सैनिक की यूनिफॉर्म से फॉर्मल आउटफिट तक, पढ़ें 'टाई' के स्टाइल आइकन बनने की कहानी
इस आर्टिकल में हम आपको टाई के सदियों पुराने इतिहास और उसमें हुए बदलावों के बारे में बताएंगे। टाई वर्तमान में एक महत्वपूर्ण फैशन एक्सेसरी है, जिसके बिना फॉर्मल आउटफिट को अधूरा माना जाता है। हालांकि, यह हमेशा से ऐसी नहीं थी। इसने अपने मौजूदा स्वरूप में आने के लिए लंबा सफर तय किया है। आइए जानते हैं टाई की कहानी।
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क्या आप जानते हैं टाई की कहानी (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। फैशन की दुनिया में अक्सर नई-नई चीजें आती रहती हैं। कई बार जरूरत के लिए, तो कई बार खूबसूरत दिखने के लिए फैशन वर्ल्ड में समय-समय पर कई आविष्कार हुए और टाई इन्ही में से एक है। वर्तमान में फॉर्मल आउटफिट का अहम हिस्सा बन चुकी टाई एक दौर में सिर्फ एक यूनिफॉर्म का हिस्सा हुआ करती थी। बाद में यह धीरे-धीरे चलने में आई और आज एक डिसेंट लुक के लिए हर कोई इसका इस्तेमाल कर रहा है।
आइए आज आपको बताते हैं कब और कैसे चलन में आई टाई। साथ ही यह भी जानेंगे कि किसने सबसे पहले इसका इस्तेमाल किया। आइए जानते हैं टाई का सदियों पुराना इतिहास-
टाई का इतिहास
टाई या नेकटाई इन दिनों एक जरूरी एक्सेसरीज बन चुकी है, लेकिन इसका इतिहास सदियों पुराना है। अगर पीछे मुड़कर इसके इतिहास को देखा जाए, तो इसका जिक्र सबसे पहले 17वीं शताब्दी में मिलेगा। अगर बात करें टाई को फैशन स्टेटमेंट बनाने की, तो इसका श्रेय फ्रांस को जाता है, लेकिन इसे बांधने की शुरुआत क्रोशिया के लोगों ने की थी।
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दरअसल, फ्रांस में तीस साल के युद्ध के दौरान, राजा लुइस XIII ने एक क्रोएशियाई सैनिक को काम पर रखा था। वह सैनिक अपनी यूनिफॉर्म के हिस्से के तौर पर अपने गले में कपड़े का एक टुकड़ा पहनता था। जब राजा ने इस नेकपीस को देखा, तो वह तुरंत इससे मोहित हो गए और उन्होंने इस टाई को शाही समारोहों के लिए एक अनिवार्य एक्सेसरी बना दिया।
सबसे पहले टाई किसने पहनी थी?
हालांकि, टाई के इन्वेंशन की कहानी यहीं खत्म नहीं होती है। टाई का सबसे पहला रिकॉर्ड असल में 1550 ईसा पूर्व मिस्र का है। यहां कुछ पुरातत्वविदों को ममी के गले में टाई जैसे कपड़े बंधे होने के साक्ष्य मिले हैं, जिसे आइसिस की गांठ के रूप में भी जाना जाता है। मिस्र के लोगों का मानना था कि गांठें जादूई थीं, जिसे अक्सर ताबीज के रूप में इस्तेमाल किया जाता था।
इसके अलावा एक और पुरातत्व खोज में टाई जैसा कुछ पाया गया। दरअसल, एक पुरातत्व खोज में गर्दन के चारों ओर कपड़ा बांधे हुए पुरुष की मूर्ति मिली, जो टेराकोटा सेना थी, जिसे 210 ईसा पूर्व के आसपास चीनी सम्राट किन शि हुआंग के साथ दफनाया गया था। ऐसी करीब 8,000 मूर्तियों में नेकक्लोथ की विभिन्न व्यवस्थाएं देखने को मिली, जिसे सैनिकों के रैंक का प्रतीक माना गया।
कैसे मिला टाई को आकार
इसके बाद से सिर्फ उच्च फ्रांसीसी राजशाही ही नेकटाई पहना करते थे, लेकिन बाद में यह पूरे यूरोप में एक आम फैशन स्टेटमेंट बन गई। हर साल बीतने के साथ, नेकटाई की शैली और डिजाइन बदल गई। 1920 के दशक में, न्यूयॉर्क के एक टाई निर्माता ने कपड़े को इस तरह काटकर सिला कि उससे वर्तमान में प्रचलित टाई को आकार मिला। उसके बाद भले ही टाई की चौड़ाई और लंबाई में बदलाव आता रहा, लेकिन इसकी बेसिक डिजाइन वही रही।
वर्तमान में टाई का स्वरूप
वहीं, 1930 के दशक में, ड्यूक ऑफ विंडसर ने टाई के विकास को देखा और इसमें एक एक्सट्रा चौड़ी गांठ को जोड़ा और इसका एक निश्चित रूप पाने के लिए विशेष रूप से मोटे कपड़े से टाई बनवाई। फैंसी से लेकर सिंपल आउटफिट तक, टाई में गर्दन के चारों ओर कपड़े का एक लंबा टुकड़ा होता है और इसे सामने की ओर बांधा जाता था, जिसे 'फोर-इन-हैंड' स्टाइल भी कहा जाता है।
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