अयोध्या की रामनवमी, शक्तिपीठों में अनुष्ठान; देशभर में कुछ इस तरह से मनाई जाती है Chaitra Navratri
भारत में नवरात्र की हर राज्यों में अलग महत्व और परंपरा है। कहीं यह भक्ति और व्रत के रूप में मनाई जाती है तो कहीं नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों (Chaitra Navratri Celebration Across India) के माध्यम से इसका आयोजन किया जाता है। अयोध्या में चैत्र नवरात्र के मौके पर अलग ही रौनक देखने को मिलती है। वहीं शक्तिपीठों में खास अनुष्ठान किए जाते हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में नवरात्र एक जरूरी त्योहारों में से एक है। इसे देशभर में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। 30 मार्च से चैत्र नवरात्र की शुरूआत हो रही है। पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाएगी। तरह-तरह के पकवानों का भोग लगाया जाता है और कई अन्य दूसरे तरह के कार्यक्रमों (Chaitra Navratri Celebration Across India) का भी आयोजन किया जाता है।
भारत के अलग-अलग राज्यों में विभिन्न तरीकों से नवरात्र का सेलिब्रेशन होता है। इसे अपने अनूठे रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है। पूरे भारत में इसे भक्ति, व्रत, हवन और विभिन्न सांस्कृतिक परंपराओं के साथ मनाया जाता है। आज हम आपको अपने इस लेख में बताने जा रहे हैं कि भारत के विभिन्न राज्यों में चैत्र नवरात्र कैसे मनाया जाता है।
उत्तर भारत में कन्या पूजन और रामनवमी
यूपी, बिहार, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में चैत्र नवरात्र का विशेष महत्व है। यहां पूरे नौ दिन माता की अराधना की जाती है। पहले दिन घटस्थापना के साथ मां के मूर्ति की स्थापना होती है। पूरे नौ दिन मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। ज्यादातर भक्त इन 9 दिनों तक व्रत रखते हैं। अष्टमी और नवमी पर कन्या पूजन का विशेष महत्व है। रामनवमी (Ram Navami Ayodhya) का पर्व भी खास हाेता है क्योंकि इसी दिन प्रभु श्री राम का जन्म हुआ था। अयोध्या में राम नवमी पर अलग ही रौनक देखने को मिलती है।
वेस्ट बंगाल में दुर्गा सप्तशती का पाठ और हवन
वैसे ताे बंगाल में शारदीय नवरात्र की ज्यादा रौनक देखने को मिलती है। हालांकि चैत्र नवरात्र का भी धार्मिक महत्व है। इन दिनों भक्त दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं और मां दुर्गा की मूर्तियों की स्थापना कर पूजा करते हैं। यहां हवन और भंडारे का आयोजन किया जाता है।
दक्षिण भारत में हाेती मां दुर्गे के विभिन्न स्वरूपों की पूजा
तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में चैत्र नवरात्र का विशेष महत्व है। इस दौरान यहां मां दुर्गा, मां लक्ष्मी और सरस्वती माता की विशेष पूजा की जाती है। यहां के कई मंदिरों में भक्त नवदुर्गा की आराधना करते हैं। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में ‘बटुकम्मा’ उत्सव मनाया जाता है, जिसमें महिलाएं फूलों से विशेष आकृतियां बनाकर मां दुर्गा को अर्पित करती हैं।
गुजरात में मां अंबे की विशेष पूजा
गुजरात में चैत्र नवरात्र पर मां अंबे की विशेष रूप से पूजा की जाती है। कई मंदिरों में अखंड ज्योति जलाई जाती है और भक्त व्रत रखते हैं। हालांकि कुछ जगहों पर चैत्र नवरात्र के मौके पर भी गरबा का आयोजन किया जाता है।
हिमाचल-उत्तराखंड में शक्तिपीठों पर दिखती अलग रौनक
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के शक्तिपीठों (Chaitra Navratri Celebration Shakti Peeths) जैसे नैना देवी, ज्वालामुखी, चिंतपूर्णी, हाट कालिका और चामुंडा देवी मंदिर में चैत्र नवरात्र पर विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इन मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं और नौ दिनों तक भजन-कीर्तन होते हैं।
महाराष्ट्र में जगराता का होता आयोजन
महाराष्ट्र में चैत्र नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना की जाती है। इस दौरान मां दुर्गा की मूर्ति या कलश की स्थापना कर नौ दिनों तक पूजा की जाती है। कई जगहों पर जगराता का भी आयोजन होता है।
राजस्थान में भक्तिमय रहता माहौल
राजस्थान में आमेर की शिला माता, करणी माता और मेहंदीपुर बालाजी के मंदिरों में चैत्र नवरात्र बेहद खास तरीके से मनाया तजाता है। मंदिरों में जागरण होता है जहां भक्त माता के भजन गाते हैं।
मध्य प्रदेश में होता अनुष्ठान
मध्य प्रदेश में उज्जैन में हरसिद्धि माता मंदिर स्थित है। इसके अलाव यहां मैहर देवी मंदिर भी है। चैत्र नवरात्र पर यहां विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं। पूरे नौ दिनों तक भक्त उपवास करते हैं और माता की चौकी का आयोजन लगभग सभी घरों में किया जाता है।
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