआत से ही हिंदी में था? अगर नहीं तो आपको हमारा ये लेख जरूर पढ़ना चाहिए। आज हम आपको बताएंगे कि ये गीत कैसे बांग्ला भाषा से निकलकर भारत की पहचान बन गया। आइए जानते हैं विस्तार से -
यह भी पढ़ें: Independence Day Speech 2025: स्वतंत्रता दिवस पर दमदार भाषण, तालियों से गूंज उठेगा हॉल
कहां से हुई शुरुआत?
जेसा कि आप सभी जानते हैं कि 'जन-गण-मन' को रवींद्रनाथ टैगोर (RavindraNath Tagore) ने लिखा थी। ये गीत उन्होंने सबसे पहले बांग्ला भाषा में लिखा था, तब इसका नाम 'भारत भाग्य विधाता' था। बताया जाता है कि इस गीत को सबसे पहली बार 27 दिसंबर 1911 को कोलकाता में हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में गाया गया था। तभी से राष्ट्रगान ने लोगों के दिलों में खास जगह बना ली थी।
कब हिंदी में गाया गया राष्ट्रगान?
अब आप सोच रहे होंगे कि इसे हिंदी में कब गाया गया? तो हम आपको बता दें कि हमारे देश की आजादी के बाद संविधान यरनी कि Constitution बनाने की प्रक्रिया चल रही थी, तभी ये फैसला लिया गया कि भारत का भी एक राष्ट्रगान होना चाहिए, जो देश की एकता, विविधता और गौरव को दिखा सके। तभी 24 जनवरी 1950 को संविधान बनाने वाली सभा ने 'जन-गण-मन' के पहले भाग को हिंदी में भारत का राष्ट्रगान बना दिया। ये दिन बहुत खास था, क्योंकि इसी दिन देश को एक सांस्कृतिक पहचान भी मिली थी।
राष्ट्रगान की खास बातें
आपको बता दें कि राष्ट्रगान में कुल 5 अंतरे हैं, लेकिन राष्ट्रगान के रूप में सिर्फ पहला अंतरा ही अपनाया गया है। जब हम पूरा राष्ट्रगान गाते हैं, तो इसकी लंबाई करीब 52 सेकंड की होती है। ये भी आपको जान लेना चाहिए कि ‘जन-गण-मन’ सिर्फ एक गीत नहीं है, ये हमारी पहचान भी है। जब हम इसे गाते हैं या सुनते हैं, तो गर्व और एकता की भावना जागती है। ये गीत हमें याद दिलाता है कि हम अलग-अलग भाषा, धर्म और संस्कृति के होते हुए भी एक साथ हैं। आपने देखा होगा कि जब भी कभी राष्ट्रगान सुनाई देता है या हम खुद गाते हैं तो हमेशा खड़े हो जाते हैं।
यह भी पढ़ें: Independence Day 2024: आजादी के लिए 15 अगस्त का दिन ही क्यों चुना गया था, छिपी है बड़ी वजह
Source-
- https://www.india.gov.in/india-glance/national-symbols
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।