Constitution Day 2024: क्या आपको पता है भारत के संविधान से जुड़ी 10 हैरान करने वाली बातें
भारत को लोकतांत्रिक देश हमारे संविधान ने बनाया है। यह कोई मामूली दस्तावेज नहीं है बल्कि यह भारत की अखंडता और एकता को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ था इसलिए इस दिन को संविधान दिवस (Constitution Day 2024) के रूप में मनाया जाता है। आइए जानें इससे जुड़ी रोचक बातें।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Samvidhan Divas 2024: हर साल 26 नवंबर के दिन संविधान दिवस (National Constitution Day 2024) मनाया जाता है। भारत के लिए यह दिन बेहद खास है और काफी अहमियत रखता है। डॉ. बी. आर. अंबेडर की अध्यक्षता में इसी दिन 1949 में भारत के संविधान को अपनाया गया था। हालांकि, ध्यान देने वाली बात यह है कि इसे लागू 26 जनवरी 1950 को किया था, लेकिन 26 नवंबर को इसलिए खास माना जाता है, क्योंकि इस दिन संविधान को अंतिम स्वरूप दिया गया था।
भारत का संविधान एक ऐसा दस्तावेज है, जिसने भारत को एक लोकतांत्रिक देश बनाया है। यह एक ऐसा दस्तावेज है, जो हमारी विविधता को स्वीकार करता है और सभी नागरिकों को समानता का अधिकार देता है। इसलिए संविधान दिवस हमारे लिए बेहद खास है। आइए इसी मौके (75th Constitution Day of India) पर भारत के संविधान से जुड़ी कुछ ऐसी हैरान करने वाली बातों पर नजर डालते हैं, जिनके बारे में शायद आप नहीं जानते होंगे।
सबसे लंबा लिखित संविधान
भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसमें 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 25 भाग हैं। इसकी विशालता का कारण यह है कि इसमें भारत की विविधता और जटिलताओं को अपने भीतर समाए हुए है।
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हाथ से लिखा हुआ
भारतीय संविधान की मूल प्रति हाथ से लिखी हुई है। इसे प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने इटैलिक स्टाइल राइटिंग में लिखा था। यह प्रति भारत के संसद भवन की सेंट्रल लाइब्रेरी में हीलियम गैस से भरे शीशे के बॉक्स में सुरक्षित रखी हुई है।
2 साल, 11 महीने और 18 दिन में तैयार
संविधान सभा ने 2 साल, 11 महीने और 18 दिन में कुल 114 दिन बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने संविधान का मसौदा तैयार किया और उसमें कई संशोधन किए।
2000 से ज्यादा संशोधन
अंतिम रूप मिलने से पहले भारतीय संविधान के पहले ड्राफ्ट में करीब 2000 संशोधन किए गए थे। यह दर्शाता है कि संविधान को बनाने में कितनी मेहनत और विचार-विमर्श किया गया था।
15 महिलाओं ने किया हस्ताक्षर
संविधान पर हस्ताक्षर करने वालों में 15 महिलाएं भी शामिल थीं। यह दर्शाता है कि संविधान सभा में महिलाओं की भागीदारी कितनी महत्वपूर्ण थी।
अंग्रेजी संस्करण में 117,369 शब्द
भारतीय संविधान के अंग्रेजी संस्करण में कुल 117,369 शब्द हैं। यह दर्शाता है कि संविधान कितना विशाल है।
संविधान की आत्मा
संविधान की आत्मा कही जाने वाली प्रस्तावना को अमेरिकी संविधान से लिया गया है। भारतीय संविधान में अब तक 124 बार संशोधन हुआ है, लेकिन प्रस्तावना में कभी कोई बदलाव नहीं किया गया है।
अशोक चक्र बना राष्ट्रीय चिन्ह
26 जनवरी 1950 को ही अशोक चक्र को बतौर राष्ट्रीय चिन्ह स्वीकार किया था।
मौलिक अधिकारों का वर्गीकरण
भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों को छह भागों में बांटा गया है- समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, सांस्कृतिक तथा शिक्षा सम्बंधित अधिकार और संवैधानिक उपचारों का अधिकार।
कई देशों से प्रेरित
भारतीय संविधान कई देशों से प्रेरित माना जाता है। इन देशों में ब्रिटेन, अमेरिका, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, कनाडा, जापान और रूस शामिल हैं।
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