कहानी गहनों की: 400 साल पुरानी 'थेवा जूलरी', जो 24 कैरेट सोना और कांच का है अद्भुत संगम
राजस्थान अपनी कला और संस्कृति के लिए जाना जाता है। यहीं की एक और मशहूर धरोहर है थेवा जूलरी (Thewa Jewellery)। ये गहने देखने में जितने खूबसूरत होते हैं, बनाने में उतने ही जटिल। इनका इतिहास लगभग 400 साल पुराना है, लेकिन आज भी इनकी लोकप्रियता वैसी की वैसी बरकरार है। आइए जानें इस जूलरी से जुड़ी दिलचस्प बातें।

बेहद खास हैं थेवा जूलरी
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान सिर्फ शाही महलों, रंग-बिरंगे बाजारों और लोक संगीत का खजाना नहीं है, बल्कि यहां के पारंपरिक गहने भी दुनिया भर में मशहूर हैं। इन्हीं में से एक है थेवा जूलरी। इस तरह की जूलरी (Thewa Jewellery) बनाने की शुरुआत कई सौ साल पहले हुई थी, लेकिन आज भी यह लोगों की पहली पसंद बना हुआ है।
शादी-ब्याह जैसे कई खास मौकों पर महिलाएं थेवा जूलरी को अपनी पहली पसंद बनाती हैं। ऐसे में सवाल आता है कि आखिर ये गहने इतने खास क्यों हैं? कैसे ये जूलरी राजस्थानी विरासत का अहम हिस्सा बन गए (Thewa Jewellery History)। आइए कहानी गहनों की सीरीज में थेवा जूलरी से जुड़े कुछ ऐसे ही सवालों के जवाब जानते हैं।
थेवा जूलरी क्या है?
थेवा जूलरी एक ऐसी अनोखी कला है, जिसमें 24 कैरेट सोने की बेहद पतली शीट को रंगीन कांच पर सेट किया जाता है। सोने पर हाथ से बनाई गई जटिल नक्काशी और कांच की चमक दोनों मिलकर इसे एक शानदार और रॉयल रूप देते हैं। हर पीस पूरी तरह हैंडक्राफ्टेड होता है, इसलिए हर डिजाइन एकदम अनोखा और खास माना जाता है।
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(Picture Courtesy: Instagram)
थेवा कला का इतिहास
इस कला की शुरुआत करीब 400 साल पहले राजस्थान के प्रतापगढ़ में हुई। श्री नथू लाल सोनी जी ने 1707 में इसे पहली बार तैयार किया और देखते ही देखते इसकी ख्याति राजदरबारों तक पहुंच गई। 1765 में महाराजा सुमंत सिंह ने इस कला को संरक्षण दिया और नथू लाल सोनी को ‘राज सोनी’ की उपाधि दी।
मेवाड़ के राजकुमार को पहली बार थेवा आर्टवर्क भेंट किया गया। तब से यह कला पीढ़ी दर पीढ़ी एक ही परिवार में आगे बढ़ती रही है। आज इसके नमूनों को Metropolitan Museum (New York), Victoria & Albert Museum (London) समेत कई अंतरराष्ट्रीय म्यूजियम में भी जगह मिली है, जो इसकी प्रतिष्ठा बताने के लिए काफी है।
थेवा जूलरी की बनाने की प्रक्रिया
थेवा बनाना कोई साधारण काम नहीं। इसमें महीनों की मेहनत, धैर्य और कला की जरूरत होती है। इसकी प्रक्रिया कुछ ऐसे होती है-
- सोने को बहुत पतली शीट में तब्दील किया जाता है।
- इस गोल्ड शीट पर हाथ से बेहद बारीक नक्काशी की जाती है।
- विशेष तकनीक से इस डिजाइन को रंगीन कांच पर सेट किया जाता है।
- कांच और सोने को “हीट-फ्यूजन” की परंपरागत तकनीक से जोड़ा जाता है।
थेवा जूलरी बनाने का काम इतना बारीक होता है कि एक पीस तैयार करने में एक महीने तक सा समय लग जाता है। यही कारण है कि थेवा जूलरी को टाइमलेस आर्ट कहा जाता है।
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(Picture Courtesy: Instagram)
इस जूलरी के डिजाइन कैसे होते हैं?
थेवा जूलरी में बनते डिजाइन सिर्फ सुंदर नहीं होते, बल्कि कहानियां भी कहते हैं। इनमें से कुछ खास थीम हैं-
- रामायण, कृष्ण-लीला और अन्य पौराणिक दृश्य
- हाथी, घोड़े, हिरण, शेर
- राजपूताना वीरता
- मोर, फूलों और बेलों जैसे प्रकृति से जुड़े डिजाइन
- शाही शादियों के दृश्य
इसीलिए यह जूलरी कला, इतिहास और भावना का संगम बनकर सामने आती है।
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(Picture Courtesy: Instagram)
थेवा जूलरी की खास बातें
- थेवा जूलरी बनाने में सारा काम हाथ से किया जाता है मशीन की कोई भूमिका नहीं।
- सोने और कांच का संगम इसे दुनिया में बिल्कुल अनोखा बनाता है।
- हर पीस में एक कहानी छुपी होती है जैसे एक मिनिएचर पेंटिंग।
- 2014 में थेवा को GI टैग मिला, जिससे इसकी प्रामाणिकता और भी मजबूत हो गई।
असली थेवा जूलरी की पहचान कैसे करें?
आजकल बाजार में नकली पीस भी मिल जाते हैं, इसलिए इन्हें पहचानना जरूरी है-
- सोने की नक्काशी पूरी तरह हाथ से बनी हो। अगर नक्काशी बहुत एक जैसी, मशीन-कट या परफेक्ट दिखाई दे रही है, तो वह असली थेवा नहीं है।
- कांच के पीछे लाल, हरा, नीला, बैंगनी जैसे गहरे रंग होते हैं। असली थेवा में कांच की चमक बेहद साफ और गहरी होती है।
- ज्यादातर असली पीस में पौराणिक या शाही दृश्य बनाए जाते हैं।
- असली कलाकारों के बनाए थेवा में प्रमाण पत्र मिलता है।
- सोने और कांच का जुड़ाव बेहद फाइन हो। दोनों के बीच कोई गैप या चिपकाने का निशान नहीं दिखना चाहिए।
थेवा जूलरी सिर्फ एक आभूषण नहीं है, बल्कि यह 400 साल पुरानी शाही कला, राजस्थान की पहचान और भारतीय हस्तकला की अनमोल धरोहर है। अपने अनोखे रंग, सोने की नक्काशी और बारीक डिजाइनों की वजह से यह दुनिया भर में पसंद की जाती है। अगर आप ऐसी जूलरी पसंद करते हैं जो दिखने में खूबसूरत होने के साथ इतिहास और विरासत भी समेटे हो, तो थेवा जूलरी आपके लिए एक परफेक्ट चॉइस है।

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