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    Republic Day 2025: सलामी मंच से गुजरी 16 राज्यों की खूबसूरत झांकियां, यहां देखें खास तस्वीरें

    Updated: Sun, 26 Jan 2025 01:12 PM (IST)

    भारत इस साल अपना 76वां गणतंत्र दिवस (Republic Day 2025) मना रहा है। इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। इसलिए इस दिन को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर भव्य परेड का आयोजन होता है जिसमें झांकियां भी शामिल होती हैं। इस साल 16 राज्यों की खास झांकियां देखने को मिली। आइए जानें इसके बारे में।

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    Republic Day 2025 पर देखने को मिली इन राज्यों की झांकी (Picture Courtesy: Jagran Files)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Republic Day 2025: भारत के 76वें गणतंत्र दिवस की परेड शुरू हो चुकी है। इस दिन साल 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ था, यानी 75 साल पहले भारत एक लोकतंत्र बना था। 26 जनवरी का तारिख भारत के स्वर्णिम इतिहास में बेहद खास जगह रखती है।

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    गणतंत्र दिवस को मनाने का जोश पूरे देश में देखने को मिलता है। देश के हर हिस्से में गणतंत्र दिवस को बड़े उल्लास के साथ मनाते है, लेकिन इसका बेहद खास जश्न भारत की राजधानी नई दिल्ली में मनाया जाता है। इस दिन कर्तव्य पथ पर सारे जहां से अच्छा की धुन से गूंज उठता है।

    गणतंत्र दिवस की परेड में सिर्फ सैन्य बलों के पराक्रम की झांकियां देखने को नहीं मिलती, बल्कि कई राज्यों और केंद्रिय मंत्रालयों की भी खास झलक देखने को मिलती है। इसके लिए सुरक्षा मंत्रालय सभी राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रिय मंत्रालयों से अपने प्रोपोजल्स लेती है और एक एक्सपर्ट्स की टीम इनमें से गणतंत्र दिवस की परेड के लिए झांकियों को चुनती है।

    इस साल भारत को गणतंत्र बने 75 साल पूरे हो रहे हैं, जिसे खास थीम- ‘स्वर्णिम भारत: विकास और विरासत’ से मनाया जा रहा है। इसी थीम के मुताबिक 16 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों और 15 केंद्रिय मंत्रालयों की झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी।

    गणतंत्र दिवस की परेड में ये झांकियां भारत को एकता के सूत्र में बांधती हैं। अलग-अलग राज्यों की संस्कृति और उनकी उपलब्धियों को झांकियों में दर्शाया जाता है। आइए जानते हैं क्या है इन झाकियों की खासियत।

    गोवा

    सलामी मंच के सामने राज्यों में सबसे पहले गोवा की झांकी देखने के मिली। गोवा के टूरिजम, बीच की खूबसूरती और वहां की संस्कृति को कल्चलर हेरिटेज ऑफ गोवा थीम के जरिए दर्शाया गया है।

    (Picture Courtesy: DD News)

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    उत्तराखंड

    इसके बाद उत्तराखंड की झांकी देखने को मिली, जिसकी थीम थी- कल्चरल हेरिटेज और एडवेंचर्स स्पोर्ट्स। इस झांकी में उत्तराखंड की खूबसूरती, एडवेंचरस टूरिजम और संस्कृति को प्रदर्शित किया गया।

    (Picture Courtesy: Jagran Files)

    हरियाणा

    इसके बाद हरियाणा की झांकी देखने को मिली। इसकी थीम थी- भगवद् गीता की झलक। इस झांकी में कुरुक्षेत्र का युद्ध और भगवान श्रीकृष्ण का मार्गदर्शन दिखाया गया है। इसके अलावा नीरज चोपड़ा जैसे हमारे होनहार भारतीय खिलाड़ियों की झलक भी देखने को मिली है। इस झांकी में हरियाणा की संस्कृति और आधुनिक उपलब्धियों को दर्शाया गया है।

    (Picture Courtesy: Jagran Files)

    झारखंड

    इसके बाद स्वर्णिम झारखंड के साथ झारखंड की झांकी देखने को मिली। शिक्षा के प्रचार-प्रसार पर इस झांकी के जरिए खूब जोर दिया गया। इस झांकी में रतन टाटा को भी श्रद्धांजलि दी गई। यहां के खास नृत्य इस झांकी की खूबसूरती को दिखा रहे हैं।

    (Picture Courtesy: DD News)

    गुजरात

    गुजरात की झांकी बेहद खास है। इस झांकी में सरदार पटेल, एयर क्राफ्ट मैनुफैक्चरिंग और नृत्य के जरिए स्वर्णिम भारत: विकास और विरासत को दर्शाया गया है। मेक इन इंडिया मिशन में गुजरात के अहम योगदान को इस झांकी में दर्शाया गया है।

    (Picture Courtesy: DD News)

    आंध्र प्रदेश

    इसके बाद आंध्र प्रदेश की खास झांकी देखने को मिली। इसकी थीम थी- एटिकोपक्का: ईको-फ्रेंडली वुडन टॉय। इस 400 साल पुरानी कला को जीआई टैग भी मिला हुआ है। इस झांकी में आंध्र प्रदेश की धरोहर और संस्कृति को दर्शाया गया है।

    (Picture Courtesy: DD News)

    पंजाब

    इसके बाद पंजाब की झांकी आई, जिसमें वहां के आर्ट और हस्तकला को दर्शाया गया। इस झांकी में सूफी संत बाबा शेख फरिजी को भजन लिखते हुए दिखाया गया, खेती, गुरबानी और वहां की संस्कृति को दर्शाया गया।

    (Picture Courtesy: Jagran Files)

    उत्तर प्रदेश

    इसके बाद उत्तर प्रदेश की झांकी देखने को आई, जिसकी थीम थी- महाकुंभ। इस झांकी में सनातन धर्म, महाकुंभ और समुद्र मंथन की झलक दिखाई गई।

    (Picture Courtesy: Jagran Files)

    बिहार

    उत्तर प्रदेश के बाद बिहार की झांकी सलामी मंच के सामने से गुजरी। भगवान गौतम बुद्ध की शिक्षा और नालंदा विश्वविद्यालय के इतिहास की ओर ध्यान खिंचा गया।

    (Picture Courtesy: DD News)

    मध्य प्रदेश

    इसके बाद कर्तव्य पथ से मध्य प्रदेश की झांकी गुजरी। मध्य प्रदेश में 70 साल बाद चीते लौटे हैं, जिसे इस झांकी के जरिए दिखाया गया है। यहां अब 24 चीते हैं। एक सुंदर झांकी के जरिए इन्हें दर्शाया गया।

    (Picture Courtesy: DD News)

    त्रिपुरा

    इसके बाद कर्तव्य पथ पर त्रिपुरा की झांकी देखने को मिली। इस झांकी में त्रिपुरा के 14 देवताओं की पूजा, बैंबू आर्ट और वहां की खूबसूरत संस्कृति को दिखाया गया।

    (Picture Courtesy: DD News)

    कर्नाटक

    इसके बाद कनार्टक की झांकी आई। इसमें हार्ट ऑफ स्टोन क्राफ्ट को दर्शाया गया। इसमें लक्ष्मी-नारायण, काशी विश्वेशवरा मंदिर और ननेश्वरा मंदिर की शिल्पकला को दर्शाया गया।

    (Picture Courtesy: DD News)

    दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव

    कनार्टक के बाद दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव की झांकी कर्तव्य पथ से गुजरी। इस झांकी में वन्य जीवन, मछली पालन और अन्य विकास को दर्शाया गया।

    (Picture Courtesy: DD News)

    इन झांकियों के जरिए अलग-अलग राज्यों की संस्कृति और समृद्धि को दर्शाया गया है। इन झांकियों के साथ कर्तव्य पथ पर कई कल्चर प्रोग्राम भी हुए, जिससे गणतंत्र दिवस का समा बंध गया था।

    यह भी पढ़ें: कर्तव्य पथ पर नहीं, बल्कि इस स्टेडियम में मनाया गया था पहला गणतंत्र दिवस

    Source:

    PIB: Defence Ministry Press Release: https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2095127

    PIB: Defence Ministry Press Release: https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=2094644

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