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    बच्चों का कमरा हो खास..

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    Updated: Wed, 22 Aug 2012 12:35 PM (IST)

    बच्चों के कमरे को डेकोरेट करने के लिए विकल्प की कोई कमी नहीं है, लेकिन जब नन्हे-मुन्नों के कमरों की सजावट की बात होती है तो ऐसे में सबसे ज्यादा जरूरत उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखने की होती है।

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    बच्चों के कमरे को डेकोरेट करने के लिए विकल्प की कोई कमी नहीं है, लेकिन जब नन्हे-मुन्नों के कमरों की सजावट की बात होती है तो ऐसे में सबसे ज्यादा जरूरत उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखने की होती है। बच्चों के कमरों को अट्रैक्टिव बनाने के लिए जहां उनके कमरों का कलरफुल होना जरूरी है तो वहीं इसे ऑर्गेनाइज्ड भी लगना चाहिए। घर के ऐसे हिस्से के लिए आप चाहें तो मल्टीपरपज फर्नीचर ले सकते हैं। बाजार में ऐसी ऑप्शन की कोई कमी नहीं हैं। दिल्ली की बात करें तो कीर्ति नगर फर्नीचर मार्केट के अलावा पंचकुइयां रोड में ऐसे फर्नीचर की बड़ी और व्यापक रेंज तलाशी जा सकती है। जानते हैं कुछ ऐसे फर्नीचर के बारे में जो छोटे कमरे को बड़ा लुक देने में कोई कसर नहीं छोड़ते साथ ही बच्चों को क्रिएटिव डायरेक्शन में मोटीवेट करने में भी मददगार साबित होते हैं-

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    बेड

    किड्स रूम के फर्नीचर में यह सबसे खास पार्ट है। आजकल बाजार में दस हजार से लेकर 45 हजार तक की कीमत में कई तरह के बेड उपलब्ध हैं।

    -यदि कमरा छोटा है तो आप ऐसा बेड ट्राइ करें जिसमें बाहर की ओर खींचने वाली दराज हों। ऐसा करने से बच्चे का हर जरूरत का सामान इन दराजों में रखा जा सकेगा।

    -बच्चे का बेड जमीन से बमुश्किल एक से दो फीट ऊंचा ही हो तो बेहतर है क्योंकि कई बच्चों को नींद में बिस्तर से नीचे गिरने की समस्या होती है। ऐसा होने से उन्हें चोट लगने का खतरा नहीं रहेगा।

    -बच्चों के बेड की बैक किसी कार्टून केरेक्टर की शक्ल में हो सकती है या फिर उसके सिराहने पर हरे भरे पेड़ पौधों की पेंटिंग भी खूबसूरत दिखेगी।

    -बच्चों के बेड प्लास्टिक के भी अच्छे लगेंगे जिनमें यलो, रेड, लीफ ग्रीन, ब्लू जैसे ब्राइट कलर्स बच्चे को पॉजिटिव एनर्जी देंगे।

    -यदि दो बच्चे एक रूम को शेयर कर रहे हैं तो फिर ट्वीन बेड अच्छा रहेगा। इसमें एक बेड के ऊपर दूसरा बेड कम स्पेस में दो बच्चों को अकोमोडेट कर सकता है।

    स्टोरेज

    बच्चों के कमरे में स्टोरेज एक बड़ी चुनौती है। वैसे भी बच्चे सामान को इधर-उधर फैलाकर रखते हैं। उसमें यदि उनकी अलमारी अट्रैक्टिव होगी तो बच्चे खुद ब खुद उसमें सामान रखना शुरू कर देंगे। आजकल बाजार में ऐसी अलमारियां उपलब्ध हैं जो स्टोरेज के साथ ही कमरे की डेकोरेशन में भी इस्तेमाल हो

    सकती हैं।

    -बच्चों के कमरे के लिए मूवेबल व हल्की अलमारी ट्राइ की जा सकती है। ये अलमारी प्लास्टिक की होगी तो उसे आसानी से इधर-उधर किया जा सकता है।

    -उसके अलावा बच्चे के बेड के पास कार्नर टेबल भी रखी जा सकती है। जिस पर बच्चे के कुछ खिलौने सजाए जा सकते हैं और साथ ही रात को पढ़ने के बाद वो अपनी किताबें उस पर रख सकता है।

    -बच्चे के कमरे में एक ओपन शैल्फ भी होनी चाहिए जिसमें उसके टैडी बीयर, ट्राफीज या अन्य खिलौने सजाए जा सकते हैं।

    -होल्डर को दीवार पर टांग कर उसमें भी हल्का फुल्का सामान जैसे बच्चे की कॉमिक्स, पेंटिंग कलर ब्रश आदि रखे जा सकते हैं।

    -अलमारी के कवर प्लास्टिक या रैक्सीन आदि के होते हैं जिन पर फ्लोरल प्रिंट्स, फॉरेस्ट प्रिंट के साथ ही बेबी पिक्चर भी अच्छी लगेंगी।

    स्टडी कॉर्नर

    बच्चे का स्टडी कॉर्नर कुछ खास होना चाहिए जिससे बच्चे का उसमें रुझान बना रहे। आजकल बाजार में कई तरह की स्टडी टेबल व चेयर उपलब्ध हैं जिन्हें देखकर ही उन पर बैठने का मन करेगा।

    -अगर बच्चा प्री स्कूल में है तो उसके लिए ब्राइट कलर में ऐसी टेबल ले सकते हैं जिस पर ए टू जैड एलफाबेट लिखे हैं या फिर गिनती लिखी हो। उसके अलावा टेबल टॉप पर फलों व फूलों की कृतियां बनी हुई भी आ रही हैं।

    प्रतीक्षा सक्सेना दत्ता

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