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    Halloween 2024: ‘आत्माएं लौटती हैं धरती पर…’ कुछ ऐसी है इस डरावने त्योहार से जुड़ी कहानी

    Updated: Thu, 31 Oct 2024 08:22 AM (IST)

    हर साल 31 अक्टूबर तो हैलोवीन (Halloween 2024) का त्योहार मनाया जाता है। इस त्योहार की शुरुआत सेल्टिक संस्कृति से हुई थी। इस दिन लोग डरावने कॉस्ट्यूम पहनते हैं मेकअप करते हैं और साथ मिलकर खूब मस्ती मजाक करते हैं। इस त्योहार की शुरुआत कैसे हुई इसके पीछे एक बेहद दिलचस्प कहानी है। यहां हम उसी बारे में जानेंगे। आइए जानें।

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    कैसे और कब हुई हैलोवीन की शुरुआत (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Halloween 2024: हैलोवीन, हर साल 31 अक्टूबर को मनाया जाने वाला एक ऐसा त्योहार है जो दुनिया भर में अपनी डरावने और मजेदार माहौल के लिए जाना जाता है। कद्दू के लालटेन, भूतों की पोशाकें और कैंडी के थैले इस त्योहार के प्रमुख आकर्षण हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस त्योहार की शुरुआत कैसे हुई और इसका क्या महत्व है? आइए जानते हैं।

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    हैलोवीन का इतिहास

    हैलोवीन की शुरुआत सेल्टिक संस्कृति से हुई है, जो आजकल के आयरलैंड, ब्रिटेन और उत्तरी फ्रांस में रहती थी। सेल्टिक लोग 31 अक्टूबर को साल का अंत मानते थे और इस दिन को 'सैमहेन' कहते थे। उनके अनुसार, इस दिन मृतकों की आत्माएं धरती पर आती थीं और जीवित लोगों को परेशान करती थीं। इसलिए, लोग इन आत्माओं को खुश करने के लिए बॉन फायर करते थे और उनके लिए भोज का आयोजन करते थे।

    जब रोमन साम्राज्य ने सेल्टिक क्षेत्रों पर विजय हासिल की, तो उन्होंने अपनी मृतकों की देवी पोमोना को सेल्टिक त्योहार सैमहेन के साथ मिला दिया। इसी तरह, ईसाई धर्म के प्रसार के साथ, कैथोलिक चर्च ने 2 नवंबर को 'ऑल सेंट्स डे' और 'ऑल सोल्स डे' मनाना शुरू किया। इन दोनों त्योहारों ने सैमहेन त्योहार को प्रभावित किया और धीरे-धीरे एक नया त्योहार 'हैलोवीन' का रूप ले लिया।

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    हैलोवीन कैसे मनाया जाता है?

    आजकल, हैलोवीन को दुनिया भर में एक मनोरंजक त्योहार के रूप में मनाया जाता है।

    • कॉस्ट्यूम- हैलोवीन का सबसे जरूरी हिस्सा कॉस्ट्यूम है। लोग अलग-अलग प्रकार के डरावने और क्रिएटिव कॉस्ट्यूम पहनते हैं। बच्चों को भूत, चुड़ैल, राक्षस और सुपरहीरो के रूप में तैयार होना बहुत पसंद होता है।
    • ट्रिक-ओर-ट्रीट- बच्चों के लिए हैलोवीन का सबसे रोमांचक हिस्सा ट्रिक-ओर-ट्रीट है। बच्चे डरावने कॉस्ट्यूम में घर-घर जाकर कैंडी और अन्य मिठाइयां मांगते हैं।
    • जैक-ओ’-लैंटर्न- जैक-ओ’-लैंटर्न हैलोवीन का एक प्रतीक है। इसे एक कद्दू को खोखला करके और उसमें एक मुंह और आंखें बनाकर बनाया जाता है। कद्दू के अंदर एक मोमबत्ती जलाई जाती है, जिससे यह रात में चमकता हुआ दिखाई देता है।
    • हैलोवीन पार्टियां- हैलोवीन पर कई जगह पार्टियां आयोजित की जाती हैं। इन पार्टियों में लोग डरावने कॉस्ट्यूम पहनकर डांस करते हैं, गाने गाते हैं और तरह-तरह की डिशेज का आनंद लेते हैं।
    • डरावनी कहानियां- हैलोवीन पर डरावनी कहानियां सुनाना एक लोकप्रिय परंपरा है। लोग एक-दूसरे को डरावनी कहानियां सुनाकर डर का माहौल बनाते हैं।

    हैलोवीन का भारत में प्रचलन

    भारत में भी हैलोवीन धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहा है। बड़े शहरों में कई रेस्तरां और बार हैलोवीन पार्टियां आयोजित करते हैं। युवाओं के बीच हैलोवीन कॉस्ट्यूम पहनना और पार्टियों में जाना काफी लोकप्रिय हो रहा है।

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