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    Republic Day 2025 : मयूर नृत्य करके कलाकारों ने बांधा समां, जानिए यूपी के इस खास डांस का इतिहास

    मयूर नृत्य की शैली बहुत ही अनोखी और आकर्षक होती है। इसमें नर्तकी अपने हाथों और पैरों के साथ-साथ अपने शरीर के अन्य अंगों का भी उपयोग करती हैं। इस नृत्य में कलाकार मोर के पंख से बने खास वस्त्र पहनते हैं। इसमें नर्तकी अपने नृत्य के माध्यम से विभिन्न कथाओं और भावनाओं को व्यक्त करती हैं। यह नृत्य अपनी चमक और मनमोहक छटा के लिए दुनिया में मशहूर है।

    By Mohammed Ammar Edited By: Mohammed Ammar Updated: Sun, 26 Jan 2025 03:50 PM (IST)
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    Republic day 2025 की परेड में मयूर नृत्य ने सबका ध्यान आकर्षित किया।

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। मयूर नृत्य भारत का एक पारंपरिक नृत्य है, जो मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश में किया जाता है। यह नृत्य अपनी अनोखी शैली और महत्व के लिए जाना जाता है।

    76वें गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित परेड में यूपी से आए कलाकारों ने मयूर नृत्य करके सबका मन मोह लिया। इसलिए अब यह जरूरी है कि हम आपको इस नृत्य से जुड़ी बाकी चीजें और इसके बैकग्राउंड के बारे में बताएं। आपके लिए जानना अहम है कि इस नृत्य के नाम का क्या मतलब है और इसके साथ ही इस नृत्य की क्या खासियत है। 

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    1. नाम का अर्थ: मयूर नृत्य का नाम मयूर यानी मोर से लिया गया है। यह नृत्य मोर की गतिविधियों और उसके सौंदर्य को प्रदर्शित करता है। बता दें कि मयूर नृत्य, राधा और कृष्ण को समर्पित एक लोक नृत्य है। यह नृत्य श्रृंगार और प्रेम रस से भरा हुआ है। इस नृत्य में कलाकार मोर का रूप धारण करके नाचते हैं। 

    2. पारंपरिक परिधान: मयूर नृत्य में नर्तकी पारंपरिक परिधान पहनती हैं, जिसमें घाघरा, चोली, और ओढ़नी शामिल होते हैं। एक रोचक बात यह है कि मयूर नृत्य को देखने के बाद ऐसा लगता है कि सैकड़ों मोर एक साथ नाच रहे हों। 

    3. संगीत और वाद्य: मयूर नृत्य में संगीत और वाद्य यंत्रों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसमें ढोलक, मंजीरा, और बांसुरी जैसे वाद्य यंत्रों का उपयोग किया जाता है। बुंदेलखंड की महिलाएं राई नृत्य करती हैं, जिसे मयूर नृत्य भी कहा जाता है।

    4. नृत्य शैली: मयूर नृत्य की शैली बहुत ही अनोखी और आकर्षक होती है। इसमें नर्तकी अपने हाथों और पैरों के साथ-साथ अपने शरीर के अन्य अंगों का भी उपयोग करती हैं। इस नृत्य में कलाकार मोर के पंख से बने खास वस्त्र पहनते हैं।

    5. कथा और भावनाएं: मयूर नृत्य में कथा और भावनाओं का महत्वपूर्ण स्थान होता है। इसमें नर्तकी अपने नृत्य के माध्यम से विभिन्न कथाओं और भावनाओं को व्यक्त करती हैं। यह नृत्य अपनी चमक और मनमोहक छटा के लिए दुनिया भर में मशहूर है।

    6. सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व: मयूर नृत्य उत्तर प्रदेश और बिहार की सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को प्रदर्शित किया जाता है। मोर नृत्य, मोर की सुंदरता और चाल का वर्णन करता है। 

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